BHOPAL. उज्जैन में खुद को सीबीआई अधिकारी ( CBI Fraud ) बताकर पांच बदमाशों ने एक व्यापारी से दो करोड़ रुपए ठग लिए। व्यापारी की शिकायत पर पुलिस ने मामले की जांच- पड़ताल शुरू कि तो पता चला कि बदमाशों ने सीबीआई अधिकारी ( CBI Officer ) बताकर व्यापारी ( Businessman in Ujjain ) को पहले फसाया। फिर उसे सीबीआई के एक केस में नाम होने का डर दिखा कर ठगी की। हालांकि इस मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को पकड़ लिया है, लेकिन अभी तक लूट के पैसे जब्त नहीं किए है।
सीबीआई के नाम पर व्यापारी से 2 करोड़ ठगे
जानकारी के मुताबिक 5 अप्रैल को व्यापारी के मोबाइल पर अज्ञात नंबर से एक वॉट्सएप कॉल आया। कॉलर ने जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल द्वारा किए गए फ्रॉड का रुपया उसके बैंक खाते में आने की बात कही। कॉलर ने बताया कि सीबीआई में घोटाले की एफआईआर दर्ज है। पहले व्यापारी को ये कॉल फ्रॉड लगा, लेकिन कॉलर के वॉट्सएप प्रोफाइल पर महाराष्ट्र पुलिस का लोगो देखकर वह डर गया। कॉलर ने व्यापारी को केंद्रीय विभागों के गोपनीय समझौतों की सहमति का एग्रीमेंट, सीबीआई अधिकारी के साइन किए हुए लेटर और अरेस्ट ऑर्डर वॉट्सएप पर भेजे।
जालसाजों ने फर्जी अरेस्ट ऑर्डर भेजकर डराया
व्यापारी, कॉलर के जाल में फंसता गया। जेल जाने के डर से उसने पंजाब नेशनल बैंक की नालंदा शाखा के एक खाते में करीब दो करोड़ रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। कॉलर ने व्यापारी को ये भी विश्वास दिलाया कि जैसे ही यह बात साफ हो जाएगी कि नरेश गोयल के फ्रॉड का पैसा उसके खाते में नहीं आया है, उसकी पूरी रकम उसे लौटा दी जाएगी। बाद में बार- बार व्यापारी, कॉलर से अपने पैसे मांग रहा था, लेकिन आनाकानी करने लगा। तब व्यापारी को ठगी का अहसास हुआ। उसने पुलिस को इस मामले की जानकारी दी।
गिरफ्तारी के बाद भी बरामद नहीं हुए पैसे
पुलिस ने आरोपियों की पहचान करने के लिए एक्सपर्ट टीम बनाई। वारदात में यूज किए गए वॉट्सएप नंबर और बैंक खातों की जानकारी निकाली। इस दौरान खुलासा हुआ कि आरोपियों ने धोखाधड़ी की रकम मुकेश इंटरप्राइजेज के खाते में ट्रांसफर की है। बाद में पैसे अलग-अलग 40 बैंक खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर किए। इस मामले में पुलिस ने नालंदा बिहार के मुकेश कुमार, ग्राम बारापुर के अमरेंद्र कुमार (बाहुबली) ग्राम किंजर के शाहनवाज आलम मैनपुरी (यूपी) के अनिल यादव और शरद पांडे को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों के पास से 10 मोबाइल भी जब्त किए गए है। लेकिन, ठगी गई राशि अभी तक पुलिस को नहीं मिली है।