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CBSE 10th board सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) ने अपनी परीक्षा प्रणाली में एक बड़ा बदलाव किया है। इससे छात्रों को परीक्षा के तनाव से राहत मिलेगी और उन्हें अपने प्रदर्शन को बेहतर करने के ज्यादा मौके मिलेंगे। इस नए सिस्टम के तहत, साल 2026 से 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी। इस नए नियम के ड्राफ्ट को सीबीएसई ने मंजूरी दे दी गई है, जिससे छात्रों को अतिरिक्त अवसर मिल सकेगा और उनकी शैक्षणिक प्रगति को बेहतर बनाया जा सकेगा।
छात्रों को इनमें से अपनी बेस्ट एग्जाम का स्कोर रखने का विकल्प मिलेगा। इसके अलावा, सीबीएसई वैश्विक स्तर पर अपने एसोसिएटेड स्कूलों के लिए एक नया सिलेबस भी शुरू करने जा रहा है, जिसमें भारतीय और अंतरराष्ट्रीय विषयों का इन्क्लूसिव होगा।
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दो बार होगी बोर्ड परीक्षा
सीबीएसई ने घोषणा की है कि, अब से 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित होगी। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य छात्रों के परीक्षा संबंधी तनाव को कम करना और उन्हें अधिक प्रयास करने का मौका देना है। नई सिस्टम के तहत, छात्रों को अपनी सुविधा के मुताबिक दोनों परीक्षाओं में बैठने का विकल्प मिलेगा। वे अपने बेस्ट स्कोर को सेफ रख सकेंगे।
तनाव कम करने का प्रयास
हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में इस निर्णय पर गहन चर्चा की गई थी। इस बदलाव का उद्देश्य शिक्षा प्रणाली को अधिक लचीला और छात्र-केंद्रित बनाना है, जिससे विद्यार्थियों को अपनी परीक्षा की तैयारी के लिए अधिक अवसर मिल सके।
कई छात्रों को परीक्षा का डर होता है, जिससे उनका परफॉरमेंस प्रभावित होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई ने इस बदलाव को लागू किया है। बोर्ड के मुताबिक, यह कदम छात्रों को मानसिक रूप से अधिक मजबूत बनाएगा और उन्हें परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए इंस्पायर्ड भी करेगा। यह नई नीति उन छात्रों के लिए भी फायदेमंद साबित होगी, जो किसी स्वास्थ्य समस्या या अन्य कारणों से पहली परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते।
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कॉन्सेप्चुअल अंडरस्टैंडिंग को बढ़ावा
इस नई प्रणाली में छात्रों की केवल रटने की क्षमता पर ध्यान नहीं दिया जाएगा, बल्कि उनकी अवधारणात्मक समझ (Conceptual Understanding) और स्किल-बेस्ड इवैल्यूएशन को प्राथमिकता दी जाएगी। सीबीएसई इस प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण भी देगा, ताकि वे छात्रों को बेहतर तरीके से गाइड कर सकें।
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छात्रों के लिए बड़ा लाभ
बता दें कि, इस नई प्रणाली का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि छात्रों को अपनी क्षमता दिखाने के लिए अधिक मौके मिलेंगे। अगर किसी कारणवश कोई छात्र पहली परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता, तो उसे दूसरा मौका मिलेगा। इसके अलावा, इस प्रणाली के तहत छात्रों को परीक्षा में बैठने की जरूरत नहीं होगी। वे अपने मुताबिक तय कर सकते हैं कि उन्हें एक बार परीक्षा देनी है या दोनों मौकों पर प्रयास करना है।
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