Change in Pilot Eligibility : अब आर्ट्स और कॉमर्स छात्र भी कर सकेंगे पायलट की पढ़ाई

डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) पायलट पात्रता क्राइटेरिया में बदलाव पर विचार कर रहा है। अब आर्ट्स और कॉमर्स से 12वीं पास स्टूडेंट्स भी कमर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL) ट्रेनिंग में शामिल हो सकेंगे।

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Manya Jain
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पायलट बनने का सपना हर किसी के लिए नहीं होता, लेकिन जो इसे देखते हैं, उनके सामने कई बार शैक्षिक और तकनीकी चुनौतियां होती हैं। खासकर वे छात्र जो आर्ट्स और कॉमर्स स्ट्रीम से 12वीं पास करते हैं। ऐसे छात्र जो कमर्शियल पायलट बनने का सपना देखते हैं, उन्हें तकनीकी विषयों में कमी के कारण अक्सर इस दिशा में आगे बढ़ने में मुश्किल होती थी। हालांकि, अब इस समस्या के समाधान के लिए संभावनाएं नजर आ रही हैं।

CPL के लिए एलिजिबिलिटी में बदलाव

डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) के तहत 12वीं कक्षा में फिजिक्स और मैथ्स जैसे विषय अनिवार्य थे, जिनकी वजह से आर्ट्स और कॉमर्स से 12वीं करने वाले छात्रों को इस क्षेत्र में कदम रखने में मुश्किल होती थी। हालांकि, अब डीजीसीए इस शैक्षिक आवश्यकता में बदलाव पर विचार कर रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, अब आर्ट्स और कॉमर्स स्ट्रीम से 12वीं करने वाले छात्र भी CPL ट्रेनिंग के लिए योग्य हो सकते हैं, बशर्ते कि वे मेडिकल फिटनेस के मानदंडों को पूरा करें। इस बदलाव से उन छात्रों को फायदा मिलेगा जो पायलट बनने का सपना देखते हैं, लेकिन उनके पास फिजिक्स और मैथ्स की पढ़ाई का विकल्प नहीं था।

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क्या बदलने जा रहा है?

सीपीएल (कमर्शियल पायलट लाइसेंस) के लिए अब शैक्षिक योग्यता में बदलाव हो सकता है। पहले फिजिक्स और मैथ्स 12वीं में अनिवार्य थे, लेकिन अब इसे हटाने की संभावना है, जिससे आर्ट्स और कॉमर्स स्ट्रीम के छात्र भी इस ट्रेनिंग में भाग ले सकेंगे। यह बदलाव भारतीय पायलट शिक्षा सिस्टम में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जो न केवल इस क्षेत्र में अवसरों को बढ़ाएगा, बल्कि पायलट बनने के इच्छुक छात्रों के लिए एक नई दिशा भी खोल देगा।

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मेडिकल फिटनेस जरूरी रहेगा?

इस नए प्रस्ताव के तहत, मेडिकल फिटनेस के मानदंड सभी छात्रों के लिए समान रहेंगे। इसका मतलब यह है कि चाहे आपने किसी भी स्ट्रीम से 12वीं की हो, आपको पायलट ट्रेनिंग लेने से पहले मेडिकल जांच से गुजरना होगा।

भारत और अन्य देशों की स्थिति 

इस बदलाव से पहले, भारत में पायलट बनने के लिए 12वीं में फिजिक्स और मैथ्स अनिवार्य थे, जबकि दुनियाभर के अन्य देशों में ऐसा कोई शैक्षिक मानक नहीं था। कई देशों में यह अनिवार्यता नहीं थी और इस बदलाव से भारत की पायलट शिक्षा व्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी प्रतिस्पर्धी बनाया जाएगा।

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हर स्ट्रीम के छात्र होंगे एलिजिबल 

जब डीजीसीए पायलट एलिजिबल  के नए मानदंडों को फाइनल रूप से तैयार कर लेगा, तो इसे केंद्रीय विमानन मंत्रालय के पास भेजा जाएगा। मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद, इस योजना को लागू किया जाएगा। इसके बाद, हर स्ट्रीम के छात्रों के लिए CPL ट्रेनिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। यह निर्णय पायलट शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव होगा, जो छात्रों के लिए नए अवसर खोलने में मदद करेगा।

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