शारदीय नवरात्रि 2025 से पहले गुरु का नक्षत्र परिवर्तन, जानिए सभी 12 राशियों पर कैसा होगा इसका असर

शारदीय नवरात्र 2025 से पहले गुरु का पद नक्षत्र परिवर्तन 19 सितंबर को हो रहा है। यह गोचर कन्या, कर्क समेत कई राशियों के लिए शुभ फलदायी होगा। जानें सभी 12 राशियों पर इसका प्रभाव।

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Kaushiki
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नवरात्रि दुर्गा पूजा: वैदिक ज्योतिष में गुरु ग्रह को ज्ञान, शिक्षक, धन, विवाह और समृद्धि का कारक माना जाता है। इसे सबसे शुभ और प्रभावशाली ग्रहों में से एक माना जाता है, जिसकी शुभ दृष्टि जीवन में सुख और सौभाग्य लाती है।

ऐसे में ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक इस साल, शारदीय नवरात्रि से ठीक पहले गुरु का एक महत्वपूर्ण गोचर होने जा रहा है जिसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ेगा। 19 सितंबर 2025 को दोपहर 2 बजकर 01 मिनट पर देवगुरु बृहस्पति पुनर्वसु नक्षत्र के तृतीय पद में प्रवेश करेंगे।

इस परिवर्तन को ज्योतिष में बहुत ही खास माना जा रहा है क्योंकि यह कई राशियों के लिए भाग्य के द्वार खोल सकता है। इस दौरान गुरु मिथुन राशि में विराजमान हैं और 17 अक्टूबर तक इसी राशि में रहेंगे। इसके बाद 18 अक्टूबर को वे कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे।

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गुरु पद नक्षत्र परिवर्तन 2025

ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, शारदीय नवरात्र से पहले चमकेगी इन राशियों (राशिफल) की किस्मत-

मेष (Aries): 
मेष राशि वालों के लिए यह परिवर्तन मिश्रित परिणाम लेकर आएगा। कार्यक्षेत्र में थोड़ी मुश्किलें आ सकती हैं, लेकिन आपके प्रयास सफल होंगे। आर्थिक स्थिति सामान्य रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है।

वृषभ (Taurus): 
इस राशि के जातकों को आर्थिक लाभ होने की संभावना है। करियर में तरक्की के योग बन रहे हैं। परिवार के साथ संबंध मधुर होंगे। निवेश से फायदा हो सकता है।

मिथुन (Gemini): 
गुरु आपकी राशि में ही विराजमान हैं, जिससे यह परिवर्तन आपके लिए बहुत लाभकारी साबित होगा। धन लाभ होगा और नए अवसर मिलेंगे। हालांकि, स्वास्थ्य को लेकर थोड़ी सावधानी बरतें।

कर्क (Cancer): 
गुरु का यह गोचर कर्क राशि वालों के लिए अत्यंत शुभ है। आपकी किस्मत चमक जाएगी। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और पैतृक संपत्ति से लाभ मिल सकता है। करियर और व्यापार में सफलता मिलेगी। हालांकि, किसी भी गलत निर्णय लेने से बचें।

सिंह (Leo): 
सिंह राशि के जातकों को इस दौरान अपने खर्चों पर नियंत्रण रखना होगा। बेवजह के विवादों से बचें। करियर में सामान्य स्थिति रहेगी। हालांकि, परिवार के सदस्यों का सहयोग मिलेगा।

कन्या (Virgo): 
कन्या राशि के लिए यह परिवर्तन बेहद शुभ साबित होगा। धन लाभ के प्रबल योग हैं। कार्यक्षेत्र में पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी और व्यापार में तरक्की मिलेगी। प्रॉपर्टी से जुड़े मामलों में भी लाभ होगा। करियर में मनचाही सफलता मिलने की पूरी संभावना है।

तुला (Libra): 
तुला राशि के जातकों को इस समय कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। अनावश्यक तनाव से बचें। हालांकि, मेहनत का फल अवश्य मिलेगा। पारिवारिक जीवन में शांति बनाए रखें।

वृश्चिक (Scorpio): 
इस राशि के लिए गुरु का यह गोचर सामान्य रहेगा। करियर में स्थिरता बनी रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें और यात्राओं से बचें। आर्थिक मामलों में समझदारी से काम लें।

धनु (Sagittarius): 
धनु राशि के लिए गुरु का यह परिवर्तन बहुत शुभ है। आपके सभी रुके हुए कार्य पूरे होंगे। वैवाहिक जीवन में सुख और प्रेम बढ़ेगा। धन लाभ के नए रास्ते खुलेंगे।

मकर (Capricorn): 
मकर राशि वालों को इस दौरान सावधानी बरतनी होगी। सेहत का खास ख्याल रखें। कार्यक्षेत्र में अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। बेवजह के खर्चों पर नियंत्रण रखना जरूरी है।

कुंभ (Aquarius): 
कुंभ राशि के जातकों के लिए यह परिवर्तन शुभ फलदायी है। करियर में नए अवसर मिलेंगे। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। हालांकि, पारिवारिक मामलों में धैर्य से काम लें।

मीन (Pisces): 
मीन राशि वालों के लिए यह गोचर करियर में तरक्की लेकर आएगा। धन लाभ के योग हैं। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। आपके निर्णय सही साबित होंगे और आपको सफलता मिलेगी।

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ज्योतिष में गुरु ग्रह का महत्व

वैदिक ज्योतिष में गुरु ग्रह को देवताओं का गुरु माना जाता है। यह ज्ञान, शिक्षा, धर्म और आध्यात्मिकता का प्रतिनिधित्व करता है। गुरु की मजबूत स्थिति व्यक्ति को उच्च नैतिक मूल्य और ज्ञान प्रदान करती है।

यह व्यक्ति के जीवन में विस्तार और विकास लाता है। जब गुरु किसी जातक की कुंडली में शुभ स्थिति में होता है, तो वह उसे मान-सम्मान, धन, और खुशहाल वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद देता है।

ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, गुरु के पद नक्षत्र परिवर्तन को इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह ग्रह की शक्ति और प्रभाव को बदलता है जिससे राशियों पर भी इसका असर पड़ता है।

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही या सटीक होने का हम कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा और सही डिटेल्स के लिए, हमेशा उस फील्ड के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

FAQ

गुरु का पद नक्षत्र परिवर्तन क्या होता है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?
ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, गुरु का पद नक्षत्र परिवर्तन तब होता है जब गुरु ग्रह किसी विशेष नक्षत्र के एक पद से दूसरे पद में प्रवेश करता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार हर नक्षत्र के चार पद होते हैं और ग्रह के इन पदों में बदलाव से उसकी शक्ति और प्रभाव में अंतर आता है। यह परिवर्तन महत्वपूर्ण है क्योंकि यह राशियों के जीवन पर सीधा प्रभाव डालता है, जिससे उनके भाग्य और भविष्य में बदलाव आ सकता है।
गुरु का नक्षत्र परिवर्तन किन राशियों के लिए सबसे ज्यादा शुभ रहेगा?
ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, 19 सितंबर 2025 को होने वाला गुरु का यह पद नक्षत्र परिवर्तन मुख्य रूप से कर्क और कन्या राशि के जातकों के लिए बहुत शुभ रहेगा। इन राशियों के लिए धन लाभ, करियर में तरक्की और आर्थिक स्थिति में सुधार के प्रबल योग बन रहे हैं। इसके अलावा, मिथुन, धनु और मीन राशि के जातकों को भी अच्छे परिणाम मिलेंगे।
क्या गुरु के इस परिवर्तन का शारदीय नवरात्रि पर कोई प्रभाव पड़ेगा?
ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, गुरु का यह पद नक्षत्र परिवर्तन शारदीय नवरात्रि से ठीक पहले हो रहा है, जो इसे और भी खास बनाता है। चूंकि गुरु एक शुभ ग्रह है और नवरात्रि का पर्व भी शुभता और शक्ति का प्रतीक है, इसलिए इन दोनों का संयोग बहुत ही सकारात्मक ऊर्जा लेकर आएगा। यह संयोग भक्तों को मां दुर्गा और देवगुरु बृहस्पति दोनों का आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर देगा, जिससे उनके जीवन में सुख-समृद्धि आएगी।

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