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फाल्गुन मास हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। यह महिना माघ पूर्णिमा के अगले दिन से शुरू होता है। इस वर्ष ये 13 फरवरी यानी गुरुवार से शुभारंभ हो रहा है। वैदिक पंचांग के मुताबिक, यह माह कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर शुक्ल पक्ष (14 मार्च) की पूर्णिमा तिथि पर समाप्त होगा। ऐसा माना जाता है कि, यह महीना भगवान श्री कृष्ण और भगवान शिव की उपासना के लिए समर्पित है। साथ ही, इस दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक और मानसिक शांति मिलती है।
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इस महीने में प्रमुख त्योहार
फाल्गुन माह में कई प्रमुख त्योहार और धार्मिक आयोजन होते हैं। इनमें महाशिवरात्रि और होली विशेष रूप से महत्वपूर्ण होते हैं।
- महाशिवरात्रि: यह पर्व भगवान शिव की पूजा का सबसे बड़ा अवसर माना जाता है। भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और शिवलिंग पर जल, बेलपत्र और भस्म चढ़ाकर शिव की आराधना करते हैं।
- होली: रंगों का यह त्योहार प्रेम, खुशी और भाईचारे का प्रतीक है। फाल्गुन माह में होलिका दहन और उसके अगले दिन रंगों की होली मनाई जाती है।
- इसके अलावा, इस माह में विजया एकादशी भी आती है, जो भगवान विष्णु के आशीर्वाद के लिए मनाई जाती है।
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दान-पुण्य का भी है महत्व
इस माह में दान और पुण्य कर्मों का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि, इस माह में किए गए दान-पुण्य से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। इस दौरान अन्न, वस्त्र, धन और जरूरतमंदों की मदद करने से शुभ फल प्राप्त होता है। महाशिवरात्रि और होली के मौके पर दान करने से परिवार में खुशहाली और सौभाग्य बढ़ता है। इसके अलावा, माना जाता है कि इस माह में जल और अन्न का दान करने से पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आएगी
वैदिक पंचांग के मुताबिक, इस पवित्र माह में कुछ खास कार्य करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शुभता का संचार होता है।
- भगवान शिव और श्री कृष्ण की पूजा: नियमित रूप से भगवान शिव और श्री कृष्ण की आराधना करें।
- व्रत और ध्यान: महाशिवरात्रि और एकादशी के दिन व्रत रखें और ध्यान करें।
- दान-पुण्य: जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें।
- परिवार और रिश्तों में प्रेम: इस माह में अपनों के साथ प्रेम और सद्भाव बनाए रखें।
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इस मास में न करें ये कार्य
वैदिक पंचांग के मुताबिक, फाल्गुन मास को धार्मिक दृष्टि से शुद्ध और पवित्र माना गया है। इसलिए इस माह में कुछ कार्यों से बचना चाहिए। जैसे
- तामसिक आहार से परहेज: इस दौरान शराब, मांस, लहसुन और प्याज जैसे तामसिक पदार्थों का सेवन न करें।
- किसी को नुकसान न पहुंचाएं: इस माह में किसी को शारीरिक या मानसिक रूप से कष्ट देने से बचें।
- अपवित्रता से बचें: पूजा-पाठ और धार्मिक कार्यों के समय शुद्धता और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
- वाद-विवाद: रिश्तों में कड़वाहट और विवाद से दूर रहें, क्योंकि यह माह प्रेम और सद्भावना का प्रतीक है।
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