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Madhya Pradesh: अशोकनगर जिले के लोगों के लिए अच्छी खबर है। अब जिले में ऊबड़-खाबड़ रास्तों से जल्दी ही छुटकारा मिलने वाला है। पारसौल से राजघाट तक एक नई और शानदार सड़क बनाई जा रही है। इस प्रोजेक्ट पर सरकार 201 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। इससे ईसागढ़ और चंदेरी के बीच का सफर बहुत आसान हो जाएगा।
पांच प्वाइंट में समझें इस खबर को👉 अशोकनगर जिले में पारसौल से राजघाट तक कुल 73 किमी लंबी सड़क बनेगी। 👉 पुरानी संकरी सड़क को अब 10 मीटर चौड़ा बनाया जाएगा। 👉यह नया मार्ग सीधे उत्तर प्रदेश के रास्तों को जोड़ेगा। 👉निर्माण का सारा काम जुलाई 2027 तक पूरा कर लिया जाएगा। 👉 गांवों और रिहायशी इलाकों से गुजरने वाले हिस्सों में कंक्रीट रोड बनाया जाएगा। | |
उत्तर प्रदेश से जुड़ेगा रास्ता
यह सड़क पारसौल से शुरू होकर राजघाट तक जाएगी। इस रास्ते में ईसागढ़, जंधार, डाकोनी और चंदेरी जैसे मेन इलाके आएंगे। इस पूरी सड़क की लंबाई लगभग 73 किलोमीटर होने वाली है।
बड़ी बात यह है कि यह सड़क राजघाट (Rajghat) पर खत्म होगी। वहां से यह सीधे उत्तर प्रदेश के रास्तों को जोड़ देगी। इससे मध्य प्रदेश और यूपी के बीच आवाजाही के साथ ही व्यापार भी बढ़ेगा। लोगों को अब दूसरे राज्यों में जाने के लिए खराब रास्तों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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खत्म होगा ट्रैफिक का डर
पहले यह सड़क काफी संकरी और पुरानी हो चुकी थी। इसकी पुरानी चौड़ाई केवल साढ़े पांच मीटर ही थी। अब नए प्लान के तहत इसे 10 मीटर चौड़ा किया जा रहा है। सड़क चौड़ी होने से हादसों का खतरा बहुत कम हो जाएगा। बड़े वाहन भी अब आसानी से आमने-सामने से गुजर सकेंगे।
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घाटियों में बनेगा समतल रास्ता
इस सड़क निर्माण में सबसे बड़ी चुनौती ऊंचे-नीचे पहाड़ी रास्ते हैं। मध्य प्रदेश राज्य सड़क विकास प्राधिकरण (MPRDC) इस पर काम कर रहा है। अधिकारियों का कहना है कि कई जगहों पर खतरनाक ढलान और घाटियां हैं।
निर्माण की खास बातें:
खतरनाक घाटियों को काटकर अब समतल किया जाएगा।
जहां ज्यादा ढलान है, वहां मिट्टी भरकर रास्ता बराबर होगा।
गांव और कस्बों वाली आबादी में सीसी रोड बनेगी।
बाकी खाली रास्तों पर मजबूत डामर की सड़क बनेगी।
इससे गाड़ियों के इंजन पर कम दबाव पड़ेगा और ईंधन बचेगा।
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जुलाई 2027 तक पूरा होगा काम
सड़क निर्माण का काम काफी तेजी से शुरू कर दिया गया है। कई जगहों पर जेसीबी से खुदाई का काम भी चल रहा है। विभाग ने इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए जुलाई 2027 तक का समय तय किया है। यानी अगले कुछ सालों में लोगों को विश्व स्तरीय सड़क मिल जाएगी। इंजीनियरों की टीम लगातार काम की गुणवत्ता पर नजर रख रही है।
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अशोकनगर-थूबोन मार्ग का सुधार
इससे पहले अशोकनगर (Ashoknagar) से थूबोन तक का रास्ता बहुत खराब था। गड्ढों की वजह से यहां आए दिन सड़क हादसे होते रहते थे। लगभग 7.16 करोड़ रुपए की लागत से 30 किमी लंबी इस सड़क का नवीनीकरण किया गया है।
अब यहां डामरीकरण का काम पूरा हो चुका है। गड्ढे भरने के बाद अब सड़क के किनारों को भरने का काम चल रहा है। इससे वाहन चालकों को काफी राहत मिली है। मध्य प्रदेश सड़क विकास | road construction
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