स्तन कैंसर आज के समय की एक गंभीर बीमारी बन चुका है। स्तन कैंसर महिलाओं में अधिक पाया जाता है। अगर आपको इस बिमारी का पता न चले तो ये काफी खतरनाक रूप ले सकती है। इसका पूरी तरह इलाज अभी भी पॉसिबल नहीं है। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि अगर इसका सही समय पर पता चल जाए तो लोगों की जान बचाई जा सकती है। महिलाओं (Women) की बात करें तो उनमें ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) बहुत ही आम कैंसर है। वर्ल्ड नेशनल ब्रेस्ट कैंसर फाउंडेशन की एक रिपोर्ट में पाया गया है कि हर दो मिनट में एक महिला ब्रेस्ट कैंसर की शिकार हो रही हैं। पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ी जागरुकता के कारण कई महिलाओं की जान इससे बचाई गई है। लेकिन अभी भी दुनिया के कई हिस्से ऐसे हैं जहां इसके बारे में महिलाओं और पुरुषों में जागरुकता नहीं पहुंची है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, दुनियाभर में 2021 में 2.3 मिलियन महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर की शिकार पाई गईं और करीब 6,85,000 महिलाओं की मौत इसकी वजह से हो गई। जबकि पिछले कुछ सालों से जागरुकता बढने की वजह से पिछले 5 सालों में 7.8 मिलियन महिलाओं को इस कैंसर से बचाया भी गया है।
क्या है अभियान
ब्रेस्ट कैंसर जागरुकता महीने का लक्ष्य है लोगों में स्तन संबंधी कैंसर से जुड़ी तमाम जानकारी उपलब्ध कराना और अर्ली स्टेज पर कैंसर का पता लगाने में सक्षम बनाना। यह महीना हमें याद दिलाता है कि हर महिला और पुरुष को ब्रेस्ट कैंसर इग्जाम कराना कितना जरूरी है। इसके अलावा यह हमें कैंसर के तमाम तरह के इलाज के बारे में जानने का भी मौका देता है।
क्या है पिंक अक्टूबर
पिंक अक्टूबर दुनिया भर में 1अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक मनाया जाता है। यह एक फार्मास्युटिकल कंपनी इम्पीरियल केमिकल इंडस्ट्रीज और अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के बीच एक संयुक्त सहयोग के 1885 में स्थापित किया गया। इसका उद्देश्य अक्टूबर के पूरे महीने को स्तन कैंसर से लड़ने के लिए एक शक्तिशाली हथियार के रूप में मैमोग्राफी को बढ़ावा देने के लिए समर्पित करना था। आज इस अभियान में दुनियाभर की सभी बड़ी संस्थान मिलकर काम कर रही हैं और इससे जुड़ी हर तरह की जागरुकता को फैला रही हैं।
भारत में ब्रेस्ट कैंसर
ब्रेस्टकैंसर इंडिया के मुताबिक, 2018 की रिपोर्ट में यह पाया गया कि भारत 1,62,468 महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित पाई गईं । जबकि हर 4 कैंसर पीडि़त महिलाओं में एक महिला ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही है। यह भी पाया गया कि 25 से 49 साल की महिलाओं में 32. 8 प्रतिशत कैंसर केस ब्रेस्ट कैंसर से संबंधित है। 40 से 60 की उम्र की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की संभावना काफी ज्यादा होती है। इसका एक मात्र उपाय जागरूकता और बीमारी का जल्दी पता होने को माना जा सकता है ।