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राजस्थान सरकार ने 2026-27 शैक्षिक सत्र से कक्षा 10 और 12 के लिए दो बार बोर्ड परीक्षा सिस्टम लागू करने की घोषणा की है।
जिससे छात्रों पर परीक्षा का दबाव कम होगा और उन्हें बेहतर अंक प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। यह निर्णय 2026-27 शैक्षिक सत्र से लागू होगा और कक्षा 10 और 12 के विद्यार्थियों को प्रभावित करेगा।
राजस्थान बोर्ड परीक्षा सिस्टम में बदलाव
राजस्थान के स्कूल शिक्षा और पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने घोषणा की कि राजस्थान बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (RBSE) अब साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करेगा।
इस बदलाव से विद्यार्थियों को दो बार परीक्षा देने का अवसर मिलेगा, जिससे छात्रों पर एक बार की परीक्षा के दबाव को कम किया जा सकेगा।
पहली परीक्षा - सभी छात्रों के लिए अनिवार्य: पहली परीक्षा सभी छात्रों के लिए अनिवार्य होगी, जो फरवरी और मार्च के बीच आयोजित की जाएगी। यह मुख्य बोर्ड परीक्षा होगी।
दूसरी परीक्षा - अंक सुधारने का अवसर: दूसरी परीक्षा मई और जून में होगी, जिसमें छात्र अधिकतम तीन विषयों में अपने अंक सुधारने का मौका पा सकते हैं।
यह विशेष रूप से उन छात्रों के लिए लाभकारी होगा, जिन्होंने पहली परीक्षा में कुछ कठिनाई का सामना किया या जिन्हें कुछ विषयों में सुधार की आवश्यकता है।
दोनों परीक्षा सत्रों में एक ही पाठ्यक्रम होगा और परीक्षा स्ट्रक्चर या योजना में कोई बदलाव नहीं होगा।
मुख्य बिंदु यह है कि दोनों प्रयासों में से जो भी बेहतर अंक आएंगे, वही अंतिम परिणाम में जोड़े जाएंगे, जिसका मतलब है "दोनों प्रयासों में से सर्वोत्तम"।
नए सिस्टम की खास बातें
परीक्षा शुल्क: दोनों सत्रों के लिए परीक्षा शुल्क में कोई बदलाव नहीं होगा।
अस्पताल प्रमाणपत्र के लिए नियम: यदि कोई छात्र पहली परीक्षा में उपस्थित नहीं हो पाता, तो वह दूसरे सत्र में बैठ सकता है, बशर्ते उसके पास एक वैध मेडिकल प्रमाणपत्र या जिला शिक्षा अधिकारी का अनुमोदन हो।
लचीलापन और कम तनाव: मंत्री दिलावर ने बताया कि इस सिस्टम से छात्रों का तनाव कम होगा, लचीलापन बढ़ेगा और यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत छात्र-मित्र मूल्यांकन मॉडल से मेल खाएगा।
CBSE परीक्षा पैटर्न से तुलना
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने पहले ही कक्षा 10 के लिए बोर्ड परीक्षाएं साल में 2 बार होंगी, जो 2026 से लागू होगी।
हालांकि, यह निर्णय अभी तक कक्षा 12 पर लागू नहीं होगा। CBSE के नए परीक्षा पैटर्न के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
दो परीक्षा सत्र: जैसे RBSE में, CBSE भी फरवरी में पहली अनिवार्य परीक्षा और मई में दूसरी वैकल्पिक परीक्षा आयोजित करेगा।
विशेष विषयों में सुधार: छात्र दूसरे सत्र में तीन विषयों में अपनी परफॉर्मेंस सुधार सकते हैं।
सप्लीमेंट्री परीक्षा का समाप्ति: दो सत्रों की परीक्षा सिस्टम के साथ, सप्लीमेंट्री परीक्षा समाप्त कर दी जाएगी।
दो परीक्षा सत्रों के लाभ
दो परीक्षा सत्रों का सबसे बड़ा फायदा ये है कि अब छात्रों को ज्यादा लचीलापन मिलेगा। अगर किसी छात्र को पहली परीक्षा (10th-12th board exam) के बाद अपनी परफॉर्मेंस में सुधार करना है, तो वो दूसरे सत्र में अपनी ग्रेड्स सुधार सकता है। इससे परीक्षा का दबाव भी कम होगा और छात्रों को एक अच्छा और संतुलित शैक्षिक अनुभव मिलेगा।
यह बदलाव NEP के विचारों से मेल खाता है, जो शिक्षा में ज्यादा लचीलापन और छात्रों के लिए सुविधाजनक तरीका चाहता है, ताकि छात्र अपने आत्मविश्वास और रिजल्ट्स में सुधार कर सकें।
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