अपने गाए हुए गानों से सभी के दिलों पर राज करने वाले मशहूर सिंगर मुकेश आज हमारे बीच में नहीं हैं।लेकिन उनके दर्द भरे नगमों से उनकी यादें हमेशा ताजा रहेंगी।मुकेश ने इंडस्ट्री को एक से बढ़कर एक शानदार गानों की सौगातें दीं।कहा जाता है की मुकेश बहुत ही सेंसटिव थे।दूसरों का दर्द देखकर वो उन्हें दूर करने की कोशिश करते थे।
एक्टर बनना चाहते थे मुकेश
बताया जाता है की मुकेश केवल एक सिंगर के तौर पर ही खुद को स्थापित नहीं करना चाहते वो एक कामयाब एक्टर भी बनना चाहते थे। सन 1948 में नौशाद के संगीत निर्देशन में फिल्म अंदाज के बाद मुकेश ने गायकी का अपना अलग अंदाज बनाया। लेकिन अभिनेता बनने की चाहत में उन्होंने 1953 में रिलीज हुई 'माशूका' और 1956 में रिलीज फिल्म 'अनुराग' में काम किया था।लेकिन अभिनय में वो विफल रहे।
जब राज कपूर ने कहा था मेरी आवाज चली गई
गायक मुकेश ने बॉलीवुड में राज कपूर के लिए सबसे ज्यादा गाने गाए थे. मुकेश एक तरह से राज कपूर की आवाज थे. राज कपूर की फिल्मों के गानों के लिए अधिकतर मुकेश ने ही अपनी आवाज दी थी. राज कपूर की फिल्म 'सत्यम शिवम सुंदरम' के गाने 'चंचल निर्मल शीतल' की रिकॉर्डिंग पूरी करने के बाद वह अमेरिका में एक कॉन्सर्ट में भाग लेने के लिए चले गए। जहां 27 अगस्त 1976 को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। राजकपूर को जब उनकी मौत की खबर मिली तो उनके मुंह से बस निकल गया मुकेश के जाने से मेरी आवाज और आत्मा दोनों चली गई।