बोर्ड परीक्षा की टेंशन कम करने के लिए पेरेंट्स और छात्रों के लिए अहम टिप्स

बोर्ड परीक्षा के नजदीक आते ही छात्रों और माता-पिता के लिए तनाव कम करने के टिप्स दिए गए हैं। सही टाइम-टेबल और आत्मविश्वास से बेहतर तैयारी की जा सकती है।

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जैसे-जैसे बोर्ड की परीक्षा नजदीक आ रही है, छात्रों के लिए तनाव और मानसिक दबाव एक आम समस्या बन सकती है। ये तनाव उनके प्रदर्शन पर भी असर डाल सकता है। फरवरी से देश के अलग-अलग बोर्डों के एग्जाम शुरू होने जा रहे हैं। इनमें सीबीएसई (CBSE), आईसीएसई(ICSE), यूपी बोर्ड (UP Board), बिहार बोर्ड (Bihar Board), एमपी बोर्ड (MP Board) और महाराष्ट्र बोर्ड (Maharashtra Board) शामिल हैं।

तो ऐसे में इस परीक्षा के दौरान छात्रों की तैयारी में मदद करने के लिए सीबीएसई ने कुछ दिशा-निर्देश (guidance) जारी किए हैं। ये दिशा-निर्देश छात्रों को मानसिक तनाव कम करने और अपनी तैयारी को बेहतर बनाने में मदद करेंगे।

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माता-पिता के लिए जरूरी टिप्स

  • बच्चों के तनाव को कम करने में माता-पिता की भूमिका अहम होती है।
  • सबसे पहले, माता-पिता को बच्चों के लिए एक इफेक्टिव टाइम-टेबल बनाने में मदद करनी चाहिए। 
  • ये समय का सही उपयोग करने में मदद करेगा और परीक्षा की तैयारी को व्यवस्थित करेगा। 
  • माता-पिता को बच्चों को प्रोत्साहित करना चाहिए और सकारात्मक बातें जैसे 'तुम और बेहतर कर सकते हो' कहना चाहिए। 
  • इससे बच्चों में आत्मविश्वास बनेगा। वहीं, नकारात्मक टिप्पणियां जैसे 'तुमसे नहीं होगा' बच्चों को मानसिक दबाव में डाल सकती हैं, इसलिए इन्हें टालना चाहिए।
  • बच्चों के मनोबल को बनाए रखने के लिए उन्हें संजीदगी से समझाइए और मदद करें। 
  • इसके अलावा, तनाव को कम करने के लिए माता-पिता को हल्का-फुल्का मजाक और मस्ती का समय भी देना चाहिए। 
  • ये बच्चों को मानसिक रूप से तरोताजा और खुश रखेगा।

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छात्रों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव

छात्रों को अपनी पढ़ाई के दौरान समय का सही उपयोग करना चाहिए। सबसे पहले, वे अपनी कॉन्सन्ट्रेशन टाइम (concentration time) को पहचानें और उसी समय पर पढ़ाई करें। पढ़ाई के दौरान छोटे ब्रेक भी लेने चाहिए ताकि मानसिक थकावट को दूर किया जा सके। ग्रुप स्टडी भी एक अच्छा तरीका हो सकता है, खासकर कठिन विषयों के लिए। इससे छात्रों को आपस में एक-दूसरे से मदद मिलती है और वे विषय को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं।

  • अपनी कमजोरियों को पहचानें
    छात्रों को पुराने रिजल्ट से निराश नहीं होना चाहिए। वे अपनी कमजोरियों को पहचानकर उन पर काम करें और अपनी पढ़ाई के तरीके में सुधार करें। एक और जरूरी बात ये है कि छात्रों को सभी विषय के लिए टाइम मैनेजमेंट करना चाहिए। ये सुनिश्चित करेगा कि कोई भी विषय पीछे न छूटे। रिवीजन भी उतना ही जरूरी है, इसलिए छात्रों को बार-बार स्टडी मटेरियल को दोहराना चाहिए। इससे वे परीक्षा में अच्छे अंक ला सकते हैं।
  • रिवीजन के लिए सही प्लानिंग बनाएं
    छात्रों को अपनी रिवीजन के लिए एक टाइम-टेबल बनाना चाहिए जिसमें आसान गतिविधियां जैसे खेलना, टहलना और टीवी देखना भी शामिल हो। इससे मानसिक ताजगी बनी रहती है और बच्चों की एकाग्रता भी बनी रहती है। रिवीजन के दौरान छात्रों को समझने की बजाय सिर्फ याद करने पर ध्यान नहीं देना चाहिए, बल्कि विषय को गहराई से समझने की कोशिश करनी चाहिए।
  • फैशन को कम करें और परीक्षा की रणनीति अपनाएं
    छात्रों को अपनी पढ़ाई को इस तरह से संचालित करना चाहिए कि वे परीक्षा के दौरान मानसिक रूप से तनावमुक्त रहें। उन्हें फैशन और बाहरी दबावों से खुद को बचाना चाहिए और सिर्फ अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। मानसिक शांति बनाए रखने के लिए ध्यान और योग की तकनीकों का भी उपयोग किया जा सकता है।
  • पेरेंट्स का सपोर्ट और छात्रों का आत्मविश्वास
    पेरेंट्स और छात्रों के बीच अच्छे मेल-मिलाप का होना बहुत जरूरी है। अगर पेरेंट्स बच्चों से बात करें, तो वे अपनी समस्याओं और परेशानियों को शेयर कर सकते हैं, जिससे माता-पिता उन्हें बेहतर तरीके से समझ पाते हैं। ये बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाता है और उन्हें किसी भी परीक्षा के डर से मुक्त करता है।

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FAQ

बोर्ड परीक्षा में बच्चों को मानसिक तनाव कैसे कम किया जा सकता है?
माता-पिता को सकारात्मक प्रोत्साहन और मानसिक शांति बनाए रखने में मदद करनी चाहिए।
बच्चों को अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए क्या टिप्स दिए जा सकते हैं?
टाइम मैनेजमेंट, रिवीजन और ग्रुप स्टडी से बच्चों को अच्छा प्रदर्शन करने में मदद मिल सकती है।
क्या छात्रों को पुराने रिजल्ट से निराश होना चाहिए?
नहीं, उन्हें अपनी कमजोरियों को पहचान कर उन पर काम करना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए।
माता-पिता को बच्चों के लिए क्या भूमिका निभानी चाहिए?
माता-पिता को बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाना चाहिए और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन करना चाहिए।
परीक्षा के दौरान बच्चों को किस तरह की गतिविधियों में समय देना चाहिए?
बच्चों को हल्की-फुल्की गतिविधियां जैसे खेल, टीवी देखना, और मस्ती में समय बिताना चाहिए ताकि मानसिक ताजगी बनी रहे।

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