/sootr/media/media_files/2025/11/14/indian-women-wear-toe-ring-reasons-2025-11-14-15-12-54.jpg)
Latest Religious News:भारतीय संस्कृति में गहनों का विशेष महत्व है। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि महिलाएं पैरों में बिछिया क्यों पहनती हैं? बिछिया को सोलह श्रृंगार का एक जरूरी हिस्सा माना गया है। यह सिर्फ शादी का प्रतीक नहीं बल्कि इसके पीछे गहरे धार्मिक, वैज्ञानिक और स्वास्थ्य से जुड़े कारण हैं।
इसे पहनना मां लक्ष्मी की कृपा और वैवाहिक जीवन के सुख से जुड़ा है। यह एक बहुत ही सही और विश्वसनीय परंपरा है। आइए, इस धार्मिक और वैज्ञानिक रहस्य को विस्तार से समझते हैं:
/sootr/media/post_attachments/h-upload/2025/05/27/1877787-toe-202857.webp)
धार्मिक और सांस्कृतिक कारण
विवाह का पवित्र प्रतीक:
बिछिया को हिंदू धर्म में सुहाग की निशानी माना जाता है। इसे देखकर ही पता चलता है कि महिला विवाहित है।
मां लक्ष्मी का आशीर्वाद:
शास्त्रों के मुताबिक, पैरों की दूसरी और तीसरी उंगली में बिछिया पहनना बहुत शुभ होता है। इससे वैवाहिक जीवन में प्रेम और सुख बना रहता है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में बरकत आती है।
नकारात्मकता से बचाव:
यह मान्यता है कि बिछिया नकारात्मक ऊर्जा को घर से दूर रखती है। यह विवाहित स्त्री को बुरी नजर से भी बचाती है।
चांदी का महत्व:
बिछिया हमेशा चांदी की ही पहनी जाती है सोने की नहीं। चांदी को चंद्रमा का कारक माना गया है जो मन को शांत रखता है। सोना भगवान विष्णु से जुड़ा है। उसे पैरों में पहनना उनका अपमान माना जाता है।
ये खबर भी पढ़ें...
/sootr/media/post_attachments/ibnkhabar/uploads/2025/05/Toe-Ring-2025-05-08fe2e01529a9240674ff7ab6b8f565e-115465.jpg?impolicy=website&width=640&height=480)
वैज्ञानिक और स्वास्थ्य लाभ
पैरों की दूसरी और तीसरी उंगली की नसें सीधे गर्भाशय और हृदय से जुड़ी होती हैं। बिछिया इन नसों पर हल्का एक्यूप्रेशर (healthy life style) प्रभाव डालती है। यह दबाव महिलाओं की प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है। इससे गर्भधारण में भी बहुत मदद मिलती है, ऐसा विज्ञान मानता है।
बिछिया पहनने से महिलाओं का हार्मोन सिस्टम संतुलित रहता है। यह मासिक धर्म को नियमित रखने में बहुत सहायक है। यह दबाव थायराइड जैसी समस्याओं की संभावना को भी कम करता है।
चांदी एक ठंडी प्रकृति की धातु है। यह शरीर की गर्मी को नियंत्रित करने में सहायक होती है। साथ ही, यह पृथ्वी की ध्रुवीय ऊर्जा को अवशोषित करती है।
ये खबर भी पढ़ें...
जानिए क्या है इस बैलेंसिंग रॉक का रहस्य जो 1997 के जबरदस्त भूकंप में भी नहीं हुई टस से मस
/sootr/media/post_attachments/_media/hi/img/article/2015-10/08/full/1444306752-0811-801492.jpg)
रामायण काल का प्रसंग
रामायण में भी बिछिया का जिक्र आता है। जब रावण माता सीता का हरण कर रहा था, तब सीता जी ने अपने आभूषणों को मार्ग में गिरा दिया था।
श्रीराम को पहचानने में मदद मिले, इसलिए सीता जी ने अपनी बिछिया भी फेंक दी थी। इस प्रसंग से बिछिया का महत्व और भी बढ़ जाता है। यह पवित्र आभूषण हमारे धर्म, संस्कृति और स्वास्थ्य लाभ का अद्भुत संगम है।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही या सटीक होने का हम कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा और सही डिटेल्स के लिए, हमेशा उस फील्ड के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। lifestyle
ये खबर भी पढ़ें...
Kaal Bhairav Jayanti 2025: सिर्फ एक रात की पूजा से दूर हो जाएगा हर संकट, जानें कैसे
मार्गशीर्ष माह की Ekadashi Vrat शुरू करने पर मिलता है अद्भुत लाभ, कैसे करें सही विधि से पूजा
/sootr/media/agency_attachments/dJb27ZM6lvzNPboAXq48.png)
Follow Us