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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। इस निर्णय के तहत, ब्रिटेन के 6 प्रमुख विश्वविद्यालय अब भारत में अपने कैंपस खोलने जा रहे हैं।
यह कदम भारत-ब्रिटेन संबंधों को मजबूत करने और नई शिक्षा नीति (NEP 2020) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है। हम इस नए शिक्षा सुधार के बारे में विस्तार से जानेंगे।
✨ कौन-कौन से विश्वविद्यालय भारत में आ रहे हैं?
ब्रिटेन के 6 प्रमुख विश्वविद्यालय भारत में अपने कैंपस स्थापित करने जा रहे हैं। ये विश्वविद्यालय हैं:
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साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय – गुरुग्राम में कैंपस शुरू हो चुका है।
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लिवरपूल विश्वविद्यालय – बेंगलुरु में 2026-27 से।
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यॉर्क विश्वविद्यालय – मुंबई में कैंपस की तैयारी चल रही है।
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एबरडीन विश्वविद्यालय – मुंबई के लिए बातचीत जारी है।
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ब्रिस्टल विश्वविद्यालय – मुंबई में कैंपस पर चर्चा जारी है।
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🏫 साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय की शुरुआत
साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय (New universities) ने भारत में अपने कैंपस की शुरुआत गुरुग्राम के इंटरनेशनल टेक पार्क में की है। यह यूजीसी के 2023 के नियमों के तहत भारत में एक विदेशी विश्वविद्यालय द्वारा खोला गया पहला कैंपस है।
यहां छात्रों को ब्रिटेन के समान पाठ्यक्रम और डिग्रियां मिलेंगी, और वे ब्रिटेन या मलेशिया में एक वर्ष तक अध्ययन करने का विकल्प भी रखेंगे।
🌏 लिवरपूल विश्वविद्यालय का अगला कदम
लिवरपूल विश्वविद्यालय ने भी बेंगलुरु में कैंपस खोलने की योजना बनाई है, जो 2026-27 शैक्षिक वर्ष से चालू होगा। इस कैंपस के लिए यूजीसी से मंजूरी मिल चुकी है और यह साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के बाद दूसरा ब्रिटिश विश्वविद्यालय होगा, जो भारत में अपना परिसर खोलेगा।
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🗣️ भारत-ब्रिटेन के बीच शिक्षा संबंधों को नई दिशा
भारत और ब्रिटेन के बीच यह साझेदारी शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। यॉर्क, एबरडीन और ब्रिस्टल विश्वविद्यालयों के भी मुंबई में अपने कैंपस स्थापित करने पर चर्चा जारी है। इस साझेदारी से छात्रों को नई तकनीकी, विज्ञान, प्रबंधन, और अन्य क्षेत्रों में बेहतर शिक्षा मिलने की संभावना है।
🎓 भारतीय छात्रों को मिलेंगे कई लाभ
इस शिक्षा पहल के अंतर्गत, भारतीय छात्रों को अनेक फायदे होंगे:
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घरेलू शिक्षा की गुणवत्ता: भारतीय छात्र अब ब्रिटेन की इंटरनेशनल क्वालिटी की शिक्षा बिना विदेश जाए प्राप्त कर सकेंगे।
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कम खर्च में शिक्षा: विदेश जाने की जरूरत नहीं होगी, जिससे खर्च भी कम होगा।
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वही डिग्री: भारतीय छात्रों को वही डिग्री मिलेगी, जो ब्रिटेन के छात्र प्राप्त करते हैं।
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इंडस्ट्री से जुड़ी अवसर: छात्रों को इंटर्नशिप और प्लेसमेंट के बेहतर अवसर मिलेंगे, जिससे उन्हें अपनी शिक्षा के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
📝 आवेदन प्रक्रिया
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आवेदन पत्र भरना: सबसे पहले, छात्रों को संबंधित विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर आवेदन पत्र भरना होगा।
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आवश्यक document: आवेदन के साथ छात्रों को अपनी शैक्षिक योग्यता, प्रमाणपत्र, और अन्य संबंधित document जमा करने होंगे।
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आवेदन शुल्क: कुछ विश्वविद्यालयों में आवेदन शुल्क लिया जाता है, जिसे छात्रों को ऑनलाइन भुगतान करना होगा।
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प्रवेश परीक्षा/इंटरव्यू: कुछ विश्वविद्यालयों में प्रवेश परीक्षा या इंटरव्यू की प्रक्रिया हो सकती है, जिसमें छात्रों को अपनी योग्यता दिखानी होगी।
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वीजा प्रक्रिया: यदि छात्र विदेशी विश्वविद्यालय में दाखिला लेते हैं, तो उन्हें संबंधित देशों से छात्र वीजा प्राप्त करना होगा। Education news
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🌟 भविष्य की दिशा
भारत-ब्रिटेन की यह साझेदारी शिक्षा (एजुकेशन न्यूज) के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू करने जा रही है। ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों का भारतीय कैंपस शिक्षा के स्तर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा और भारत को वैश्विक शिक्षा केंद्र के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।
इस ऐतिहासिक कदम से भारतीय छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा के साथ-साथ विदेश जाने की आवश्यकता के बिना इंटरनेशनल डिग्री प्राप्त करने का मौका मिलेगा। यह कदम ना केवल शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाएगा, बल्कि दोनों देशों के बीच संबंधों को भी मजबूत करेगा।
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