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Janmashtami 2025: हर साल जब जन्माष्टमी का त्योहार आता है, तो भक्त भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के लिए तरह-तरह के पकवान बनाते हैं। इस दिन व्रत रखने वाले लोगों के लिए खासकर ऐसी चीजें तैयार की जाती हैं जो न सिर्फ स्वादिष्ट हों, बल्कि सेहतमंद भी हों और शरीर को एनर्जी भी दें।
ऐसी ही एक पारंपरिक और पौष्टिक रेसिपी है धनिया पंजीरी। धनिया पंजीरी सिर्फ एक भोग नहीं है बल्कि यह स्वाद, सेहत और भक्ति का अद्भुत संगम है।
इसे साबुत धनिया, देसी घी और सूखे मेवों से बनाया जाता है, जो इसे व्रत के दौरान शरीर को ताकत देने वाला एक बेहतरीन विकल्प बनाता है।
इसे बनाना बेहद आसान है और इसकी खास खुशबू और स्वाद के कारण जन्माष्टमी के भोग में इसका विशेष महत्व होता है। आइए, जानते हैं कि घर पर स्वादिष्ट और सेहतमंद धनिया पंजीरी कैसे बनाई जा सकती है।
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मटेरियल
यह रेसिपी आपको अपनी रसोई में आसानी से मिलने वाली चीजों से ही तैयार करने में मदद करेगी।
- साबुत धनिया (Whole Coriander): 1 कप
- देसी घी (Desi Ghee): 4 बड़े चम्मच
- काजू (Cashews): 10-12 (कटे हुए)
- बादाम (Almonds): 10-12 (कटे हुए)
- मखाना (Fox Nuts): 1/2 कप
- नारियल बूरा (Grated Coconut): 2 बड़े चम्मच
- किशमिश (Raisins): 2 बड़े चम्मच
- पिसी चीनी या बूरा (Powdered Sugar): 1/2 कप (स्वाद के अनुसार कम या ज्यादा कर सकते हैं)
- इलायची पाउडर (Cardamom Powder): 1/2 चम्मच (वैकल्पिक)
धनिया पंजीरी बनाने की विधि
यह रेसिपी इतनी सरल है कि इसे कोई भी आसानी से बना सकता है।
धनिया को भूनें और पीसें
सबसे पहले, एक मोटे तले वाली कड़ाही या तवे को धीमी आंच पर गर्म करें। इसमें साबुत धनिया डालकर लगातार चलाते हुए तब तक भूनें, जब तक कि वह सुनहरा न हो जाए और उसमें से अच्छी खुशबू न आने लगे।
ध्यान रखें कि धनिया जले नहीं। भुन जाने पर, इसे एक प्लेट में निकालकर पूरी तरह से ठंडा होने दें। ठंडा होने के बाद, इसे मिक्सी में डालकर दरदरा पीस लें। इसे बहुत बारीक पाउडर न बनाएं, थोड़ा दरदरापन पंजीरी का स्वाद बढ़ाएगा।
मेवों और मखानों को भूनें
उसी कड़ाही में 2 बड़े चम्मच देसी घी डालें और उसे गर्म होने दें। सबसे पहले, मखानों (Fox Nuts) को कुरकुरा होने तक भूनें और उन्हें एक प्लेट में निकाल लें।
अब, बचे हुए घी में कटे हुए काजू (Cashews), बादाम (Almonds) और किशमिश (Raisins) डालकर हल्का सुनहरा होने तक भूनें। किशमिश फूलने लगे तो तुरंत गैस बंद कर दें, नहीं तो वह जल सकती है।
सभी सामग्री को मिलाएं
भुने हुए मेवों को उसी कड़ाही में रहने दें और उसमें पिसा हुआ धनिया, भुने हुए मखाने और नारियल का बूरा (Grated Coconut) मिला दें। गैस पूरी तरह से बंद कर दें, क्योंकि हमें सिर्फ कड़ाही की गर्मी का इस्तेमाल करना है।
अब इसमें स्वाद के मुताबिक पिसी हुई चीनी या बूरा और इलायची पाउडर मिला दें। सभी चीजों को अच्छी तरह से मिक्स करें ताकि चीनी और घी पूरी तरह से मिल जाए। इस झटपट बनने वाली रेसिपी को एक प्लेट में फैलाकर ठंडा होने दें।
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कुछ खास टिप्स
आप इसे सीधे भगवान कृष्ण को भोग लगा सकते हैं। इसे भोग लगाने के बाद प्रसाद के रूप में खाएं। इसके साथ पंचामृत भी परोसा जा सकता है लेकिन हमेशा पहले पंजीरी और फिर पंचामृत दिया जाता है।
- स्टोर करने के लिए: अगर आप पंजीरी को लंबे समय तक स्टोर करना चाहते हैं, तो इसमें किशमिश और नारियल का बूरा न डालें। इन्हें परोसते समय ऊपर से मिला सकते हैं। इससे पंजीरी की शेल्फ लाइफ बढ़ जाएगी।
- सेहत के फायदे: व्रत में इसे खाने से कमजोरी नहीं आती है और पेट भी भरा रहता है, क्योंकि इसमें देसी घी, मखाने और सूखे मेवे होते हैं जो शरीर को तुरंत एनर्जी देते हैं। आप इसमें जायफल का पाउडर या सूखे गुलाब की पंखुड़ियां भी मिला सकते हैं, इससे इसका स्वाद और भी बढ़ जाएगा।
पंचामृत बनाने का सही तरीका
पंचामृत के बिना भगवान कृष्ण (जन्माष्टमी उत्सव) का भोग अधूरा है। इसे बनाना बेहद आसान है।
सामग्री:
- दूध – 1/2 कप
- दही – 1 बड़ा चम्मच
- शहद – 1 बड़ा चम्मच
- मिश्री (या चीनी) – 1 बड़ा चम्मच
- तुलसी पत्ता – 2
- गंगाजल – 1 चम्मच (optional)
विधि: सभी सामग्री को एक साथ अच्छे से मिलाकर भगवान को भोग लगाएं और फिर प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।
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