मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के बच्चों को देश के महान नायकों की कहानियों से जोड़ने की अनूठी पहल की है। अब स्कूलों में गुरु गोविंद सिंह के चार साहिबजादों – अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह की वीरता और बलिदान की कहानी पढ़ाई जाएगी। ये कदम नई पीढ़ी को साहस, धर्म की रक्षा और सच्चाई के लिए अपने कर्तव्यों का बोध कराने के उद्देश्य से उठाया गया है।
गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों को दी गई क्रूर यातनाओं और बलिदान का स्मृति दिवस
साहिबजादों की वीरता और बलिदान
गुरु गोविंद सिंह के छोटे साहिबजादे, जोरावर सिंह और फतेह सिंह, भारत के इतिहास में वीरता और अटल विश्वास का अद्भुत उदाहरण हैं। मुगल शासक औरंगजेब ने उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए विवश किया। लेकिन उन्होंने अपने धर्म और मूल्यों से समझौता करने से साफ इनकार कर दिया। इसके परिणामस्वरूप, उन्हें जीवित दीवार में चुनवाने का आदेश दिया गया। जब दीवार गिर गई, तो उनकी निर्दयता से हत्या कर दी गई। बता दें कि, उनके बड़े भाई अजीत सिंह और जुझार सिंह ने भी चमकौर की ऐतिहासिक लड़ाई में मुगलों के खिलाफ बहादुरी से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। इन चारों साहिबजादों का बलिदान भारत के इतिहास में धर्म, सत्य और न्याय के लिए संघर्ष की सबसे अद्भुत मिसाल है।
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नई पीढ़ी को प्रेरणा
मध्यप्रदेश सरकार का ये निर्णय बच्चों को अपने इतिहास और संस्कृति से जोड़ने का महत्वपूर्ण प्रयास है। साहिबजादों की कहानियां उन्हें न केवल वीरता और बलिदान का पाठ पढ़ाएंगी, बल्कि नैतिक मूल्यों, धर्मनिष्ठा और सत्य के प्रति समर्पण की भावना भी जगाएंगी। गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों की ये गाथा भारत के हर बच्चे को अपने इतिहास पर गर्व करना सिखाएगी और उन्हें जीवन में साहस के साथ खड़े रहने की प्रेरणा देगी।
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