दिवाली 2025 में 676 वर्षों बाद बन रहा है गुरु-शनि का महायोग, खुलेंगे इन राशिवालों के किस्मत के द्वार

इस बार 20 अक्टूबर को दीपावली पर गुरु और शनि का बेहद दुर्लभ शुभ योग बन रहा है। ऐसा संयोग पिछली बार 676 साल पहले, यानी साल 1349 में बना था। इस दिन उच्च के गुरु की दृष्टि, गुरु की ही राशि में बैठे शनि पर पड़ेगी।

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Kaushiki
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Latest Religious News: सोमवार, 20 अक्टूबर को धन और रोशनी का बड़ा त्योहार दिवाली मनाई जाएगी। इस बार की दिवाली ज्योतिष के हिसाब से बेहद खास है, क्योंकि गुरु और शनि का एक दुर्लभ महायोग बन रहा है। ऐसा ग्रहों का संयोग करीब 676 साल बाद दोबारा हो रहा है।

उज्जैन के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित मनीष शर्मा के मुताबिक, इस साल ग्रहों की स्थिति बिल्कुल वैसी ही है जैसी 20 अक्टूबर 1349 को थी। उस दिन भी सोमवार था और इस बार भी 20 अक्टूबर को सोमवार ही पड़ रहा है। तारीख और वार का यह मेल इस शुभ योग को और भी खास बना देता है।

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क्या है यह दुर्लभ गुरु-शनि योग

ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, यह संयोग तीन प्रमुख ज्योतिषीय स्थितियों से मिलकर बना है, जो इसे अत्यंत शुभ और शक्तिशाली बनाता है:

  • देवगुरु बृहस्पति: 

    गुरु ग्रह इस समय अपनी उच्च राशि कर्क में विराजमान हैं। ज्योतिष में, उच्च राशि में होने पर ग्रह सबसे अधिक शक्तिशाली और शुभ फल देता है।

  • शनि देव: 

    कर्मफलदाता शनि ग्रह, देवगुरु बृहस्पति की ही राशि मीन में स्थित हैं।

  • शुभ दृष्टि: 

    सबसे महत्वपूर्ण यह है कि उच्च के गुरु ग्रह की सीधी और शुभ दृष्टि शनि देव पर पड़ रही है।

ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, गुरु पुनर्वसु नक्षत्र में रहेंगे, जिसका स्वामी गुरु ही है। शनि पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में रहेंगे, इसका स्वामी भी गुरु ही है। यह दोनों नक्षत्रों पर गुरु का प्रभाव इस संयोग की शुभता को चरम पर पहुंचा रहा है।

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अगली बार कब बनेगा ऐसा योग

ज्योतिषीय गणना बताती है कि इस महासंयोग के बाद, अब ऐसा ही दुर्लभ संयोग 60 साल बाद यानी 18 अक्टूबर 2085 को बनेगा। तब उच्च के गुरु की दृष्टि मीन राशि में स्थित शनि पर होगी।

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देश, व्यापार और चार राशियों पर महायोग का प्रभाव

ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, जब गुरु और शनि जैसे दो महत्वपूर्ण ग्रह ऐसी मजबूत और शुभ स्थिति में होते हैं तो यह बड़े बदलावों और शुभ फलों का कारक बनता है।

  • आर्थिक मजबूती: 

    इस शुभ योग की वजह से देश में व्यापार और अर्थ व्यवस्था की स्थिति बहुत मजबूत होगी। बाजार में सकारात्मकता आएगी और नए व्यापारिक रास्ते खुलेंगे।

  • शत्रु पर विजय: 

    ज्योतिषीय मान्यता है कि ऐसा बलवान योग शत्रु देशों को बड़ी हानि पहुंचा सकता है और देश की सुरक्षा व प्रभुत्व को मजबूत कर सकता है।

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  • सोना और चांदी: 

    इस दौरान सोना और चांदी जैसे बहुमूल्य धातुओं के दामों में वृद्धि बनी रहने की संभावना है, जो निवेशकों के लिए शुभ संकेत है।

  • राशियों को लाभ: 

    ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, यह समय मुख्य रूप से चार राशियों के लिए भाग्यशाली रहेगा। कर्क, वृश्चिक, मकर और मीन राशि वालों को इस महायोग से विशेष लाभ मिलने की संभावना है। उन्हें धन, करियर और स्वास्थ्य के मोर्चे पर बड़ी सफलता मिल सकती है।

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही या सटीक होने का हम कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा और सही डिटेल्स के लिए, हमेशा उस फील्ड के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। धार्मिक अपडेट | Hindu News

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