विवादों से परे, ये सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर जो समाज में ला रहे बदलाव की नई लहर

वायरल कंटेंट की चमक के पीछे असली बदलाव छुपा है। क्या डिजिटल क्रिएटर्स सिर्फ व्यूज के लिए कंटेंट बना रहे हैं, या वे समाज को सच में कुछ नया सिखा रहे हैं। मिलिए ऐसे क्रिएटर्स से जो अपने कंटेंट से समाज में अच्छा बदलाव ला रहे हैं...

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Kaushiki
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आज के समय में डिजिटल कंटेंट हमारी सोच और समाज पर गहरा असर डालता है। हाल ही में India’s Got Latent के एक एपिसोड के बाद वायरल कंटेंट के असर और उसकी सच्चाई पर बहस शुरू हो गई है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि, क्या कंटेंट सिर्फ व्यूज और लाइक्स के लिए बनाया जाता है या इसका कोई गहरा उद्देश्य भी होता है?

आज इन्फ्लुएंसर्स और डिजिटल क्रिएटर्स के पास समाज में बदलाव लाने की ताकत है। लेकिन जब सिर्फ वायरल होने पर ध्यान दिया जाता है, तब कंटेंट की क्वालिटी और उसका असर कम हो जाता है। हाल ही में रणवीर अल्लाहबादिया (BeerBiceps) के विवाद ने यही सवाल उठाया कि, क्या क्रिएटर्स की जिम्मेदारी सिर्फ मनोरंजन देना है, या उन्हें समाज को कुछ अच्छा भी सिखाना चाहिए...

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डिजिटल दुनिया की असली ताकत

हर वायरल वीडियो और कंट्रोवर्सी के बीच, असली बदलाव तब आता है जब क्रिएटर्स अपनी ताकत का सही इस्तेमाल करते हैं और लोगों को कुछ नया सिखाते हैं। कई ऐसे क्रिएटर्स हैं जो सिर्फ लाइक्स और व्यूज के लिए काम नहीं करते, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए मेहनत करते हैं।

यही डिजिटल दुनिया की असली ताकत है – कंटेंट जो सिर्फ ट्रेंडिंग न हो, बल्कि लोगों के लिए फायदेमंद भी हो! ऐसे में इस शोर और बहस से हटकर, असली बदलाव तब होता है जब क्रिएटर्स अपनी ताकत से लोगों को सिखाते, मजबूत बनाते और प्रेरित करते हैं। आइए, आज हम एक ऐसे क्रिएटर्स से मिलें जो अपने कंटेंट से समाज में अच्छा बदलाव ला रहे हैं।

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पीपल बाबा: पर्यावरण संरक्षण के सच्चे नायक

भारत में जब भी पर्यावरण बचाने की बात होती है, तो कई लोग और संस्थाएं इसमें अपना योगदान देती हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपना पूरा जीवन हरियाली बढ़ाने के लिए समर्पित कर देते हैं। ऐसा ही एक नाम है पीपल बाबा, जो पिछले कई दशकों से हरियाली क्रांति अभियान (Hariyali Revolution Campaign) चला रहे हैं।

26 जनवरी 1966 को जन्मे पीपल बाबा ने मात्र 10 साल की उम्र में पेड़ लगाना शुरू किया और तब से अब तक 2 करोड़ 30 लाख से ज्यादा पेड़ लगा चुके हैं। उन्होंने इसे केवल एक अभियान नहीं बल्कि अपनी जीवनशैली बना लिया है। उनका संगठन "Give Me Trees Trust" पूरे देश में वृक्षारोपण करता है और अब तक 18 राज्यों और 205 जिलों में लाखों पेड़ लगाए जा चुके हैं।

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दुनिया की सबसे बड़ी पीपल-बरगद नर्सरी

पीपल बाबा और उनकी टीम ने दिल्ली-एनसीआर में 13 लाख से ज्यादा पेड़ लगाए हैं। उन्होंने नोएडा में 68 हजार पेड़ों का ग्रीन गार्डन तैयार किया और गुरुग्राम में दुनिया की सबसे बड़ी पीपल-बरगद नर्सरी बनाई। उनका मानना है कि, अगर हर व्यक्ति अपने जीवन में कम से कम 10 पेड़ लगाए, तो भारत फिर से हरा-भरा हो सकता है।

वे लगातार गांवों को गोद लेकर वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे भी इस मुहिम से जुड़ें और अपने आने वाले कल को हरा-भरा बनाने में योगदान दें। वो सभी से अपील करते हैं कि पर्यावरण बचाने की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की नहीं, बल्कि हर नागरिक की है, तो क्यों न आज से शुरुआत करें। 

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