बिहार में घमासान : पशुपति कुमार पारस का इस्तीफा, क्या एनडीए फंसेगा!

बिहार में सीट बंटवारे को लेकर बीजेपी और उसके सभी सहयोगी संगठनों को लोकसभा की सीटें मिली हैं, लेकिन लंबे समय तक मोदी सरकार से जुड़े पारस और उनकी पार्टी की जबर्दस्त नजरअंदाजी हुई है, जिससे माना जा रहा था कि वह कोई औचक निर्णय ले सकते हैं...

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Dr Rameshwar Dayal
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New Delhi: लोकसभा में सीटों के बंटवारे से आहत बिहार की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी ( RLJP ) के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने एनडीए गठबंधन ( NDA ) से अलग होने का निर्णय ले लिया है। इसके साथ-साथ उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार में पदासीन केंद्रीय मंत्री को भी छोड़ दिया है। वह इस बात से आहत व नाराज बताए जा रहे हैं कि बिहार में एनडीए गठबंधन के बीच हुए सीट बंटवारे ( seats sharing ) में उनकी पार्टी को एक भी सीट नहीं दी गई, जबकि उनके भतीजे को पांच सीटें बांट दी गईं। पारस का आरोप है कि उनके साथ नाइंसाफी हुई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि वह विपक्षी गठबंधन INDIA में शामिल हो सकते हैं। फिलहाल बिहार में घमासान होने की संभावना है। 

पारस से कहा, उनके साथ नाइंसाफी हुई है

बिहार में सीट बंटवारे को लेकर बीजेपी और उसके सभी सहयोगी संगठनों को लोकसभा की सीटें मिली हैं, लेकिन लंबे समय तक मोदी सरकार से जुड़े पारस और उनकी पार्टी की जबर्दस्त नजरअंदाजी हुई है, जिससे माना जा रहा था कि वह कोई ‘चमत्कारिक’ निर्णय ले सकते हैं। आज पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कैबिनेट मंत्री पद से मैं त्यागपत्र की घोषणा की और यह भी कहा कि उनके साथ नाइंसाफी हुई है। उन्होंने कहा कि अब आगे की राजनीति हम अपनी पार्टी के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर करेंगे। उनकी सलाह मशविरा के बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी।

मोदी का शुक्रिया किया लेकिन…

खास बात यह है कि उन्होंने यह भी कहा कि वह पीएम मोदी के शुक्रगुजार हैं। लेकिन इस्तीफे को लेकर बहुत विस्तार से बातचीत नहीं की। अभी उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह अकेले चुनाव लड़ेंगे या विपक्षी गठबंधन INDIA से समझौता करेंगे। माना जा रहा है कि एक दो दिनों में पार्टी के सारे जिलाध्यक्षों और पदाधिकारियों और दलित सेना की बैठक होगी, उसके बाद आगे कोई निर्णय लिया जाएगा। इंडिया गठबंधन में जाने के फैसले पर पार्टी प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल का कहना है कि अभी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जब बैठक होगी उसी में तय होगा कि अकेले लड़ना है या किसी गठबंधन से मिलकर चुनाव लड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि पार्टी का संसदीय बोर्ड तय करेगा कि हमारी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

चिराग को 5 सीटें दिए जाने से नाराज

माना जाता है कि पारस सीटों के बंटवारे में उनके भतीजे चिराग पासवान की एलजेपी (पासवान) को लोकसभा की पांच सीटें दिए जाने से बेहद नाराज थे। जबकि एनडीए ने उनकी पार्टी को राज्य में एक भी सीट नहीं दी। वह इस बात से भी आहत थे कि सीटों के बंटवारे की घोषणा से पहले उनसे बातचीत तक नहीं की गई। बिहार में एनडीए ने सीटों का बंटवारा कर दिया है। इनमें बीजेपी 17 और जेडीयू 16 सीटों पर चुनाव ल्रड़ेगी। अन्य सहयोगी दलों मे चिराग पासवान की पार्टी को पांच, जीतनराम मांझी की पार्टी HAM को एक, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल को भी एक सीट दी गई है। लेकिन पारस और उनकी पार्टी को बुरी तरह से दरकिनार किया गया है।

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