नवग्रहों के राजा सूर्य देव की पूजा से बाधाओं का होगा अंत, ऐसे मिलेगी सुख-शांति
सूर्य देवता हिंदू धर्म में सर्वोच्च स्थान रखते हैं और उन्हें नवग्रहों का राजा माना जाता है। ये प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देने वाले एकमात्र देवता हैं। उनकी पूजा से व्यक्ति को तेज, यश, मानसिक शांति और कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है...
हिंदू धर्म में सूर्य देवता को बहुत ऊंचा स्थान मिला है। उन्हें नवग्रहों का राजा माना जाता है और उनके बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इनका स्थान अन्य देवी-देवताओं में सबसे उचा है और इन्हें पंचदेवों में शामिल किया गया है। आज भी इनकी पूजा पूरे देश में बड़े श्रद्धा भाव से की जाती है। खासकर रविवार का दिन सूर्य देवता की पूजा के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है।
हिंदू धर्म के मुताबिक सूर्य देवता को पंचदेवों में स्थान दिया गया है। माना जाता है कि, पंचदेवों में भगवान गणेश, दुर्गा, शिव, विष्णु और सूर्य देव शामिल हैं। यह सभी देवता सनातन धर्म में पूजनीय माने जाते हैं और इनमें से सूर्य देवता का महत्व विशेष माना जाता है।
वो अकेले ऐसे देवता हैं, जो प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देते हैं। यही कारण है कि उनका स्थान अन्य देवताओं के मुकाबले प्रमुख माना जाता है। पंडित इंद्रमणि घनस्याल के मुताबिक, इनको गुरु की उपाधि भी दी गई है और उन्हें नवग्रहों का राजा माना जाता है। यही कारण है कि इनका पूजा करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
कठिनाइयों का होता है नाश
पंडित इंद्रमणि घनस्याल के मुताबिक, सूर्य देवता की पूजा करने से व्यक्ति को तेज, यश, वैभव, समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है। सूर्य देवता को सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। उनका आशीर्वाद लेने के लिए हर हिंदू परिवार में विशेष पूजा विधियों का पालन किया जाता है। माना जाता है कि, इनकी पूजा से व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी कठिनाइयों का निवारण होता है, रोगों से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
हिंदू धर्म में सूर्य देवता की पूजा के लिए रविवार का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि, इस दिन सूर्य देवता को अर्घ्य देने और नमस्कार करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता आती है। हालांकि, कहा जाता है कि यह पूजा हर दिन की जानी चाहिए, लेकिन रविवार को विशेष रूप से सूर्य देवता की पूजा से मानसिक शांति और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। माना जाता है कि रविवार के दिन सूर्य देवता को जल अर्पित करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है।
पंडित इंद्रमणि घनस्याल के मुताबिक, सूर्य देवता की पूजा में खासतौर पर सूर्य को अर्घ्य देना और उन्हें नमस्कार करना महत्वपूर्ण होता है। इसे ज्योतिष शास्त्रों में भी अत्यधिक प्रभावी माना गया है। उनको अर्घ्य देने का तरीका है कि सुबह के समय साफ पानी में थोड़ी सी गुड़, तिल, चावल, या जल को मिलाकर सूर्य देवता को अर्पित किया जाए। इससे मानसिक शांति के साथ-साथ समृद्धि भी प्राप्त होती है।