उच्च शिक्षा विभाग में बड़ा बदलाव, अब यूजी के फाउंडेशन ग्रुप में 9 की जगह इतने पेपर देने होंगे

उच्च शिक्षा विभाग ने 2025-26 सत्र से यूजी प्रथम वर्ष में 9 की जगह 10 पेपर देने की प्रणाली लागू की है। फाउंडेशन में हिंदी और अंग्रेजी को छोड़कर अन्य बदलावों के साथ वैकेशनल और मल्टी-डिसिप्लिनरी विषयों को जोड़ा गया है।

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Kaushiki
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उच्च शिक्षा विभाग का नया फैसला
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एजुकेशन न्यूज: उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) ने यूजी प्रथम वर्ष (बीकॉम, बीए, बीएससी, बीबीए आदि) के पाठ्यक्रम में जरूरी बदलाव किए हैं। आगामी 2025-26 नया शैक्षणिक सत्र से छात्रों को अब पहले के 9 पेपर की जगह 10 पेपर देने होंगे। यह बदलाव (उच्च शिक्षा विभाग का आदेश) छात्रों को अधिक विविधतापूर्ण शिक्षा देने के उद्देश्य से लागू किया गया है, जिससे वे विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर ज्ञान एक्वायर कर सकें।

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फाउंडेशन ग्रुप में बदलाव

अब तक, (b.ed, बीए-बीकॉम डिग्रीधारी) फाउंडेशन ग्रुप में चार पेपर होते थे, लेकिन अब इसे घटाकर केवल दो पेपर कर दिया गया है - हिंदी और अंग्रेजी। यह बदलाव छात्रों को भाषा पर अधिक ध्यान केंद्रित करने का अवसर देगा। फाउंडेशन ग्रुप (उच्च शिक्षा विभाग का फैसला) में बदलाव छात्रों के लिए अपनी भाषा क्षमताओं को मजबूत करने में मदद करेगा।

वैकेशनल और वेल्यू एडेड विषय

इसके अलावा, एक नया वेल्यू एडेड विषय जोड़ा गया है। यह अनिवार्य होगा और छात्रों को अपने डिग्री के साथ इसे लेना होगा। वेल्यू एडेड विषय छात्रों के प्रोफेशनल स्किल्स को बढ़ाने में मदद करेगा, जिससे वे रोजगार के अवसरों के लिए तैयार हो सकेंगे। यह बदलाव छात्रों के करियर विकास के लिए भी अहम साबित होगा।

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मल्टी-डिसिप्लिनरी सब्जेक्ट की शुरुआत

बता दें कि, ओपन इलेक्टिव सब्जेक्ट को अब मल्टी-डिसिप्लिनरी सब्जेक्ट कहा जाएगा। इसमें ऐसे विषय जोड़े गए हैं जो छात्रों को डिफरेंट व्यूपॉइंट्स से शिक्षा देंगे। इनमें अंडर स्टैंडिंग इंडिया, डिजिटल एंड टेक्नोलॉजिकल सॉल्यूशंस और हेल्थ एंड योगा एजुकेशन जैसे विषय शामिल हैं। छात्रों को हर साल इनमें से एक विषय का चयन करना जरूरी होगा, जिससे उन्हें मलटीडायमेंशनल मिल सके।

इसका उद्देश्य

यह (decision of higher education department) नया सिस्टम छात्रों को बिजनेस और सोशल पर्सपेक्टिव से तैयार करने के उद्देश्य से लागू किया जा रहा है। इसके जरिए छात्रों को मॉडर्न एजुकेशन दी जाएगी, जो न केवल विषय आधारित ज्ञान बल्कि व्यावसायिक क्षमताओं को भी बढ़ावा देगा।

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