क्यों बनाते हैं रंगोली? जानें, कैसे राजा के मृत बेटे की कहानी से शुरू हुई ये जादुई कला

रंगोली भारत की एक पुरानी और प्यारी लोक कला है। इसका नाम रंगों की पंक्ति से बना है। इसे अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। दिवाली पर इसे घर के दरवाजे पर बनाना शुभ माना जाता है क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा को खींचती है और समृद्धि लाती है।

author-image
Kaushiki
New Update
rangoli-natural-colors-significance
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Latest Religious News: जब भी किसी त्योहार या शुभ अवसर की बात होती है तो सबसे पहले हमारे मन में रंगोली का खयाल आता है। यह केवल रंगों से सजी हुई एक आकृति नहीं है। बल्कि ये हमारे देश की सबसे पुरानी और सबसे प्यारी लोक कला है। रंगोली शब्द रंग और आवली से मिलकर बना है जिसका अर्थ है रंगों की पंक्ति।

यह कला भारत के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग नामों से जानी जाती है। जैसे महाराष्ट्र में रंगोली, बंगाल में अल्पना, तमिलनाडु में कोलम और उत्तर प्रदेश में चौक पूरण। रंगोली बनाने की परंपरा बहुत पुरानी है।

दिवाली के मौके पर रंगोली बनाना बहुत ही जरूरी माना जाता है। जब रंगोली घर के दरवाजे पर बनती है तो यह घर की तरफ अच्छी और सकारात्मक ऊर्जा को खींचती है। इसका जिक्र हमारी पौराणिक कथाओं और धर्म ग्रंथों में भी मिलता है। आइए जानें...

Lord Shankar is delighted to see Rangoli रंगोली देखकर प्रसन्न होते हैं  भगवान शंकर, पढ़ें इसके पीछे की कहानी, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan

रंगोली बनाने की पौराणिक कथा

कुछ मान्यताएं बताती हैं कि रंगोली की शुरुआत चित्रकला से हुई। पौराणिक कथा के मुताबिक एक राजा के बेटे की मृत्यु हो गई थी। तब ब्रह्मा जी ने राजा से कहा कि वे फर्श पर उस बच्चे की आकृति बनाएं। फिर ब्रह्मा जी ने उस आकृति में प्राण फूंक दिए। इसी घटना को रंगोली की कला की शुरुआत माना जाता है, जहां रंगों और रेखाओं में जीवन को दिखाया गया।

प्राचीन काल में रंगोली को घर के दरवाजे पर बनाया जाता था। इसे यहां इसलिए बनाते थे ताकि यह घर में आने वाली नकारात्मक ऊर्जा को बाहर ही रोक दे। यह सकारात्मक ऊर्जा और शुभता का प्रतीक मानी जाती थी जो घर में खुशी और समृद्धि लाती है। 

यह खूबसूरत रंगोली खासकर धन की देवी लक्ष्मी का स्वागत करने का एक शुभ तरीका है, जिससे वह प्रसन्न होकर घर में आती हैं। साथ ही, यह घर से सारी बुरी और नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाती है ताकि आपके घर में पूरे साल खुशी और समृद्धि बनी रहे।

ये खबर भी पढ़ें...

दिवाली 2025: जानिए दिवाली के 5 दिनों में कौन कौन से भगवान की होती है पूजा

Diwali Rangoli: रंगोली से करें मां लक्ष्मी का स्वागत, इन सुंदर डिजाइन्स से  सजाएं अपना आशियाना - welcome goddess lakshmi with rangoli-mobile

गज लक्ष्मी के स्वागत की कथा

जब देवी-देवताओं ने पृथ्वी पर वास करना शुरू किया, तब माता लक्ष्मी ने अपने आगमन का प्रतीक देने के लिए रंगोली का प्रयोग किया। यह माना जाता है कि माता लक्ष्मी केवल उसी घर में प्रवेश करती हैं जहां शुद्धता और कला हो।

इसलिए, दिवाली पर घर के प्रवेश द्वार पर रंगोली बनाने की प्रथा शुरू हुई, ताकि उस रंगीन और पवित्र द्वार को देखकर माता गज लक्ष्मी प्रसन्न हों और उस घर में धन-धान्य और समृद्धि के साथ प्रवेश करें।

लंका विजय सार NCERT Class 6th Hindi

लंका विजय के बाद की कथा

रामायण ​​से जुड़ी कथा के मुताबिक भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास और लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद जब वह अयोध्या लौटे, तब उनके आगमन पर पूरे राज्य में उत्सव मनाया गया। अयोध्यावासियों ने अपने प्रभु के स्वागत में घरों को दीपों से सजाया।

हर आंगन को प्राकृतिक रंगों और फूलों से सजाया गया। यह रंगोली केवल सजावट नहीं थी, बल्कि खुशी और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक थी। तभी से शुभ अवसरों पर रंगोली बनाने की परंपरा को एक महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व मिला।

हरित उत्सवों के लिए पर्यावरण-अनुकूल रंगोली के विचार

प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल

आजकल बाजार में मिलने वाले चमकीले पाउडर वाले रंगोली के रंगों का इस्तेमाल आम है लेकिन पुराने समय में ऐसा नहीं था। हमारे पूर्वज केवल प्राकृतिक रंगों का ही इस्तेमाल करते थे। इसके पीछे सिर्फ सादगी या परंपरा नहीं थी बल्कि गहरा धार्मिक महत्व, वैज्ञानिक कारण और पर्यावरण के प्रति सम्मान भी छिपा हुआ था।

Simple and Beautiful Diwali Rangoli Design

  • चावल का आटा और हल्दी

    रंगोली का आधार अक्सर चावल का आटा या सूखे पत्तों का पाउडर होता था। सफेद रंग के लिए चावल का आटा इस्तेमाल होता था जबकि पीले रंग के लिए हल्दी का प्रयोग किया जाता था। चावल के आटे को शुद्ध और पवित्र माना जाता है। हल्दी न केवल शुभता का प्रतीक है बल्कि इसमें एंटी-सेप्टिक गुण भी होते हैं। माना जाता है कि घर के दरवाजे पर हल्दी और चावल से बनी रंगोली जमीन को शुद्ध करती थी।

Latest Rangoli Designs Make latest and best rangoli designs Diwali Rangoli  Design: दिवाली पर बनाएं लेटेस्ट और बेस्ट रंगोली डिजाइन, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़  - Hindustan

  • गोबर का लेप

    ग्रामीण क्षेत्रों में रंगोली बनाने से पहले जमीन को गोबर और मिट्टी से लीपा जाता था। गोबर को पवित्र माना जाता है और यह प्राकृतिक रूप से कीटाणुनाशक होता है।

ये खबर भी पढ़ें...

घर में अचानक धन लाभ हो तो देवी लक्ष्मी के साथ गणेश जी की पूजा क्यों जरूरी, जानें इसके पीछे की कहानी

पर्यावरण और जीव-जंतुओं के प्रति सम्मान

यह सबसे अनूठा और मानवीय कारण है। प्राचीन रंगोली को इस तरह बनाया जाता था कि यह केवल कलाकृति न रहे बल्कि जीव-जंतुओं के लिए आहार का स्रोत भी बने। चावल का आटा, दाल का पाउडर और अनाज के छोटे-छोटे टुकड़ों का उपयोग किया जाता था।

इसलिए ताकि चींटियां, कीड़े-मकोड़े और छोटे पक्षी उन्हें खा सकें। यह प्राचीन भारतीय दर्शन 'वसुधैव कुटुम्बकम्' का एक व्यावहारिक रूप था जहां इंसान अपने उत्सव की खुशी में प्रकृति और छोटे जीवों को भी शामिल करता था। प्राकृतिक रंग जैसे फूलों की पंखुड़ियां, पेड़ों की छाल और जड़ी-बूटियों से बने पाउडर से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता था।

Diwali Rangoli: इस दिवाली बिना रंगों का इस्तेमाल किये इन तरीकों से बनाएं  रंगोली

शुद्धता और सात्विकता का प्रतीक

उस समय सिंथेटिक या रासायनिक रंगों का कोई चलन नहीं था। रंगोली को पूजा-पाठ, मांगलिक कार्य और अनुष्ठानों से पहले बनाया जाता था इसलिए हर चीज का शुद्ध और सात्विक होना जरूरी था। प्राकृतिक रंग, चूंकि वे सीधे प्रकृति से मिलते थे इसलिए उन्हें सबसे शुद्ध माना जाता था।

रंगोली (Rangoli) की परंपरा हमें यह सिखाती है कि हमारी कला, हमारी आस्था और हमारा जीवन ये सभी प्रकृति और पर्यावरण से जुड़े हुए हैं। प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करना सिर्फ कला का एक तरीका नहीं बल्कि यह एक जीवनशैली है जो सकारात्मकता और अनुकूलता पर जोर देती थी।

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही या सटीक होने का हम कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा और सही डिटेल्स के लिए, हमेशा उस फील्ड के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। Hindu News | धार्मिक अपडेट

ये खबर भी पढ़ें...

दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश के साथ क्यों जरूरी है बही खाते की पूजा, जानें व्यापारियों के लिए इस पूजा का खास महत्व

धनतेरस 2025 पर शनि का साया, लक्ष्मी की कृपा चाहिए तो गलती से भी घर न लाएं ये 6 चीजें

रंगोली दिवाली दिवाली 2025 Diwali Rangoli Hindu News Latest Religious News धार्मिक अपडेट
Advertisment