आईफोन बनाने वाली कंपनी एपल अगले 3 साल में भारत में 5 लाख लोगों को नौकरी दे सकती है। ये नौकरियां वेंडर्स और कंपोनेंट्स सप्लायर्स के जरिए ही जनरेट की जाएंगी। यानी ये नौकिरयां एपल के शोरूम और एपल के पार्ट्स बनाने वाली कंपनियां में मिलेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वर्तमान में एपल के वेंडर्स और सप्लायर्स भारत में करीब 1.5 लाख लोगों को रोजगार देते हैं। बता दें कि एपल के दो मैन्युफैक्चरिंग प्लांट ऑपरेट करने वाली कंपनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स सबसे बड़ी जॉब जनरेटर है, लेकिन एपल ने इस बारे में कोई बयान नहीं दिया है।
क्या है एपल की प्लानिंग
एपल ने कोरोना महामारी के बाद से ही चीन पर अपनी निर्भरता कम करने की रणनीति अपनाई हुई है। वहीं एपल भारत में निवेश भी कर रही है। दरअसल कंपनी की प्लानिंग अगले 3 साल में अपनी मौजूदा सप्लाई चेन का ज्यादा से ज्यादा हिस्सा चीन से भारत में ट्रांसफर करने की है। कंपनी ने इसके तहत भारतीय सप्लायर्स पर जोर देना शुरू कर दिया है।
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क्या है एपल का टारगेट
जानकारी के मुताबिक कंपनी का टारगेट अगले 4 से 5 साल में भारत में अपने प्रोडक्शन को 5 गुना से भी ज्यादा बढ़ाकर 40 बिलियन तक लाना है। मार्केट रिसर्च फर्म काउंटर पॉइंट रिसर्च के अनुसार, एपल ने 2023 में पहली बार भारत में रेवेन्यू जनरेट करने में टॉप पॉजीशन हासिल की है, लेकिन सेल्स के मामले में सैमसंग आगे बना हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक एपल ने पिछले साल पहली बार शिपमेंट में 10 मिलियन यूनिट का आंकड़ा पार किया है। वहीं भारत से एपल का आईफोन एक्सपोर्ट 2022-23 में 6.27 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2023-24 में 12.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया था।