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हनुमान चालीसा की साधना को शास्त्रों में अत्यधिक प्रभावशाली और महत्व दिया गया है। यह साधना हनुमानजी की कृपा प्राप्त करने और जीवन के सभी संकटों से छुटकारा पाने का एक सरल और प्रभावी तरीका है।
शास्त्रों में हनुमानजी की भक्ति सबसे श्रेष्ठ मानी जाती है, क्योंकि यह भक्ति जल्दी फल देती है और भूत-प्रेत या ग्रह-नक्षत्रों के नकरात्मक प्रभाव से बचाती है।
हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से मानसिक शांति और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। इसे शास्त्रों में अत्यंत प्रभावशाली चालीसा माना गया है।
यह साधना 21 दिनों तक की जाती है, जिसमें साधक लगातार 21 दिन या हर मंगलवार को 21 मंगलवार तक यह साधना कर सकता है।
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हनुमान चालीसा सिद्धि के लिए साधना कैसे शुरू करें
हनुमान चालीसा की सिद्धि करने के लिए एक निर्धारित विधि का पालन करना जरूरी है। ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, यह साधना किसी भी मंगलवार, श्रीराम नवमी या हनुमान जयन्ती की रात को की जा सकती है, लेकिन इसे रात 10 बजे के बाद करना बेहतर होता है।
चरण 1: तैयारी और स्थान का चयन
- साधक को सबसे पहले स्नान करके शुद्ध होना चाहिए और लाल या भगवे रंग के वस्त्र पहनने चाहिए।
- इसके बाद, साधक लाल आसन पर बैठ जाएं।
- एक पात्र में 108 भुने हुए चने या 108 तिल की रेवड़ियां रखें।
- फिर एक बाजोट पर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर हनुमानजी का चित्र, यंत्र या विग्रह और भगवान गणेश का प्रतीक रखकर पूजन शुरू करें।
चरण 2: गणपति पूजा और मंत्र जाप
- साधक पहले भगवान गणेश की पूजा करें और ॐ वक्रतुण्डाय हुम् मंत्र का एक माला जाप करें।
- फिर भगवान गणेश से साधना की सफलता के लिए प्रार्थना करें।
- इसके बाद, साधक गुरु पूजा करें और गुरु की कृपा के लिए आशीर्वाद लें।
चरण 3: हनुमानजी की पूजा और भोग अर्पण
- अब हनुमानजी का पूजा करें, उन्हें सिंदूर से तिलक करें और धूप, दीप अर्पित करें।
- साधक को गुड़ और उबले हुए चने अर्पित करने चाहिए।
- इसके बाद, साधक आक के पुष्प या लाल रंग के पुष्प अर्पित करें।
चरण 4: बीज मंत्र और प्राणायाम
- साधक अब "हं" बीज मंत्र का उच्चारण करें और उसके बाद अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें।
- प्राणायाम से मन शांत और एकाग्र होता है, जो सिद्धि की प्राप्ति में सहायक होता है।
चरण 5: संकल्प और 108 हनुमान चालीसा का जाप
साधक अपने संकल्प के साथ जल लेकर अपनी मनोकामना व्यक्त करें और फिर हनुमान चालीसा का जाप करना शुरू करें। 108 पाठ का लक्ष्य रखें, हर पाठ के बाद एक चना या रेवड़ी हनुमानजी के यंत्र/चित्र/विग्रह को अर्पित करें। यह साधना 21 दिन तक करनी चाहिए, या फिर हर मंगलवार को यह प्रक्रिया 21 मंगलवार तक दोहरानी चाहिए।
चरण 6: साधना की समाप्ति
साधना के अंत में, साधक "हं" बीज मंत्र का उच्चारण करें और जाप को हनुमानजी के चरणों में समर्पित कर दें। फिर मंदिर में जाकर हनुमानजी के दर्शन करें और साधना को पूर्ण करें।
हनुमान साधना के 4 मंत्र
ॐ हं हनुमते नम:
यह मंत्र हनुमान जी की शक्ति और साहस को आह्वान करता है। यह मंत्र मानसिक और शारीरिक शक्ति को बढ़ाने के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
ॐ रामदूताय नम:
इस मंत्र से भगवान राम के दूत, हनुमान जी, की कृपा प्राप्त होती है। यह विशेष रूप से मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रयोग किया जाता है।
ॐ श्री हनुमते नम:
इस मंत्र से हनुमान जी के आशीर्वाद से हर प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है। यह मन की शांति और संतुलन बनाए रखने के लिए शक्तिशाली माना जाता है।
ॐ अंजनी पुत्राय नम:
यह मंत्र हनुमान जी के माता अंजनी के पुत्र के रूप में उनकी कृपा को आह्वान करता है। इसे मानसिक और शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए जप सकते हैं।
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हनुमान साधना के नियम
- सच्ची श्रद्धा से साधना करें: हनुमानजी की साधना सच्ची श्रद्धा और आस्था के साथ करनी चाहिए। बिना श्रद्धा के साधना सफल नहीं होती।
- शुद्ध स्थान का चयन करें: साधना के लिए एक शुद्ध और शांतिपूर्ण स्थान का चयन करें, जहां आपको कोई व्यवधान न हो।
- सतर्क मनोबल रखें: हनुमान साधना के दौरान अपने मनोबल को ऊंचा रखें। यदि मन में किसी प्रकार का डर या संकोच हो, तो साधना से लाभ नहीं मिलता।
- साधना के लिए समय का चयन करें: हनुमानजी की साधना के लिए मंगलवार या शनिवार का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है। सुबह जल्दी उठकर साधना करें।
- शुद्ध वस्त्र पहनें: साधना करते समय शुद्ध और सफेद या लाल वस्त्र पहनें। यह साधना में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें: हनुमान साधना के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक है। इससे शारीरिक और मानसिक शुद्धता बनी रहती है।
- साधना में अनुशासन रखें: नियमित रूप से हनुमान चालीसा का जाप करें और ध्यान में एकाग्रता बनाए रखें। इस से साधना सफल होती है।
- सतर्क रहें और संयम रखें: हनुमान साधना में संयम और धैर्य बहुत जरूरी है। परिणामों में समय लग सकता है, इसलिए साधक को धैर्यपूर्वक साधना करनी चाहिए।
इन नियमों का पालन करके आप अपनी हनुमान साधना को सिद्ध कर सकते हैं।
हनुमान चालीसा की सिद्धि के लाभ
हनुमान चालीसा की सिद्धि से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। यह साधना व्यक्ति को भूत-प्रेत, ग्रह दोष और शारीरिक रोगों से मुक्ति दिलाती है।
साथ ही, मन को शांति और संतुलन मिलता है। हनुमानजी की भक्ति शक्ति, साहस और आत्मविश्वास को बढ़ाती है।
यह साधना आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी लाभकारी होती है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन में संतुष्टि और मानसिक शांति महसूस करता है।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। THE SOOTR इसकी पुष्टि नहीं करता है...
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