चातुर्मास के बाद कब शुरू होंगे विवाह के शुभ मुहूर्त, जानें पूरी जानकारी

चातुर्मास के दौरान विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों पर विराम रहता है। 2025 में चातुर्मास समाप्त होने के बाद नवंबर और दिसंबर में शुभ विवाह मुहूर्त शुरू होंगे। जानें कब होंगे शहनाई बजने के दिन!

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Kaushiki
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ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, भारतीय संस्कृति में विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त का महत्व बहुत अधिक होता है। विशेष रूप से सनातन धर्म में विवाह के लिए गुरु और शुक्र ग्रह की स्थिति का खास ध्यान रखा जाता है।

ज्योतिष शास्त्र में इन दोनों ग्रहों का अस्त होना और चातुर्मास का समय, शुभ कार्यों को प्रभावित करता है। इस साल गुरु ग्रह 11 जून को अस्त हो गए थे और ये 9 जुलाई तक अस्त रहेंगे जिससे इस अवधि में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत नहीं हो सकती।

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क्यों नहीं होते विवाह मुहूर्त

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, 9 जुलाई को गुरु ग्रह उदय होंगे लेकिन उससे पहले 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी होगी। इसके साथ ही चातुर्मास की शुरुआत हो जाएगी।

चातुर्मास में भगवान विष्णु अपने शयन मुद्रा में रहते हैं और इस समय कोई भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृहप्रवेश या मुंडन आदि नहीं किए जाते। चातुर्मास 1 नवंबर तक रहेगा और इस दौरान विवाह के कोई मुहूर्त नहीं होंगे।

विवाह के शुभ मुहूर्त 2025

बता दें कि, हिंदू पचांग के मुताबिक चातुर्मास समाप्त होने के बाद, 2 नवंबर से शादी और अन्य मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त शुरू होंगे। आइए देखें साल के आखिरी महीनों में विवाह के शुभ मुहूर्त कब हैं: B.Tech, B.Eng

नवंबर 2025 में विवाह के मुहूर्त

हिंदू पचांग के मुताबिक 2 नवंबर, 3 नवंबर, 6 नवंबर, 8 नवंबर, 12 नवंबर, 13 नवंबर, 16 नवंबर, 17 नवंबर, 18 नवंबर, 21 नवंबर, 22 नवंबर, 23 नवंबर, 25 नवंबर और 30 नवंबर को शादी के शुभ मुहूर्त होंगे। इन तारीखों में आप विवाह समारोह का आयोजन कर सकते हैं।

दिसंबर 2025 में विवाह मुहूर्त

4 दिसंबर, 5 दिसंबर और 6 दिसंबर को विवाह के लिए शुभ मुहूर्त हैं। इन दिनों में भी शादी के आयोजन के लिए मुहूर्त उपलब्ध हैं।

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चातुर्मास क्या है

चातुर्मास हिंदू कैलेंडर के मुताबिक चार महीने का विशेष समय होता है, जो आमतौर पर आषाढ़ (जून-जुलाई) से लेकर कार्तिक (अक्टूबर-नवंबर) तक होता है। इस दौरान विशेष रूप से धार्मिक गतिविधियां, व्रत और उपवस होते हैं।

यह समय श्रावण, भाद्रपद, आश्वयज और कार्तिक माह का होता है। चातुर्मास का पालन खासकर तपस्वियों, साधुओं और गृहस्थों द्वारा आध्यात्मिक उन्नति के लिए किया जाता है।

चातुर्मास में कौन से शुभ कार्य किए जा सकते हैं

शास्त्रों के मुताबिक, चातुर्मास के समय कई मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है, लेकिन कुछ कार्यों को किया जा सकता है जैसे, 

  • नए गहनों की खरीदारी: इस समय नए गहनों की खरीदारी की जा सकती है।
  • गाड़ी की खरीद: वाहन खरीदने का समय शुभ माना जाता है।
  • घर की छत डलवाना: अगर घर का निर्माण शुरू हो चुका है तो इसे जारी रखा जा सकता है, बशर्ते पंचक काल न हो।
  • भगवान की पूजा-अर्चना: इस दौरान पूजा और ध्यान करना शुभ रहता है।
  • तीर्थ यात्रा: तीर्थ यात्रा के लिए यह समय उत्तम माना जाता है।

तो अगर आप विवाह या अन्य मांगलिक कार्यों का आयोजन करने की योजना बना रहे हैं, तो इन मुहूर्तों का ध्यान रखें और अपने खास दिन को और भी खास बनाएं।

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