BHOPAL. कुछ ही दिनों में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, इसे लेकर पार्टियों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। ऐसे में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के बड़े नेताओं के टिकट पर अभी संस्पेंस बना हुआ है। कांग्रेस मजबूत लोकसभा उम्मीदवारों की खोज में जुटी है। इसे लेकर मंगलवार यानी आज भोपाल में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय (PCC) में कांग्रेस की अहम बैठकें होने वाली है।
दिग्विजय सिंह का कार्यकाल 2026 तक
बता दें कि बड़े नेताओं के इनकार के बाद अब मजबूत उम्मीदवारों का नाम खोजना चुनौती बनी हुई है। राजगढ़ की बैठक में दिग्विजय सिंह का कहना है कि उनका राज्यसभा का कार्यकाल 2026 तक है। अब कमलनाथ ने भी अपनी परंपरागत सीट से नकुलनाथ के ही चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। अजय सिंह राहुल, सज्जन सिंह वर्मा, ओमकार सिंह मरकाम चुनाव लड़ने से इनकार कर चुके हैं। 27 फरवरी को होने वाले राज्यसभा की 5 सीटों के चुनाव और लोकसभा चुनाव, भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर PCC में कांग्रेस की अहम बैठकें हो रहीं हैं। इन बैठकों में प्रदेश प्रभारी भंवर जितेन्द्र सिंह, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार मुख्य रूप से मौजूद हैं।
PCC में 6 लोकसभा क्षेत्रों की बैठकें आज
बता दें कि प्रदेश की 29 लोकसभा (Loksabha) सीटों में से 10 लोकसभा क्षेत्रों की बैठकें हो चुकी हैं और आज PCC में 6 लोकसभा क्षेत्रों की बैठकें होंगी। भोपाल, होशंगाबाद, बैतूल, राजगढ़, इंदौर, विदिशा लोकसभाओं की बैठकें सुबह 11 बजे से शाम 4:15 बजे तक होंगी। मंगलवार यानी आज पीसीसी में सबसे पहले भोपाल लोकसभा क्षेत्र की बैठक हुई। इसमें विधायक आतिफ अकील, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, रविंद्र साहू, जयश्री हरिकरण, काग्रेस शहर अध्यक्ष प्रवीण सक्सेना, ग्रामीण अध्यक्ष अरुण श्रीवास्तव मौजूद थे। बैठक में फैसला लिया गया कि लोकसभा क्षेत्र के लिए संचालन समिति बनाई जाएगी। इसके अलावा संगठन में जो प्रमुख पद खाली हैं उन्हें एक सप्ताह में भरा जाएगा। नगरीय क्षेत्रों में वार्ड अध्यक्ष और ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत अध्यक्षों की नियुक्ति होगी।
पार्टी मजबूत उम्मीदवारों के नाम की तलाश में
कांग्रेस हर लोकसभा स्तर पर बैठकें कर पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं से चर्चा करके मजबूत लोकसभा उम्मीदवारों के नाम की तलाश में है। औसतन हर सीट पर अभी 8 से 9 नेताओं ने दावेदारी की है। AICC ने सभी 29 लोकसभा सीटों के लिए 29 कोऑर्डिनेटर नियुक्त किए थे। इन सभी समन्वयकों ने अपने प्रभार की लोकसभा के अंतर्गत आने वाली विधानसभाओं में बैठकें लीं और कार्यकर्ताओं के नाम खोजे हैं।