2025 का पहला और सबसे बड़ा पूर्ण चंद्र ग्रहण 14 मार्च को घटित होने वाला है। खगोल वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह ग्रहण अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में 13 और 14 मार्च की मध्यरात्रि को स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा। इस दौरान चंद्रमा का रंग गहरा लाल हो जाएगा, जिसे 'ब्लड मून' भी कहा जाता है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से यह ग्रहण 2022 के बाद का सबसे लंबा पूर्ण चंद्र ग्रहण माना जा रहा है, जिसकी कुल अवधि 3 घंटे 38 मिनट की होगी।
ये खबर भी पढ़ें...
क्या कहते हैं ज्योतिष
ज्योतिषों के मुताबिक, जब चंद्रमा लाल रंग में प्रकट होता है, तो इसे राजा और देश के लिए अशुभ माना जाता है। ग्रंथ 'अद्भुत सागर' के मुताबिक, लाल चंद्रमा का दिखना सत्ता, शासन और समाज में उथल-पुथल का संकेत देता है। यह ग्रहण विशेष रूप से सिंह राशि को प्रभावित करेगा, जिससे बड़े राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तन हो सकते हैं।
भारत और विश्व पर प्रभाव
ज्योतिषों के मुताबिक, गोचर के आधार पर यह ग्रहण सिंह राशि में स्थित होगा, जिससे नेताओं और उच्च पदस्थ अधिकारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ज्योतिषों के मुताबिक, ऐसा माना जा रहा है कि, आम जनता में हृदय रोग और पेट संबंधी समस्याओं की वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, शनि और सूर्य की युति के कारण भारत में मौसम में बड़े बदलाव की संभावना है। उत्तर भारत और मध्य भारत में मौसमी बीमारियां बढ़ सकती हैं। गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में असमय गर्मी आ सकती है, जबकि दक्षिण भारत, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में असामान्य वर्षा की संभावना है।
ये खबर भी पढ़ें..
ये खबर भी पढ़ें..
प्राकृतिक आपदाओं की आशंका
ज्योतिषों के मुताबिक, ग्रहण के दौरान उत्तरा-फाल्गुनी नक्षत्र प्रभावी रहेगा, जो दक्षिण दिशा से जुड़े परिवर्तनों का संकेत देता है। ऐसे में अमेरिका और मेक्सिको के दक्षिणी हिस्सों में समुद्री तूफान की संभावना बढ़ सकती है। भारत में भी उड़ीसा और आंध्र प्रदेश में असामान्य वर्षा से फसलों को नुकसान हो सकता है। साथ ही, राहु, बुध और शुक्र की युति व्यापार क्षेत्र में उथल-पुथल और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद उत्पन्न कर सकती है।
thesootr links