प्राइमरी टीचर से लेकर यूनिवर्सिटी प्रोफेसर तक, जानें इंडिया में टीचर बनने का कम्पलीट रोडमैप

शिक्षकों के लिए शानदार मौका है क्योंकि 2025 तक भारत में 10 लाख से ज्यादा टीचर के पद खाली होंगे। शिक्षक बनने के लिए स्कूल से लेकर यूनिवर्सिटी तक अलग-अलग योग्यता और परीक्षाएं होती हैं, जिनकी सही जानकारी से आप इस एरिया में सफल हो सकते हैं।

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Kaushiki
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Career in Teaching: आज 5 सितम्बर शिक्षक दिवस के मौके पर यह एक बड़ा मौका है उन लोगों के लिए जो शिक्षक बनने का सपना देखते हैं। मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 के अंत तक सरकारी स्कूलों में 8 लाख से ज्यादा पद खाली थे।

यह संख्या 2025 के मिडिल तक बढ़कर करीब 10 लाख तक पहुंच गई है। ये आंकड़ा बताता है कि भारत में शिक्षा के क्षेत्र में करियर के बहुत ज्यादा अवसर हैं।

चाहे आप स्कूल में पढ़ाना चाहते हों या किसी IIT जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में प्रोफेसर बनना चाहते हों, हर स्तर पर क्वालिफिकेशन और रिक्रूटमेंट प्रोसेस अलग-अलग होती है। आइए आज शिक्षक दिवस के मौके पर आइए, भारत में शिक्षक बनने के लिए पूरे रोडमैप को डिटेल से समझते हैं...

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टीचर बनने का पूरा रोडमैप 

भारत में शिक्षा (शिक्षक दिवस पर विशेष) के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए बहुत मौके हैं। अगर आप सही रोडमैप और परीक्षा की तैयारी करते हैं, तो आप एक सफल शिक्षक बन सकते हैं। टीचर रिक्रूटमेंट प्रोसेस अलग-अलग स्तर पर अलग होती है, इसलिए अपनी योग्यता के मुताबिक तैयारी करना जरूरी है। जैसै, 

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स्कूल टीचर (class 1 to 12th) बनने का रास्ता

स्कूल में शिक्षक बनने के लिए अलग-अलग स्तर पर अलग-अलग योग्यता की जरूरत होती है। यह सबसे पॉपुलर टीचर रिक्रूटमेंट प्रोसेस में से एक है।

A. प्राइमरी टीचर (कक्षा 1 से 5वीं)

प्राइमरी टीचर पर पढ़ाने के लिए, आपको बच्चों को बेसिक शिक्षा देनी होती है।

  • योग्यता: 12वीं कक्षा में कम से कम 50% अंक के साथ डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (D.El.Ed) होना जरूरी है।

  • या फिर 12वीं के बाद 4 साल का बैचलर ऑफ एलीमेंट्री एजुकेशन (B.El.Ed) कोर्स भी किया जा सकता है।

  • परीक्षा: प्राइमरी टीचर बनने के लिए आपको CTET (पेपर 1) या अपने राज्य का STET (पेपर 1) पास करना जरूरी होता है।

B. मिडिल स्कूल टीचर (कक्षा 6वीं से 8वीं)

  • मिडिल स्कूल टीचर लेवल पर, आप किसी स्पेशल टॉपिक में स्पेशलाइज्ड होते हैं।

  • योग्यता: ग्रेजुएशन की डिग्री के साथ बैचलर ऑफ एजुकेशन (B.Ed) पास होना जरूरी है।

  • परीक्षा: CTET (पेपर 2) या राज्य स्तरीय STET (पेपर 2) पास करना जरूरी है।

C. सीनियर सेकेंडरी शिक्षक (कक्षा 9वीं से 12वीं)

यह हाई स्कूल स्तर पर पढ़ाने का रास्ता है।

  • योग्यता: संबंधित विषय में मास्टर डिग्री के साथ B.Ed की डिग्री होना ज़रूरी है।

  • रिक्रूटमेंट: केंद्र सरकार के KV (Kendriya Vidyalaya), NV (Navodaya Vidyalaya), DSSSB (Delhi Subordinate Services Selection Board) या राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से भर्ती होती है।

  • कई प्राइवेट स्कूल भी बीएड और अनुभव वाले शिक्षकों को प्रायोरिटी देते हैं।

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कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ाने का रास्ता

अगर आपका सपना उच्च शिक्षा के क्षेत्र में जाने का है, तो यहां आपके लिए कुछ जरूरी रास्ते दिए गए हैं।

A. कॉलेज टीचर (graduate level)

कॉलेज में पढ़ाने के लिए कुछ खास योग्यताएं चाहिए होती हैं।

  • योग्यता: संबंधित विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन (PG) की डिग्री, जिसमें कम से कम 55% अंक होने चाहिए।

  • परीक्षा: UGC NET (National Eligibility Test) या राज्य स्तरीय परीक्षा SET (State Eligibility Test) पास करना जरूरी है। 

  • अगर आपके पास PhD है, तो आपको NET से छूट मिल सकती है।

  • रिक्रूटमेंट: सरकारी कॉलेजों में राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से भर्ती होती है, जबकि प्राइवेट कॉलेज सीधे भर्ती करते हैं।

B. यूनिवर्सिटी प्रोफेसर

यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बनने के लिए अनुभव और रिसर्च पर बहुत ध्यान दिया जाता है।

  • असिस्टेंट प्रोफेसर: मास्टर डिग्री और UGC NET या PhD की डिग्री होनी चाहिए।

  • एसोसिएट प्रोफेसर: PhD के साथ कम से कम 8 साल का टीचिंग अनुभव जरूरी है।

  • प्रोफेसर: PhD, 10 साल का अनुभव और रिसर्च पेपर का पब्लिकेशन इस पद के लिए जरूरी होता है।

  • भर्ती: यूजीसी (UGC) के नियमों के तहत विज्ञापन जारी करके नियुक्ति होती है।

Pt. Ravishankar Shukla University

प्रीमियर इंस्टीटूशन्स में पढ़ाने के मौके

IIT, NIT, IIM और मेडिकल कॉलेज जैसे इंस्टीटूशन्स में पढ़ाने के लिए बहुत ही खास क्वॉलिफिकेशन्स और एक्सपीरियंस चाहिए होता है।

A. IIT, NIT, IIM में शिक्षक

इन संस्थानों में पढ़ाने के लिए सिर्फ डिग्री ही काफी नहीं, बल्कि रिसर्च और अनुभव भी बहुत जरूरी है।

  • असिस्टेंट प्रोफेसर: PhD और रिसर्च पेपर का पब्लिकेशन जरूरी है।

  • एसोसिएट प्रोफेसर: PhD के साथ कम से कम 6 साल का अनुभव।

  • प्रोफेसर: PhD और कम से कम 10 साल का अनुभव जरूरी है। 

  • अक्सर पोस्ट-डॉक्टोरल रिसर्च या विदेश में काम करने वाले लोगों को प्रायोरिटी दी जाती है।

B. मेडिकल कॉलेज में शिक्षक

मेडिकल के क्षेत्र में पढ़ाने के लिए मेडिकल डिग्री और एक्सपीरियंस सबसे ज्यादा जरूरी है।

  • ट्यूटर/डेमॉन्स्ट्रेटर: MBBS की डिग्री वाले कैंडिडेट एलिजिबल होते हैं।

  • असिस्टेंट प्रोफेसर: MD या MS की डिग्री होना जरूरी है।

  • एसोसिएट प्रोफेसर: MD या MS के साथ कई सालों का अनुभव होना चाहिए।

  • प्रोफेसर: लंबा अनुभव, रिसर्च और पब्लिकेशन इस पद के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है।

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भारत के मेजर टीचिंग एग्जाम्स

भारत में शिक्षक बनने के लिए कई महत्वपूर्ण परीक्षाएं होती हैं।

  • CTET (Central Teacher Eligibility Test): सीबीएसई (CBSE) साल में दो बार इस परीक्षा का आयोजन करता है। यह परीक्षा केंद्रीय विद्यालयों और अन्य सरकारी स्कूलों में नौकरी के लिए ज़रूरी है।

  • JNV (Jawahar Navodaya Vidyalaya): नवोदय विद्यालय समिति की ओर से परीक्षा होती है। इसमें यूजी या पीजी के साथ CTET पास करना अनिवार्य होता है।

  • KVS (Kendriya Vidyalaya Sangathan): केंद्रीय विद्यालय संगठन में शिक्षक भर्ती के लिए यूजी के साथ डीएलएड और CTET पास होना आवश्यक है।

  • अन्य एग्जाम्स: STET (State Teacher Eligibility Test), DSSSB, State PSC, SSC और AWES (Army Welfare Education Society) द्वारा भी शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षाएं होती हैं।

प्रो. विनय पाठक (प्रेसिडेंट, एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज) के मुताबिक केंद्रीय और राज्य के सरकारी स्कूलों में नौकरी पाने के लिए CTET (Central Teacher Eligibility Test) या STET (State Teacher Eligibility Test) पास करना बहुत जरूरी होता है।

CBSE इन परीक्षाओं का आयोजन करता है और नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) कोर्सेज और  क्वॉलिफिकेशन्स तय करती है। वहीं, यूनिवर्सिटी में पढ़ाने के लिए PhD डिग्री जरूरी होती है।

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436 प्रोफेशनल्स को बनाने वाला एक ही प्रोफेशन

यह बात बिल्कुल सही है कि दुनिया में 436 से ज्यादा अलग-अलग तरह के प्रोफेशन मौजूद हैं और ये सभी मिलकर हमारी दुनिया को चलाते हैं।

लेकिन इन सभी प्रोफेशनल्स को तैयार करने का काम सिर्फ एक शख्स करता है और वो है टीचर। आइए, समझते हैं कि कैसे एक शिक्षक इन सभी अलग-अलग करियर  को बनाने में मदद करता है:

डाइवर्स प्रोफेशंस: 

  • दुनिया में बहुत से प्रोफेशन हैं, जैसे MD, CEO, HR Manager, MLA, MP, इंजीनियर, आर्किटेक्ट, डॉक्टर, साइंटिस्ट, पायलट, पत्रकार, सैनिक, पुलिस, किसान, खिलाड़ी, और यहां तक कि हेयरड्रेसर और शेफ भी।

शिक्षा की फाउंडेशन: 

  • इन सभी प्रोफेशनल्स को अपनी फील्ड में कामयाब होने के लिए एक अच्छी शिक्षा की जरूरत होती है।
  • चाहे वो स्कूल टीचर हों, प्रोफेसर हों या किसी स्किल-बेस्ड ट्रेनिंग के टीचर हों, ये सभी लोग ज्ञान और कौशल को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाते हैं।

हर करियर का आधार 

  • मेडिकल और साइंस: डॉक्टरों, वैज्ञानिकों, और मेडिकल तकनीशियनों को उनकी पढ़ाई एक शिक्षक ही कराता है।

  • टेक्नोलॉजी और आईटी: सॉफ्टवेयर डेवलपर्स, वेब डेवलपर्स और आईटी मैनेजर्स को कंप्यूटर साइंस के टीचर्स ही तैयार करते हैं।

  • व्यवसाय और प्रबंधन: सीईओ, एचआर मैनेजर्स और फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स को बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर ही बिज़नेस चलाना सिखाते हैं।

  • सिविल और सरकारी सेवा: विधायक, सांसद, पुलिस अधिकारी और सिविल इंजीनियर्स को उनकी ट्रेनिंग और शिक्षा शिक्षकों द्वारा ही मिलती है।

  • कला और शिल्प: पेंटर, मूर्तिकार, फैशन डिजाइनर और ज्वेलरी वर्कर्स को उनके शिक्षक ही उनकी कला को निखारने में मदद करते हैं।

  • मैन्युअल और टेक्निकल स्किल्स: मैकेनिक, प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन और वेल्डर जैसे प्रोफेशनल्स को भी टेक्निकल ट्रेनिंग देने वाले शिक्षक ही होते हैं।

  • शिक्षक का मल्टीडायमेंशनल रोल: शिक्षक न केवल पढ़ाते हैं, बल्कि वे अपने छात्रों को नैतिक मूल्य, डिसिप्लिन और अच्छे नागरिक बनने की प्रेरणा भी देते हैं। वे सिर्फ किताबों का ज्ञान नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाते हैं।

इस तरह, यह कहा जा सकता है कि दुनिया में भले ही 436 से भी ज्यादा पेशे हों, लेकिन इन सभी का मूल आधार सिर्फ एक ही है - शिक्षण।

हर सफल व्यक्ति के पीछे एक शिक्षक का योगदान होता है, जो उसे सही रास्ता दिखाता है और उसकी क्षमताओं को पहचानता है। इसलिए, 436 पेशे मिलकर भी एक शिक्षक की बराबरी नहीं कर सकते, क्योंकि 1 शिक्षक = 436 पेशे।

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