कभी सोचा है- 1 जनवरी वाले New Year से कितना अलग और खास है हिंदुओं का नया साल!

अंग्रेजी कैलेंडर का नया साल तो एक जनवरी को शुरू हो जाएगा, मगर हिंदू नववर्ष 2026 की शुरुआत 19 मार्च से होगी। ये ब्रह्मांड की रचना और प्रभु श्रीराम के राज्याभिषेक का पावन प्रतीक माना जाता है। यह दिन विक्रम संवत 2083 के नए कालचक्र के आरंभ का उत्सव है।

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Kaushiki
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Latest Religious News : दुनियाभर में लोग 1 जनवरी को नया साल मनाते हैं। लेकिन भारतीय संस्कृति में हिंदू नववर्ष का आधार पूरी तरह अलग है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, नया साल चैत्र मास की प्रतिपदा से शुरू होता है।

साल 2026 में हिंदू नववर्ष 19 मार्च, गुरुवार के दिन मनाया जाएगा। इसी पावन दिन से विक्रम संवत 2083 का नया चक्र शुरू होगा। यह दिन केवल तारीख बदलना नहीं बल्कि नई ऊर्जा का प्रतीक है। धार्मिक दृष्टि से इस दिन का महत्व बहुत ही अधिक माना गया है।

New Year Traditions In India:भारत में एक नहीं, कई बार मनाया जाता है नया साल,  जानिए अलग-अलग राज्य और धर्म में कब-कैसे होती है इसकी शुरुआत - New Year  Celebration And Traditions

क्यों मनाते हैं हिंदू नववर्ष

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। सतयुग का आरंभ भी इसी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से माना जाता है। इसीलिए इसे सृष्टि का प्रथम दिवस कहकर अत्यंत शुभ माना जाता है।

इस दिन नए कार्यों की शुरुआत करना बहुत ही मंगलकारी होता है। ऋषि-मुनियों ने इस दिन को ब्रह्मांड के जन्म का दिन बताया है। नए संवत्सर की शुरुआत से प्रकृति में भी सकारात्मक बदलाव आते हैं। धर्म ग्रंथों में इस तिथि को पवित्रता का आधार माना गया है।

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2026 में कब है हिंदू नववर्ष

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, हिंदू नववर्ष का संबंध प्रभु श्री राम के जीवन से भी जुड़ा है। लंका पर विजय पाने के बाद राम जी अयोध्या वापस लौटे थे। इसी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन उनका भव्य राज्याभिषेक हुआ था।

रामराज्य की स्थापना का जश्न इसी दिन पूरे हर्षोल्लास से मनाया गया। यह तिथि धर्म की अधर्म पर जीत का संदेश देती है। प्रभु राम का शासन न्याय और आदर्श का सबसे बड़ा प्रतीक है। इसलिए भक्त इस दिन को भक्ति भाव के साथ मनाते हैं। साल 2026 में हिंदू नववर्ष 19 मार्च, गुरुवार के दिन मनाया जाएगा।

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हिंदू नववर्ष की अलग-अलग परंपराएं

वसंत ऋतु (वसंत पंचमी) के आगमन के साथ प्रकृति भी अपना श्रृंगार बदलती है। पेड़ों पर नई कोपलें आती हैं और चारों ओर हरियाली छाती है। किसान भी नई फसल के साथ नए कृषि चक्र की शुरुआत करते हैं।

भारत के अलग-अलग राज्यों में इसे विभिन्न नामों से जानते हैं। महाराष्ट्र में इसे गुड़ी पड़वा और दक्षिण में उगादि कहा जाता है। उत्तर भारत में इसी दिन से चैत्र नवरात्रि भी शुरू होती है। हर जगह परंपराएं अलग हैं लेकिन सबका मूल भाव एक है।

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हिंदू नववर्ष की धार्मिक मान्यताएं

हिंदू नववर्ष केवल एक धार्मिक तिथि नहीं, बल्कि वैज्ञानिक और खगोलीय आधार पर प्रकृति के पुनर्जन्म का उत्सव है। इसी दिन सम्राट विक्रमादित्य ने शकों पर विजय प्राप्त कर विक्रम संवत की शुरुआत की थी।

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, इस समय सूर्य अपनी पहली राशि मेष में प्रवेश करता है। इससे नए कालचक्र की गणना शुरू होती है। इस पावन अवसर पर नीम की पत्तियां और मिश्री खाने की परंपरा है, जो बेहतर स्वास्थ्य और जीवन के उतार-चढ़ाव में संतुलन बनाए रखने का संदेश देती है। New Year 2026

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