सावन के अंतिम सोमवार पर इन विशेष योगों में करें शिव पूजा, हर इच्छा की होगी पूर्ति

4 अगस्त 2025 को सावन का अंतिम सोमवार कई दुर्लभ शुभ योगों के साथ आ रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि, ब्रह्म और इंद्र योग में महादेव की पूजा कर पाएं सभी मनोकामनाएं पूरी।

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Kaushiki
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साल 2025 में सावन मास का महत्व और भी गहरा होने वाला है, खासकर इसके अंतिम सोमवार को लेकर। पंचांग के अनुसार, 4 अगस्त 2025 को पड़ने वाला यह सावन का चौथा और अंतिम सोमवार, धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र और शुभ माना जा रहा है।

यह दिन अपने आप में बेहद खास होने वाला है, क्योंकि इस पावन अवसर पर कई दुर्लभ और सिद्ध योगों का अद्भुत संयोग बन रहा है, जो इसे ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत फलदायी बना देता है। माना जाता है कि इन विशेष योगों में की गई पूजा-अर्चना और व्रत से भगवान शिव बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

सुख-समृद्धि, आरोग्य, धन-धान्य और मानसिक शांति की कामना करने वाले लोगों के लिए यह दिन महादेव का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक सुनहरा अवसर है। आइए जानते हैं कि कैसे आप इस पवित्र दिन का लाभ उठा सकते हैं और महादेव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं.....

Second Sawan Somwar 2025: सावन के दूसरे सोमवार आज बनेगा दुर्लभ संयोग, जानें  जलाभिषेक का मुहूर्त और पूजा की विधि - second sawan somwar 2025 know  jalabhishek shubh muhurat pujan Vidhi and

अंतिम सोमवार पर बनेंगे ये खास शुभ योग 

ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, 4 अगस्त 2025 को सावन के अंतिम सोमवार पर कुछ ऐसे दुर्लभ योग बन रहे हैं, जो इस दिन के महत्व को कई गुना बढ़ा देंगे। इन योगों में की गई पूजा का फल अविश्वसनीय रूप से शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं इन प्रमुख योगों के बारे में:

सर्वार्थ सिद्धि योग: 

  • ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, यह योग अत्यंत शुभ माना जाता है। इसका अर्थ है 'सभी इच्छाओं को पूरा करने वाला'। मान्यता है कि इस योग में किया गया कोई भी शुभ कार्य, पूजा, पाठ या अनुष्ठान निश्चित रूप से सफल होता है और भक्तों को उनकी मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। यह योग विशेष रूप से नए कार्यों की शुरुआत या किसी महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए उत्तम माना जाता है।

ब्रह्म योग: 

  • ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, यह योग ज्ञान, बुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस योग में भगवान शिव की आराधना करने से व्यक्ति को मानसिक शांति, एकाग्रता और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। विद्यार्थी वर्ग के लिए यह योग विशेष रूप से लाभकारी है, क्योंकि इससे शिक्षा के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।

इंद्र योग: 

  • ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक , यह योग समृद्धि, ऐश्वर्य और भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए उत्तम माना जाता है। इस योग में की गई आराधना से व्यक्ति को धन-धान्य की कमी नहीं होती और जीवन में खुशहाली आती है। यह आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और व्यापार में सफलता प्राप्त करने में भी सहायक होता है।

इन तीनों शुभ योगों के साथ ही, इस दिन चंद्रमा अनुराधा और चित्रा नक्षत्र में रहेंगे, जो पूजा-पाठ और व्रत के लिए इस दिन को और भी फलदायी बना देते हैं। इन योगों का एक साथ होना ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत दुर्लभ और शुभ माना जाता है।

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सोमवार की पूजा विधि

पंडित संतोष शर्मा के मुताबिक, सावन के अंतिम सोमवार पर भगवान शिव को प्रसन्न करने और इन शुभ योगों का लाभ उठाने के लिए विधिवत पूजा-अर्चना करना जरूरी है। नीचे दी गई पूजा विधि का पालन कर आप महादेव का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं:

सुबह का स्नान और संकल्प:

पंडित संतोष शर्मा के मुताबिक, ब्रह्म मुहूर्त में, जो सुबह 04 बजकर 20 मिनट से 05 बजकर 02 मिनट तक है। तो सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद शिवलिंग के समक्ष बैठकर अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए पूजा का संकल्प लें।

महादेव का अभिषेक:

भगवान शिव को गंगाजल या शुद्ध जल से अभिषेक करें। यदि संभव हो, तो गाय के दूध से भी अभिषेक कर सकते हैं, क्योंकि यह बहुत ही शुभ माना जाता है और शिव जी को अति प्रिय है।

सामग्री अर्पित करें:

शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, भांग, शमी पत्र, चंदन, अक्षत, सुगंधित फूल और विभिन्न प्रकार के फल अर्पित करें। ये सभी वस्तुएं महादेव को अत्यंत प्रिय हैं और उन्हें प्रसन्न करने में सहायक होती हैं।

मंत्र जाप:

ॐ नमः शिवाय मंत्र का अधिक से अधिक जाप करें। आप महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी कर सकते हैं, जो रोगों से मुक्ति और दीर्घायु प्रदान करता है।

चालीसा और आरती:

शिव चालीसा का पाठ करें और आखिर में भगवान शिव की आरती करें। आरती करते समय धूप, दीप और कर्पूर का प्रयोग करें।

भोग और प्रसाद:

महादेव को मीठे का भोग लगाएं। आप खीर, हलवा या मिश्री का भोग लगा सकते हैं। पूजा के बाद यह प्रसाद खुद भी ग्रहण करें और दूसरों को भी बांटें।

दान-पुण्य:

इस दिन दान-पुण्य करना भी बहुत ही शुभ माना जाता है। अपनी सामर्थ्य मुताबिक गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करें। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है और महादेव प्रसन्न होते हैं।

मनोकामना पूर्ति के लिए विशेष उपाय

सावन के अंतिम सोमवार (सावन का चौथा सोमवार) पर बनने वाले शुभ योगों में अपनी विशेष मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए कुछ विशेष उपाय किए जा सकते हैं:

पुत्र प्राप्ति के लिए:

  • संतानहीन दंपत्ति इस दिन शिवलिंग पर दूध में केसर मिलाकर अभिषेक करें और 'ॐ नमो भगवते रुद्राय' मंत्र का अधिक से अधिक जाप करें। यह उपाय संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वालों के लिए फलदायी माना जाता है।

धन-समृद्धि के लिए: 

  • आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे लोग शिवलिंग पर गन्ने के रस से अभिषेक करें और 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सिद्धलक्ष्म्यै नमः' मंत्र का जाप करें। यह उपाय धन-धान्य की वृद्धि और आर्थिक संकटों से मुक्ति दिलाता है।

विवाह में बाधाएं दूर करने के लिए: 

  • अविवाहित युवक-युवतियां इस दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक के साथ हल्दी अर्पित करें और पार्वती माता का ध्यान करें। यह उपाय विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर कर शीघ्र विवाह के योग बनाता है।

रोग मुक्ति के लिए: 

  • आरोग्य की कामना करने वाले लोग इस दिन शिवलिंग पर शुद्ध जल में काले तिल मिलाकर अभिषेक करें और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। यह उपाय रोगों से मुक्ति दिलाकर स्वस्थ और दीर्घायु जीवन प्रदान करता है।

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सावन के आखिरी सोमवार को जलाभिषेक का मुहूर्त

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पंडित संतोष शर्मा के मुताबिक, सावन के अंतिम सोमवार (सावन का सोमवार) को भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं, जिनमें पूजा-अर्चना करना विशेष फलदायी माना जाता है:

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04 बजकर 20 मिनट से सुबह 05 बजकर 02 मिनट तक। यह समय भगवान की पूजा और ध्यान के लिए सबसे उत्तम माना जाता है।
  • अभिजित मुहूर्त: दोपहर 12 बजे से दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक। यह मुहूर्त किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 42 मिनट से दोपहर 03 बजकर 36 मिनट तक। यह मुहूर्त शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने और कार्यों में सफलता के लिए शुभ है।
  • अमृत काल: शाम 05 बजकर 47 मिनट से शाम 07 बजकर 34 मिनट तक। यह काल किसी भी महत्वपूर्ण कार्य या पूजा-पाठ के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • इन मुहूर्तों में शिव जी का जलाभिषेक करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है, रोगों से मुक्ति मिलती है और सभी मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।

सावन 2025 का अंतिम सोमवार वास्तव में एक असाधारण दिन होने वाला है। इस दिन बन रहे शुभ योग और नक्षत्रों का संयोग इसे महादेव की कृपा (शिव और सावन) प्राप्त करने के लिए अत्यंत जरूरी बनाता है। भक्तों को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए और पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।

मान्यता है कि इस पवित्र दिन पर की गई पूजा से न केवल आध्यात्मिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं और मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।

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