चैत्र नवरात्रि के शुभ मौके पर मध्य प्रदेश के महू स्थित काली माता के 3 सौ साल पुराने मंदिर में भक्तों का उत्साह चरम पर है। यह मंदिर अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्वता के लिए प्रसिद्ध है। ऐसा कहा जाता है कि, महू का काली माता मंदिर दुनिया का इकलौता ऐसा मंदिर है, जो सात रास्तों के संगम पर स्थित है। यह मंदिर अपनी अनोखी विशेषताओं के लिए जाना जाता है।
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3 सौ साल पुराना काली माता मंदिर
बताया जाता है कि यह काली माता का मंदिर महू के सात रास्ता स्थित है और इसका इतिहास लगभग 3 सौ साल पुराना है। माना जाता है कि बंगाल के देवी उपासकों ने वायुमार्ग से काली माता की प्रतिमा को यहां लाकर स्थापित किया था। यह मंदिर अन्य देवी मंदिरों से अलग है, क्योंकि यहां काली माता के साथ भैरव भगवान की भी मूर्ति स्थापित है, जो इसकी विशेष पहचान बनाती है।
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चैत्र नवरात्रि में खास आयोजन
वहीं नवरात्रि के दौरान इस मंदिर में तांत्रिक पूजन और दिव्य श्रृंगार की विशेष पूजा पद्धतियां आयोजित की जाती हैं। वहां के पंडितो के मुताबिक, इस बार नवरात्र में काली माता का पूजन मैथिली काली पूजा विधि से किया जाएगा। नवरात्र के आठ दिनों तक मंदिर में प्रतिदिन सुबह और शाम आरती का आयोजन होगा। अष्टमी और नवमी के दिन विशेष महा आरती भी की जाएगी।
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भक्तों के लिए विशेष भोग
बता दें कि, चैत्र नवरात्रि के दौरान हर दिन काली माता को विशेष भोग अर्पित किया जाएगा। विशेष रूप से अष्टमी के दिन महा निशाकाल पूजा रात 12 बजे होगी। इस मौके पर मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है, जो माता के दिव्य दर्शन का लाभ उठा रहे हैं।
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