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मध्यप्रदेश के पिछड़ा वर्ग (OBC) के युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। सीएम मोहन यादव सरकार ने सोशल इम्पेक्ट बॉन्ड नाम की एक शानदार योजना शुरू की है।
इस योजना का मकसद प्रदेश के होनहार युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करियर बनाने में मदद करना है। अब एमपी के छात्र केवल देश में ही नहीं बल्कि सात समंदर पार भी अपना टैलेंट दिखाएंगे।
सरकार ने इसके लिए जापान और जर्मनी जैसे विकसित देशों के साथ हाथ मिलाया है। इस योजना के जरिए उन छात्रों का सपना पूरा होगा जो विदेश जाकर काम करना चाहते हैं।
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पूरा खर्चा उठाएंगे बड़े इन्वेस्टर्स
इस स्कीम की सबसे खास बात यह है कि छात्रों को अपनी जेब से कुछ नहीं देना होगा। ट्रेनिंग और प्लेसमेंट पर होने वाला सारा खर्च देश के बड़े इन्वेस्टर्स और सरकार उठाएगी।
पहले फेज में आईटीआई (ITI) और इंजीनियरिंग बैकग्राउंड वाले 600 छात्रों का सिलेक्शन किया जाएगा। इन छात्रों को भोपाल के आईटी पार्क में स्पेशल प्रोफेशनल ट्रेनिंग के साथ जापानी और जर्मन भाषा सिखाई जाएगी।
ट्रेनिंग पूरी होने के बाद छात्रों को जापान और जर्मनी (Study Abroad) की बड़ी कंपनियों में नौकरी दिलाई जाएगी। वहां छात्रों को लगभग 1.30 लाख रुपए प्रति माह का शानदार सैलरी पैकेज दिया जाएगा।
मैकेनिकल और नर्सिंग छात्रों के पास है मौका
इस योजना के पहले फेज में मुख्य रूप से दो बड़े सेक्टर्स पर फोकस किया जा रहा है। मैकेनिकल स्ट्रीम के छात्रों को हैवी मशीनरी और कंस्ट्रक्शन जैसे तकनीकी कामों के लिए भेजा जाएगा।
वहीं, नर्सिंग और केयर-गिवर ट्रेड की छात्राओं के लिए जापान और जर्मनी में बहुत डिमांड है। सोशल इम्पेक्ट बॉन्ड योजना में नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NSDC) मुख्य नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगी।
जर्मनी और जापान की एम्बेसी सीधे सरकार को जॉब वैकेंसी और जॉइनिंग की जानकारी शेयर करेंगी। इसके बाद सरकार और इन्वेस्टर मिलकर छात्रों के रहने और खाने का फ्री अरेंजमेंट करेंगे।
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कैसे होगा सिलेक्शन
अगर आप भी इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो आपको कुछ प्रोसेस से गुजरना होगा। सबसे पहले एक एप्टीट्यूड टेस्ट लिया जाएगा ताकि आपकी बेसिक स्किल्स का पता चल सके।
छात्रों में नई भाषा सीखने की लगन और अंग्रेजी का थोड़ा-बहुत बेसिक नॉलेज होना जरूरी है। सबसे जरूरी बात ये है कि छात्र मेंटली विदेश में रहने के लिए तैयार होना चाहिए।
कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और अगले महीने से भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। यह योजना मध्य प्रदेश को स्किल डेवलपमेंट के मामले में देश का नंबर वन राज्य बनाएगी।
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सोशल इम्पेक्ट बॉन्ड क्या है
Social Impact Bond (SIB) इनोवेटिव इन्वेस्टमेंट मॉडल है। इसमें सरकार अकेले पैसा नहीं लगाती। बल्कि प्राइवेट इन्वेस्टर्स और सोशल ऑर्गेनाइजेशन ट्रेनिंग का पूरा खर्चा उठाते हैं।
इस स्कीम में युवाओं को स्किल डेवलपमेंट और विदेशी भाषा (जैसे जापानी या जर्मन) की फ्री ट्रेनिंग दी जाती है। जब छात्रों का विदेश में प्लेसमेंट हो जाता है तभी सरकार इन्वेस्टर्स को पैसा लौटाती है। ये आउटकम-बेस्ड मॉडल है जिसका मकसद युवाओं को 1.30 लाख जैसी हाई-सैलरी वाली ग्लोबल जॉब्स दिलाना है।
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