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Latest Religious News: हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्योहार दीपावली हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। इस साल यह महापर्व 20 अक्टूबर, सोमवार को है।
दिवाली सिर्फ रोशनी का पर्व नहीं बल्कि धन, ऐश्वर्य और ज्ञान की देवी मां लक्ष्मी और विघ्नहर्ता भगवान गणेश की कृपा पाने का सबसे बड़ा अवसर होता है। ऐसे में आइए जानें प्रदोष काल में पूजन का शुभ मुहूर्त, घर में सुख-समृद्धि के लिए पूरी पूजा विधि, सामग्री लिस्ट और दीये जलाने के नियम।
पौराणिक मान्यताएं
माना जाता है कि इसी कार्तिक अमावस्या को भगवान राम, 14 वर्षों का वनवास पूरा करके लंकापति रावण का वध करने के बाद माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे। अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका भव्य स्वागत किया था।
एक अन्य मान्यता के मुताबिक, इसी दिन समुद्र मंथन से मां लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था। इसलिए, इस शुभ दिन पर शुभ मुहूर्त में गणेश-लक्ष्मी के साथ-साथ धन के देवता कुबेर जी की पूजा करने का विधान है। ताकि घर में साल भर सुख-समृद्धि बनी रहे। कब है दिवाली
दिवाली लक्ष्मी-गणेश पूजन शुभ मुहूर्त
पंचांग के मुताबिक प्रदोष व्यापिनी तिथि और निशीथ काल 20 अक्टूबर को ही प्राप्त हो रहे हैं, इसलिए इसी दिन लक्ष्मी पूजन करना उचित है। दिवाली पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त-
अमावस्या तिथि का आरंभ: 20 अक्टूबर 2025 को दोपहर 03 बजकर 44 मिनट से।
दिवाली लक्ष्मी पूजा टाइम: शाम 07 बजकर 08 मिनट से रात 08 बजकर 18 मिनट तक।
पूजन की कुल अवधि: 01 घंटा 11 मिनट।
प्रदोष काल का समय (सबसे उपयुक्त): शाम 05 बजकर 46 मिनट से रात 08 बजकर 18 मिनट तक।
वृषभ काल का समय (स्थिर लग्न): शाम 07 बजकर 08 मिनट से रात 09 बजकर 03 मिनट तक।
महानिशीथ काल (काली पूजा हेतु): रात 11 बजकर 36 मिनट से 21 अक्टूबर की अर्धरात्रि 12 बजकर 27 मिनट तक।
अन्य मुहूर्त: गोधूली (05:57 PM - 06:22 PM) और संध्या पूजन (05:57 PM - 07:12 PM)।
विशेष: ऑफिस और व्यापार में दिवाली पूजन 21 अक्टूबर को किया जा सकता है।
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पूजन सामग्री की पूरी लिस्ट
पूजन से पहले इन सभी सामग्रियों को एकत्रित कर लें:
देव प्रतिमाएं: गणेश-लक्ष्मी जी की प्रतिमा या चित्र, कुबेर यंत्र।
फूल और सुगंध: कमल व गुलाब के फूल, दूर्वा, तुलसी दल, इत्र की शीशी।
वस्त्र और श्रृंगार: गणेश-लक्ष्मी जी के वस्त्र, जनेऊ, कलावा, 16 श्रृंगार सामग्री।
कलश सामग्री: मिट्टी या पीतल का कलश, कलश ढकने के लिए ढक्कन, गंगाजल, जल पात्र।
प्रसाद: खील-बताशे, गट्टे, मुरमुरे, पंच मेवा, मिठाई, सिंघाड़े, लौंग, छोटी इलायची।
अन्य सामग्री: चौकी, लाल कपड़ा, सूखा आटा, चांदी का सिक्का, पान का बीड़ा, मिट्टी के दीये, रुई, घी, कपूर, अगरबत्ती, धूप, सिंदूर, कुमकुम, अक्षत (चावल), केसर, चंदन, साबुत धनिया, सरसों का तेल।
गणेश-लक्ष्मी पूजा की विधि
मान्यता के मुताबिक, दिवाली 2025 के दिन पूजन विधि पूरी श्रद्धा और नियमों के साथ करनी चाहिए।
सफाई और स्थापना:
घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) की अच्छी तरह साफ-सफाई करें। इस जगह पर एक चौकी रखें और उस पर नया या साफ लाल कपड़ा बिछाएं। चौकी पूरने के लिए सूखा आटा इस्तेमाल करें।
मूर्ति स्थापना:
चौकी पर भगवान गणेश, मां लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। इसके बाद कुबेर यंत्र भी स्थापित करें।
शुद्धिकरण:
सबसे पहले गंगाजल से मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को स्नान कराएं।
वस्त्र और श्रृंगार:
अब उन्हें नए वस्त्र, कमल या गुलाब के फूल, कलावा और इत्र आदि अर्पित करें। महिलाओं को मां लक्ष्मी को 16 श्रृंगार की सामग्री अर्पित करनी चाहिए।
तिलक और सामग्री अर्पण:
भगवान गणेश को तिलक करें और अक्षत (चावल) लगाएं। इसके बाद भक्ति भाव के साथ एक-एक करके सभी सामग्री (दूर्वा, जनेऊ, चांदी का सिक्का, लौंग लगा पान का बीड़ा आदि) चढ़ाएं।
भोग:
पंच मेवा, खील-बताशे, गट्टे, मुरमुरे और मिठाई का भोग लगाएं। भोग लगाने के बाद जल अर्पित करें।
आरती और क्षमा याचना:
अब कपूर जलाकर श्रद्धापूर्वक गणेश-लक्ष्मी जी की आरती उतारें। अंत में, पूजा में हुई किसी भी भूल-चूक के लिए हाथ जोड़कर क्षमा मांगे।
दीपावली पर कितने दीए जलाना है शुभ
रोशनी के इस पर्व पर घर में दीये जलाने का भी विशेष नियम है, जिसका पालन (दीपावली की पूजा विधि) करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, किसी भी शुभ कार्य के लिए हमेशा विषम संख्या में ही दीये जलाए जाने चाहिए।
घर में कभी भी सम संख्या (जैसे 2, 4, 6, 10, 20) में दीए नहीं जलाने चाहिए।
परंपरा के मुताबिक, दीपावली पर 5, 7, 9, 11, 51 या 101 दीए जलाना सबसे अधिक शुभ माना जाता है।
ज्योतिषीय मान्यता के हिसाब से दीवाली (दिवाली पूजा विधि और शुभ मुहूर्त) के दिन उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में जलाए गए दीयों का विशेष महत्व होता है। घर के मुख्य द्वार और रसोई में दीया जलाना सबसे जरूरी माना जाता है।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही या सटीक होने का हम कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा और सही डिटेल्स के लिए, हमेशा उस फील्ड के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। धार्मिक अपडेट | Hindu News
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