कर्मफलदाता शनिः सावन के शनिवार को ये उपाय करने से मिलेगी शनि के दुष्प्रभाव से मुक्ति

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कर्मफलदाता शनिः सावन के शनिवार को ये उपाय करने से मिलेगी शनि के दुष्प्रभाव से मुक्ति

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मानव जीवन में शनि का दुष्प्रभाव बेहद ही कष्टदाई होता है। व्यक्ति निरंतर समस्याओं से घिरा रहता है, उसके हर बनते काम बिगड़ जाते हैं। अगर आप भी कुछ ऐसी ही समस्या से जूझ रहे हैं या फिर आपकी भी कुंडली में शनि दोष है, तो अब घबराने की आवश्यकता नही। क्योंकि 25 जुलाई से सावन मास की शुरुआत हो रही है, यह खास माह विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है। ऐसा माना जाता है कि अगर आप शनि के बुरे प्रभाव से छुटकारा पाना चाहते हैं तो श्रावण मास में भोलेनाथ की आराधना करें। जिससे आपको शनि के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिल सकती है।

भगवान शिव ने दी शनि को कर्मफल दाता की उपाधि

मान्यता के अनुसार भगवान शिव ने ही शनि देव को कर्मफल दाता की उपाधि दी थी। शनिदेव भी भगवान शिव की पूजा करते हैं। ऐसे में जाहिर सी बात है कि अगर आप भगवान शिव को प्रसन्न करते हैं या उनकी भक्ति करते हैं तो इससे आपको शनि के बुरे प्रभाव से मुक्ति मिलेगी।

शनि के बुरे प्रभावों से मुक्ति

शनि देव के दुष्प्रभावों से बचने के लिए सावन माह में भगवान भोलेनाथ की आराधना कैसें करें आइए इसके बारे में जानें- सबसे पहले तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें काले तिल डालें, इसके बाद सावन मास के हर शनिवार को इस जल से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करें। अगर आप सावन मास के हर शनिवार को भगवान शिव की विधि पूर्वक पूजा करते हैं तो इससे आपकी कुंडली से शनि दोष खत्म होगा। शनिदेव से संबंधित सभी वस्तुओं को शनिवार के दिन जरूरतमंद व गरीबों को दान मे दें। इन वस्तुओं में काला कपड़ा, काला तिल, काला छाता, ताला, चप्पल आदि भी शामिल हो सकते हैं। प्रत्येक शनिवार शनि देव को सरसों या तिल के तेल का दीपक दिखाएं और रूद्राक्ष से शनि देव के मंत्रों का जाप करें। हर शनिवार को कच्चे चावल शिवलिंग पर अर्पित करें। ऐसा करने से कुंडली में शनि ग्रह मजबूत स्थिति में आते हैं। सावन के हर शनिवार भगवान शिव को जल से ही नहीं बल्कि शहद से भी स्नान करवाएं। ऐसा करने से शनिदेव के बुरे प्रभावों से मुक्ति मिलती है।

सावन के शनिवार को क्या करें

शनिवार के दिन भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र का जाप करें। शनिवार के दिन शनि मंदिर में जौ का दान करने से जीवन में सुख-शांति आती है। सावन के हर शनिवार चीटियों को गुड़ खिलाएं व पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें। एक पान के पत्ते में काले तिल, लोहे की कील, एक रूपए के सिक्के को डालकर शनिदेव को जरूर अर्पित करें।

सावन के शनिवार का महत्व
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