बाल ब्रह्मचारी हनुमानजी को क्यों प्रिय है सिंदूर और चोला, जानें इसका आध्यात्मिक महत्व

हनुमानजी को सिंदूर और चोला चढ़ाने की प्राचीन परंपरा मंगल और शनिवार के दिन विशेष फलदायक मानी जाती है। यह पूजा कुंडली के दोष कम कर जीवन में सुख-शांति और स्वास्थ्य लाभ देती है।

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Kaushiki
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हनुमानजी को सिंदूर चढ़ाने का महत्व
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हनुमान जी को सिंदूर और चोला अर्पित करना एक प्राचीन और धार्मिक परंपरा है। मंगल और शनिवार के दिन यह पूजा विशेष फलदायक मानी जाती है। मान्यता है कि मंगलवार को हनुमानजी को चोला चढ़ाने से कुंडली में मंगल दोष का प्रभाव कम होता है और स्वास्थ्य लाभ होता है। 

वहीं शनिवार को चढ़ाने पर शनि के दुष्प्रभाव जैसे साढ़ेसाती और ढैया कम होते हैं जिससे जीवन के कष्ट दूर होते हैं। ऐसे में कल 3 जून को चौथा बड़ा मंगल मनाया जाएगा। तो ऐसे में आइए जानें कैसे करें हनुमानजी की पूजा।

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हनुमान जी को क्यों चढ़ाया जाता है सिंदूर? - why do we offer sindoor to lord  hanuman - AajTak

चौथा बुढ़वा मंगल

ज्येष्ठ मास में आने वाले मंगलवारों को बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष ज्येष्ठ मास 13 मई से शुरू होकर 10 जून 2025 को समाप्त होगा। इस दौरान कुल पांच मंगलवार आएंगे, जिनमें चौथा बड़ा मंगल 3 जून 2025 को मनाया जाएगा। इसमें हनुमान जी की भक्ति और पूजा विशेष रूप से शुभ मानी जाती है।

मान्यता के मुताबिक इस दिन भक्तों को नियमपूर्वक हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए और अपनी श्रद्धा मुताबिक मंदिरों में दान या जरूरतमंदों की सहायता करनी चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि, बड़े मंगल के व्रत और हनुमान जी की आराधना से सभी संकट दूर होते हैं और बजरंगबली की कृपा बनी रहती है।

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हनुमान जी को चढ़ाए सिंदूर

रामायण के मुताबिक, त्रेतायुग में माता सीता ने हनुमानजी के मांग में सिंदूर भरा था। जब हनुमानजी ने इसका कारण पूछा तो सीताजी ने कहा कि यह श्रीराम की लंबी आयु और प्रसन्नता के लिए है।

हनुमानजी ने सोच लिया कि अगर पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लूं तो प्रभु हमेशा मुझसे प्रसन्न रहेंगे। भगवान राम ने यह देखकर आशीर्वाद दिया कि जो भी हनुमानजी को सिंदूर चढ़ाएगा, उसके सभी कष्ट दूर होंगे और उसकी कृपा बनी रहेगी।

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सिंदूर और चोला चढ़ाने के नियम

मान्यता के मुताबिक हनुमानजी को सिंदूर और चोला ऐसे चढ़ाने चाहिए, 

  • पूजा से पूर्व स्नान करें और लाल वस्त्र पहनें।
  • हनुमानजी की प्रतिमा को गंगाजल से अभिषेक करें।
  • सिंदूर में चमेली का तेल मिलाकर या देसी घी लगाकर प्रतिमा पर सिंदूर लगाएं।
  • चोला चढ़ाने के बाद धूप, दीप जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  • पूजा के अंत में बेसन या बूंदी के लड्डू भोग लगाएं और दक्षिणा अर्पित करें।
  • माथे पर हनुमानजी के चरणों से थोड़ा सिंदूर लेकर लगाना भी शुभ माना जाता है।
  • मंत्र जाप करें
    सिन्दूरं रक्तवर्णं च सिन्दूरतिलकप्रिये।
    भक्तयां दत्तं मया देव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम।।

सिंदूर चढ़ाने का महत्व

हनुमान जी पर सिंदूर चढ़ाने का विशेष महत्व है। सिंदूर मुख्य रूप से दो रंगों में मिलता है—लाल और नारंगी। हिंदू संस्कृति में लाल सिंदूर सुहाग का प्रतीक होता है, जिसे विवाहित महिलाएं अपने माथे पर लगाती हैं। वहीं, नारंगी सिंदूर समर्पण और भक्ति का प्रतीक माना जाता है।

हनुमान जी में भगवान श्रीराम के प्रति गहरा समर्पण देखने को मिलता है, इसलिए उन पर नारंगी सिंदूर अर्पित किया जाता है। धार्मिक विश्वास के मुताबिक, हनुमान जी पर सिंदूर चढ़ाने से जीवन की सभी कठिनाइयां दूर होती हैं और संकटमोचन हनुमान भक्तों के संकट हर लेते हैं।

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