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भारत में फार्मिंग सिर्फ एक काम नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की जिंदगी का सहारा है। लेकिन, कभी-कभी बेमौसम बारिश, बाढ़, सूखा या कीट-पतंगों का हमला किसानों की पूरी मेहनत पर पानी फेर देता है। ऐसे में किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है और वे कर्ज के जाल में फंस जाते हैं।
इन्हीं परेशानियों को दूर करने के लिए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की है। इस योजना का मकसद किसानों को फसल नुकसान से होने वाली आर्थिक परेशानी से बचाना है। बता दें कि खेती एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने PMFBY खरीफ 2025 के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख को आगे बढ़ा दिया है।
अब गैर-ऋणी किसान अपनी फसलों का बीमा 14 अगस्त 2025 तक करा सकते हैं। पहले यह तारीख 31 जुलाई थी। वहीं, ऋणी किसानों के खातों से फसल बीमा प्रीमियम काटने की आखिरी तारीख 30 अगस्त 2025 तय की गई है। यह तारीखों में बदलाव उन किसानों के लिए एक बड़ी राहत है, जो अभी तक आवेदन नहीं कर पाए थे।
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🎯 PMFBY योजना के मुख्य उद्देश्यप्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) PMFBY kisan के कई फायदे हैं, जिनका सीधा असर किसानों की जिंदगी पर पड़ता है। जैसे
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💰 PMFBY के फायदे
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों के लिए कई बड़े फायदे हैं।
💰 किफायती प्रीमियम
- खरीफ फसलें: किसान को प्रीमियम का सिर्फ 2% देना होता है। बाकी पैसा सरकार देती है।
- रबी फसलें: प्रीमियम सिर्फ 1.5% होता है।
- सालाना कमर्शियल/बागवानी फसलें: प्रीमियम 5% होता है।
- खास राज्यों में: नॉर्थ-ईस्टर्न राज्यों, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के किसानों के लिए, सरकार पूरा प्रीमियम देती है।
💰 पूरी कवरेज
- यह योजना प्राकृतिक आपदाओं (जैसे सूखा, बाढ़), कीटों और बीमारियों से होने वाले नुकसान को कवर करती है। इसमें कटाई के बाद हुए नुकसान भी शामिल हैं, जैसे ओले पड़ना या भूस्खलन।
💰 समय पर मुआवजा
- PMFBY (government schemes) का लक्ष्य है कि किसानों को कटाई के दो महीने के भीतर मुआवजा मिल जाए। इससे किसान कर्ज में नहीं फंसते और अपनी अगली फसल की तैयारी कर पाते हैं।
💰 टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
- फसल के नुकसान का सही अंदाजा लगाने के लिए सैटेलाइट इमेज, ड्रोन और मोबाइल ऐप्स जैसी नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है। इससे क्लेम सेटलमेंट में पारदर्शिता और सटीकता आती है।
✅ योजना के लिए कौन एलिजिबल है
- सभी किसान जो नोटिफाइड एरिया में नोटिफाइड फसलें उगाते हैं, वे इस योजना के लिए योग्य हैं।
- किसान के पास जमीन का वैध प्रमाण (valid land ownership certificate) या किराए का समझौता होना चाहिए।
- आवेदन सही समय पर, आमतौर पर बुवाई के 2 हफ्तों के अंदर करना होता है।
- किसान ने इसी नुकसान के लिए किसी और योजना से मुआवजा न लिया हो।
❌ किन चीजों को कवर नहीं किया जाता
- नॉन-नोटिफाइड एरिया: जो इलाके इस योजना के तहत नोटिफाइड नहीं हैं, वहां होने वाले नुकसान को कवर नहीं किया जाता।
- क्रॉप साइकिल के बाहर का नुकसान: फसल की बुवाई से कटाई के बीच न होने वाले नुकसान को इसमें शामिल नहीं किया जाता।
- लापरवाही: अगर किसान की अपनी लापरवाही से नुकसान होता है, तो बीमा क्लेम नहीं मिलता।
- प्रीमियम न भरना: अगर किसान ने प्रीमियम नहीं भरा है, तो वह योजना के लिए योग्य नहीं माना जाएगा।
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🛡️ कौन-कौन से रिस्क्स कवर होते हैं
- खड़ी फसलों का नुकसान (Yield Losses): प्राकृतिक आपदाएं जैसे आग, बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि, तूफान और कीट-रोगों से होने वाले नुकसान को इसमें कवर किया जाता है।
- बुवाई न होना (Prevented Sowing): अगर मौसम की ख़राबी के चलते किसान बुवाई नहीं कर पाए, तो उन्हें बीमा राशि का 25% तक मुआवजा मिल सकता है।
- फसल कटाई के बाद का नुकसान (Post-harvest Losses): कटाई के बाद खेत में सूखने के लिए छोड़ी गई फसल को 14 दिनों तक चक्रवात या बेमौसम बारिश से होने वाले नुकसान को भी कवर किया जाता है।
- स्थानीय आपदाएं (Localised Calamities): ओलावृष्टि, भूस्खलन जैसी स्थानीय आपदाओं से हुए नुकसान के लिए भी बीमा दिया जाता है।
जरूरी डाक्यूमेंट्स
- पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक पासबुक की कॉपी
- पहचान पत्र (आधार कार्ड, वोटर आईडी)
- जमीन के रिकॉर्ड (Land records)
- घोषणा पत्र (Declaration about the crop sown)
💻 आवेदन कैसे करें
- आप इस सरकारी योजनाएं के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन, दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं।
ऑनलाइन तरीका (Online Method):
- PMFBY की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं।
- 'Farmer Corner' पर जाकर 'Guest Farmer' के रूप में खुद को रजिस्टर करें।
- रजिस्टर होने के बाद अपने मोबाइल नंबर से लॉग-इन करें।
- 'Farmer Application Form' में सभी ज़रूरी जानकारी और डॉक्यूमेंट्स भरें।
- 'Make Payment' पर क्लिक करके प्रीमियम का भुगतान करें।
- पेमेंट होने पर रसीद का प्रिंट ले लें।
बता दें कि, अगर आपकी फसल को कोई नुकसान होता है, तो आपको 72 घंटे के अंदर इसकी जानकारी देनी होगी। आप कृषि रक्षक पोर्टल, हेल्पलाइन नंबर 14447, या क्रॉप इंश्योरेंस ऐप पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
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