इस बार पुष्य नक्षत्र में होगी रिकॉर्ड तोड़ सेल, जानें खरीदारी का सबसे शुभ समय

दिवाली और धनतेरस से पहले इस साल कई महा-शुभ योग बन रहे हैं। इनमें 14 अक्टूबर को नक्षत्रों के राजा पुष्य नक्षत्र का संयोग सबसे खास है। ज्योतिषियों के मुताबिक अगर आप धनतेरस पर खरीदारी न कर पाएं तो इन मुहर्त में खरीदारी कर सकते हैं।

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Kaushiki
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Latest Religious News:दिवाली का पर्व आने में बस कुछ ही दिन बचे हैं। हिंदू पंचांग के मुताबिक, इस साल पुष्य नक्षत्र का संयोग 2 दिन बन रहा है। इसे खरीदारी के लिए बहुत ही शुभ माना जा रहा है।

जीएसटी (GST) दरें कम होने के कारण इस बार इलेक्ट्रॉनिक सामानों और नई कारों की बिक्री में जबरदस्त उछाल आ सकता है। उज्जैन में ही इन दो दिनों में 10 करोड़ रुपए से ज्यादा का व्यापार होने की उम्मीद है। इस बार पुष्य नक्षत्र पर शनि और गुरु का 'केंद्र त्रिकोण योग' भी बन रहा है, जो इसे और भी खास बना रहा है।

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खरीदारी का शुभ समय (मुहूर्त)

पुष्य नक्षत्र की शुरुआत 14 अक्टूबर मंगलवार को सुबह 11:10 बजे से होगी और यह 15 अक्टूबर बुधवार को दोपहर 12:30 बजे तक रहेगा। मंगलवार को 'सिद्धि योग' और बुधवार को 'साध्य योग' रहेगा।

क्या खरीदना होगा शुभ?

  • पुष्य नक्षत्र पर शनि और गुरु का खास प्रभाव रहता है, इसलिए इन दोनों ग्रहों से जुड़ी चीजें खरीदना बहुत शुभ माना जाता है:

  • गुरु के प्रभाव वाली चीजें (समृद्धि के लिए): सोना, बही खाते, नई पॉलिसी (बीमा), बैंक की एफडी, धार्मिक वस्तुएं, रत्न।

  • शनि के प्रभाव वाली चीजें (स्थायित्व के लिए): नए वाहन (कारें), इलेक्ट्रिकल सामान, मशीनें, कपड़े, सोफा सेट, बर्तन और नए कारोबार (जैसे दुकान या फैक्ट्री) की शुरुआत।

  • सामान्य खरीदारी: महिलाएं सोने-चांदी के गहने या सिक्के खरीदें, पुरुष व्यापार से जुड़े सामान (कलम, बही खाता), और विद्यार्थी कॉपी-किताबें खरीद सकते हैं।

यह दो दिन का पुष्य नक्षत्र सफलता और तरक्की लाने वाला माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, ये सभी शुभ योग ही आने वाली तिथियों को खास बना रहे हैं।

तो अगर आप सोना-चांदी, नया वाहन, प्रॉपर्टी या कोई भी कीमती वस्तु खरीदना चाहते हैं तो इन तारीखों को अपनी लिस्ट में जरूर शामिल कर लें।

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नक्षत्रों के राजा करेंगे धन वर्षा

ज्योतिष शास्त्र में कुल 27 नक्षत्रों का वर्णन है। इन सब में पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra) को नक्षत्रों का राजा कहा गया है। यह नक्षत्र धन, वैभव और यश का प्रतीक माना जाता है।

इस साल 14 अक्टूबर 2025 (मंगलवार) को पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है। इस दिन खरीदारी करना बहुत ही उत्तम माना जाता है। यह मान्यता है कि पुष्य नक्षत्र में ही माता लक्ष्मी का जन्म हुआ था। इसलिए इस शुभ वेला में आप: 

  • सोना, चांदी और आभूषण खरीद सकते हैं।

  • नया वाहन या प्रॉपर्टी की डील फाइनल कर सकते हैं।

  • घर या व्यापार के लिए कोई बड़ा निवेश कर सकते हैं।

  • दिवाली पूजा के लिए माता लक्ष्मी और गणेश जी की प्रतिमा खरीद सकते हैं।

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Out of the 27 constellations, Pushya constellation is considered the most  auspicious, it is called the king of constellations | 27 नक्षत्रों में से पुष्य  नक्षत्र को सबसे शुभ माना जाता है,

दिवाली तक खरीदारी के शुभ मुहूर्त

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, धनतेरस और दिवाली को मिलाकर खरीदारी के लिए ये तारीखें सबसे खास रहने वाली हैं। इन दिनों में आप बेझिझक खरीदारी कर सकते हैं और लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं:

  • 12 अक्टूबर (रविवार): रवि योग

  • 14 अक्टूबर (मंगलवार): पुष्य नक्षत्र (नक्षत्रों का राजा)

  • 17 अक्टूबर (शुक्रवार): सिद्धि राजयोग

  • 18 अक्टूबर (शनिवार): धन त्रयोदशी (धनतेरस)

  • 19 अक्टूबर (रविवार): अमृत सिद्धि योग

  • 20 अक्टूबर (सोमवार): दीपावली (सर्वार्थ सिद्धि योग)

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दिवाली पर भी है विशेष शुभ योग

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, सबसे अच्छी बात यह है कि इस साल दिवाली का त्यौहार (20 अक्टूबर) भी एक अत्यंत शुभ योग, सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाया जाएगा। इसका मतलब है कि अगर आप धनतेरस पर कोई चीज नहीं खरीद पाए, तो आप दिवाली के दिन भी खरीदारी कर सकते हैं।

सर्वार्थ सिद्धि योग में शुरू किया गया कोई भी काम या की गई कोई भी खरीदारी सफल होती है। इसलिए जो लोग नया व्यापार शुरू करने, कोई प्रॉपर्टी खरीदने या बड़ा निवेश करने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए दिवाली का दिन बहुत ही उत्तम है।

इस शुभ घड़ी में लक्ष्मी पूजन करने से घर में स्थायी धन और खुशहाली का वास होता है। इन शुभ मुहूर्तों का ध्यान रखें और अपनी दिवाली की खरीदारी को सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि समृद्धि का एक शक्तिशाली माध्यम बना लें।

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही या सटीक होने का हम कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा और सही डिटेल्स के लिए, हमेशा उस फील्ड के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। धार्मिक अपडेट | Hindu News

FAQ

पुष्य नक्षत्र में खरीदारी करने का महत्व क्या है?
ज्योतिष शास्त्र में पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा माना गया है और यह धन, समृद्धि और शुभता का प्रतीक है। धार्मिक मान्यता है कि इस नक्षत्र में खरीदी गई कोई भी वस्तु (जैसे सोना, चांदी, वाहन या प्रॉपर्टी) स्थायी रूप से शुभ फल देती है और उसमें लगातार वृद्धि होती रहती है। ऐसा माना जाता है कि पुष्य नक्षत्र में मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन खरीदारी करने से लक्ष्मी जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और यह धनतेरस जितना ही फलदायी होता है।
अगर धनतेरस पर खरीदारी न कर पाएं तो क्या दिवाली तक कोई और शुभ मुहूर्त है?
इस साल दिवाली तक धनतेरस के अलावा खरीदारी के लिए कई अत्यंत शुभ मुहूर्त हैं। इसमें 14 अक्टूबर को पड़ने वाला पुष्य नक्षत्र सबसे खास है। इसके अलावा 12, 17 और 19 अक्टूबर को भी सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग जैसे शुभ योग बन रहे हैं। साथ ही, 20 अक्टूबर को दीपावली भी सर्वार्थ सिद्धि योग में है, जिसमें आप निश्चिंत होकर खरीदारी कर सकते हैं।
सर्वार्थ सिद्धि योग में खरीदारी करना क्यों शुभ माना जाता है?
सर्वार्थ सिद्धि योग को ज्योतिष में सबसे शुभ और शक्तिशाली योगों में से एक माना जाता है। सर्वार्थ का अर्थ है सभी इच्छाएं और सिद्धि का अर्थ है पूर्ति या सफलता। इस योग में की गई खरीदारी या शुरू किया गया कोई भी शुभ कार्य बिना किसी रुकावट के सफल होता है और इच्छित फल देता है। इसलिए दिवाली जैसे पवित्र त्योहार के दौरान इस योग में खरीदारी करने से घर में सुख, शांति और स्थायी धन की वृद्धि होती है।

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