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हिंदू धर्म में माघ माह की पूर्णिमा तिथि को अत्यंत महत्वपूर्ण और पवित्र माना गया है। इस दिन का संबंध धार्मिक अनुष्ठानों, स्नान और दान से है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण किया था। माना जाता है कि, माघ पूर्णिमा के मौके पर पवित्र नदियों, विशेष रूप से गंगा नदी में स्नान करने से आत्मा की शुद्धि होती है और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग मिलता है। यही कारण है कि देशभर में लाखों श्रद्धालु इस दिन पवित्र नदियों में स्नान कर पुण्य अर्जित करते हैं।
इस दिन पर न केवल स्नान, बल्कि दान का भी विशेष महत्व है। इस दिन अन्न, वस्त्र और धन का दान करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। धार्मिक ग्रंथों में इस दिन को आध्यात्मिक उन्नति और पवित्रता का प्रतीक बताया गया है। लोग इस अवसर पर भगवान विष्णु और चंद्रमा की विशेष पूजा करते हैं। यह दिन साधना, ध्यान और आत्म-संयम का पर्व माना जाता है, जो भक्तों को आंतरिक शांति और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है। इस बार 12 फरवरी को ये पर्व मनाया जाएगा।
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माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के मुताबिक, माघ पूर्णिमा 2025 में 11 फरवरी की शाम 6:55 बजे से शुरू होकर 12 फरवरी की शाम 7:22 बजे तक रहेगी। पंचांग के मुताबिक, उदया तिथि को प्राथमिकता दी जाती है, इसलिए 12 फरवरी को ये पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:30 बजे से 6:24 बजे तक रहेगा। इस समय में किए गए स्नान और पूजन को अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है।
शास्त्रों में माघ पूर्णिमा का महत्व
धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि माघ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु जल में वास करते हैं। इस दिन गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से मोक्ष प्राप्ति का मार्ग खुलता है। माघ माह को तप और साधना का महीना माना गया है। इस दिन सत्यनारायण व्रत कथा और चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, जो व्यक्ति इस दिन विधिपूर्वक स्नान और पूजा करता है, उसे अपने जीवन में सुख-शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।
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गंगा स्नान का धार्मिक महत्व
गंगा नदी को हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना गया है। इस दिन गंगा में स्नान करना आत्मा की शुद्धि और पापों के नाश का प्रतीक है। यह माना जाता है कि गंगा स्नान से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस अवसर पर प्रयागराज में कुंभ और शाही स्नान का भी आयोजन होता है, जिसमें देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु भाग लेते हैं।
दान की महिमा
स्नान के बाद दान का अत्यधिक महत्व बताया गया है। इस दिन अन्न, वस्त्र, धन और भोजन का दान करना पुण्यकारी माना जाता है। गरीबों और जरूरतमंदों को दान देने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है। मान्यता है कि इस दिन किए गए दान का फल कई गुना बढ़कर प्राप्त होता है और जीवन में आने वाली बाधाओं का निवारण होता है।
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महाकुंभ में शाही स्नान
प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, जिसमें इस दिन पर शाही स्नान का विशेष महत्व होगा। यह स्नान 12 फरवरी को ब्रह्म मुहूर्त में किया जाएगा। बता दें कि, कुंभ के दौरान कुल छह शाही स्नान होते हैं, जिनमें से इस दिन का स्नान अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस स्नान के माध्यम से श्रद्धालु आत्मा की शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का अनुभव करते हैं।
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