10वीं पास भी बन सकेंगे डॉक्टर, BAMS के लिए अलग से होगी NEET-UG

अब 10वीं पास छात्र भी आयुर्वेद के BAMS कोर्स में एडमिशन ले सकेंगे। भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग यानी NCISM ने नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसके अनुसार ऐसे छात्रों के लिए विशेष NEET-UG परीक्षा होगी।

Advertisment
author-image
Raj Singh
एडिट
New Update
doctor_bamc.
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

आयुर्वेद के क्षेत्र में करियर बनाने का सपना देखने वाले छात्रों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब BAMS (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी) में दाखिला लेने के लिए 12वीं पास होना अनिवार्य नहीं होगा। 10वीं कक्षा पास करने के बाद भी स्टूडेंट्स BAMS में दाखिला ले सकेंगे। इस नए नियम के तहत ऐसे छात्रों के लिए एक अलग से NEET-UG परीक्षा आयोजित की जाएगी, जो आयुर्वेद गुरुकुलम में नामांकित संस्थानों में दाखिला ले पाएंगे। यह निर्णय भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (NCISM) ने हाल ही में एक अधिसूचना के माध्यम से जारी किया है, और नए सत्र 2025-26 से इस पाठ्यक्रम में दाखिले शुरू हो जाएंगे।

 छात्रों को दिया जाएगा प्रैक्टिकल प्रशिक्षण

NCISM के अनुसार, इस नए कोर्स को केवल चयनित संस्थानों में ही शुरू किया जाएगा, जिन्हें 'आयुर्वेद गुरुकुलम' के नाम से जाना जाएगा। यह संस्थान अन्य किसी मौजूदा आयुर्वेद संस्थान के साथ सम्मिलित नहीं होंगे और न ही इन्हें अन्य संस्थानों में परिवर्तित किया जाएगा। इन संस्थानों में छात्रों को आवासीय शिक्षा प्रणाली के तहत रहकर पढ़ाई करनी होगी, जिससे वे आयुर्वेद की गहरी समझ प्राप्त कर सकें। प्रत्येक संस्थान का अपना अस्पताल होगा, जहां छात्रों को प्रैक्टिकल प्रशिक्षण दिया जाएगा।

MP में 48 लाख बुजुर्गों को मिलेगा आयुष्मान योजना का लाभ, आदेश जारी

BAMS का क्या है उद्देश्य?

BAMS में नामांकित छात्रों के लिए सात-साढ़े सात साल का पाठ्यक्रम निर्धारित किया गया है, जिसमें शुरुआती दो साल प्री-आयुर्वेद कोर्स होंगे, साढ़े चार साल BAMS की पढ़ाई और एक साल की अनिवार्य इंटर्नशिप शामिल है। इस पाठ्यक्रम में संस्कृत, आयुर्वेद का परिचय, और अन्य संबंधित विषय शामिल होंगे, जो आयुर्वेदिक शिक्षा के लिए आवश्यक हैं। इससे छात्र आयुर्वेदिक चिकित्सा के आधारभूत सिद्धांतों को समझ सकेंगे और एक मजबूत शैक्षिक नींव प्राप्त कर सकेंगे।

एडमिशन के लिए न्यूनतम उम्र 15 साल

इस कोर्स में प्रवेश के लिए छात्रों की न्यूनतम आयु 15 वर्ष रखी गई है। यह निर्णय उन छात्रों के लिए एक अच्छा अवसर है जो आयुर्वेद के प्रति रूचि रखते हैं और 11वीं-12वीं में बायो ग्रुप का चयन नहीं कर पाए हैं। इस पहल का उद्देश्य उन युवाओं को एक बेहतर करियर विकल्प प्रदान करना है, जो आयुर्वेद में रुचि रखते हैं, लेकिन शैक्षिक आवश्यकताओं के कारण इस क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर पा रहे थे।

खुशखबरी...MP में अब नहीं होगी डॉक्टरों की कमी, हजारों पद भरे जाएंगे

एक्सपर्ट का रिएक्शन

आयुर्वेद छात्र संगठन के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. हरेंद्र सिंह भदौरिया ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि यह प्री-आयुर्वेद कोर्स उन छात्रों के लिए एक वरदान साबित होगा जो सच में आयुर्वेद की पढ़ाई करना चाहते हैं। संस्कृत और दर्शन शास्त्र का ज्ञान आयुर्वेद के अध्ययन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस नए कोर्स के माध्यम से छात्रों को इन विषयों की गहरी समझ प्राप्त होगी, जिससे उनका अध्ययन और अधिक प्रभावी होगा।

FAQ

अब BAMS में एडमिशन के लिए 12वीं पास होना आवश्यक नहीं है?
हां, अब 10वीं के बाद भी BAMS में एडमिशन लिया जा सकता है, बशर्ते कि छात्र विशेष NEET-UG परीक्षा पास करें।
आयुर्वेद गुरुकुलम क्या है?
यह विशेष संस्थान हैं जहां छात्रों को आयुर्वेद की शिक्षा दी जाएगी। यहां पर छात्रों के लिए आवासीय शिक्षा और अलग से अस्पताल की सुविधाएं होंगी।
प्री-आयुर्वेद कोर्स कितने साल का होता है?
प्री-आयुर्वेद कोर्स शुरुआती दो साल का होगा, जिसके बाद साढ़े चार साल का BAMS कोर्स और एक साल की इंटर्नशिप होगी।
इस कोर्स में एडमिशन के लिए न्यूनतम आयु क्या है?
इस कोर्स में एडमिशन के लिए छात्रों की न्यूनतम आयु 15 साल रखी गई है।
NCISM का उद्देश्य इस पाठ्यक्रम के तहत क्या है?
NCISM का उद्देश्य आयुर्वेद के प्रति रुचि रखने वाले छात्रों को एक मजबूत शैक्षिक नींव प्रदान करना है ताकि वे इस क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकें।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

Education news NEET-UG ayurvedic education आयुर्वेदिक शिक्षा BAMS प्री-आयुर्वेद कोर्स आयुर्वेद गुरुकुलम डॉ. हरेंद्र सिंह भदौरिया NCISM