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Ketu Effect: केतु एक छाया ग्रह है, जिसे वैदिक ज्योतिष में आध्यात्म, रहस्य, मोक्ष और तपस्या का कारक माना जाता है। यह ग्रह आमतौर पर भ्रम, अप्रत्याशित परिवर्तन और सांसारिक मोह से मुक्ति का प्रतीक है। हालांकि, ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक से इसे केवल नकारात्मक ग्रह मानना सही नहीं है, क्योंकि इसका प्रभाव व्यक्ति की कुंडली और अन्य ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है। आइए, ज्योतिषीय दृष्टि से समझते हैं केतु के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों के बारे में जो आपके जीवन को प्रभावित कर सकते हैं।
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केतु के सकारात्मक प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, केतु का प्रभाव व्यक्ति को भौतिकता से परे ले जाकर आत्म-ज्ञान, अनुसंधान, नवाचार और गहरी समझ विकसित करने में मदद करता है। यदि इसे सही दिशा में साधा जाए, तो यह जीवन में अभूतपूर्व सफलता और आत्मिक संतोष दे सकता है।
- आध्यात्मिक उन्नति
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, केतु व्यक्ति को भौतिक सुखों से विमुख कर आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित करता है। यह ध्यान, योग, साधना और गूढ़ विद्याओं में रुचि बढ़ाता है, जिससे व्यक्ति जीवन के गहरे सत्य को समझने में सक्षम होता है। - रचनात्मकता और नवाचार
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, केतु रचनात्मकता को बढ़ावा देता है, जिससे व्यक्ति लेखन, संगीत, फिल्म, और तकनीकी आविष्कारों में सफल होता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति साहसी और निर्भीक बनता है, जिससे वह अज्ञात परिस्थितियों में भी धैर्यपूर्वक निर्णय ले सकता है। - उन्नति और सफलता
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, केतु अप्रत्याशित धन लाभ, प्रसिद्धि और सफलता भी दिला सकता है। यह सांसारिक मोह से मुक्ति और आत्मज्ञान की ओर ले जाता है।
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केतु के नकारात्मक प्रभाव
- भ्रम और अनिश्चितता
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, केतु का अशुभ प्रभाव व्यक्ति को मानसिक अस्थिरता और आत्म-संदेह से ग्रसित कर सकता है। यह व्यक्ति के जीवन में भ्रम पैदा करता है, जिससे निर्णय लेने में कठिनाई होती है। - संबंधों में दूरियां
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, केतु के नकारात्मक प्रभाव से पारिवारिक और सामाजिक संबंधों में दरार आ सकती है। यह रिश्तों में तनाव और दूरी बढ़ा सकता है। - स्वास्थ्य समस्याएं
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, केतु के अशुभ प्रभाव से त्वचा, तंत्रिका तंत्र और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं। यह शरीर में असंतुलन उत्पन्न करता है, जिससे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। - अचानक नुकसान
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, व्यापार और करियर में अनिश्चितता बढ़ सकती है, जिससे अचानक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
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कुछ उपाय
- हनुमान जी और गणपति की पूजा
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, हनुमान जी और गणपति की पूजा करना केतु के नकारात्मक प्रभाव को कम कर सकता है। - सात्विक जीवनशैली अपनाना
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, सात्विक जीवनशैली अपनाएं, ध्यान करें और अच्छे कार्यों में अपना समय लगाएं। इससे केतु का प्रभाव हल्का पड़ता है। - कुत्तों को भोजन खिलाना
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, कुत्तों को भोजन खिलाना और जरूरतमंदों की मदद करना भी केतु के नकारात्मक प्रभाव को दूर कर सकता है।