मारुत राज, भोपाल . विपक्ष ने जब-जब नरेंद्र मोदी पर सीधे निशाना साधा है, यह बैक फायर कर गया। मोदी पर व्यक्तिगत हमला करना विपक्ष को ही महंगा पड़ गया। ताजा मामला, इंडिया गठबंधन के प्रमुख सदस्य आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का है। उन्होंने मोदी के परिवार को लेकर बयान दिया। इस पर बीजेपी ने 'मैं भी मोदी का परिवार' ( Modi Ka Parivar ) बना कर इमोशनल कार्ड खेल लिया। इससे पहले पिछले चुनाव में चौकीदार चोर का नारा विपक्ष ने दिया तो बीजेपी ने 'मैं भी चौकीदार' का कार्ड खेल कर इसे भुना लिया। इससे पहले हर बार विपक्ष का तीर उसे ही घायल कर गया।
ऐसा कब-कब हुआ, आइए आपको बताते हैं विस्तार से....
2007- गुजरात विधानसभा चुनाव
- सोनिया गांधी ने चुनाव के दौरान नरेंद्र मौदी को मौत का सौदागर बताया। सोनिया गांधी के इस बयान से खलबली मच गई।
ऐसे किया पलटवार:
बीजेपी ने इसे बड़ा मुद्दा बना लिया। तब मुख्यमंत्री के रूप में गुजरात की पहचान नरेंद्र मोदी के रूप में पेश करने की कोशिश में लगी बीजेपी को एक तरह से घर बैठे बड़ा मुद्दा मिल गया। तब के सीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी ने इसे गुजरात की पहचान और अस्मिता से जोड़ लिया। प्रदेश की सुरक्षा और शांति को लेकर सोनिया गांधी के इस बयान के साथ चुनाव में गई बीजेपी को सफलता हासिल हुई।
साल 2014 - लोकसभा चुनाव
कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने नरेंद्र मोदी को नीच कहा।
ऐसे किया पलटवार:
साल 2014 में बीजेपी ने नरेंद्र मोदी ( narendra modi ) को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था। कांग्रेस के नेता मणिशंकर अय्यर ने नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्हें नीच कहा।
पलटवार: बीजेपी ने मणिशंकर के बयान को जाति से जोड़ लिया। प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने इसे अपनी जाति से जोड़ते हुए चुनावी हर सभा में मुद्दा बनाया। मोदी ने कहा कि वह ओबीसी जाति से आते हैं और पीएम पद की दावेदारी कर रहे हैं। कांग्रेस को यह पसंद नहीं आ रहा है कि एक ओबीसी जाति का कोई व्यक्ति इस मुकाम तक पहुंचा है। मोदी ने अय्यर के बयान को भुना लिया और यह मुद्दा कांग्रेस पर बैक फायर कर गया।
साल 2014- लोकसभा चुनाव
कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने मोदी को चायवाला कहा।
ऐसे किया पलटवार:
नरेंद्र मोदी और बीजेपी ने इसे आम आदमी की अस्मिता से जोड़ लिया। बीजेपी ने जगह जगह चाय पर चर्चा कार्यक्रम आयोजित किए। मणिशंकर अय्यर के बयान को बीजेपी पूरी तरह भुनाने में सफल रही। बीजेपी की प्लानिंग की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस ने यूपी के विधानसभा चुनाव में खाट पर चर्चा करके एक अभियान चलाया। हालांकि, वह सफल नहीं हो सका।
साल 2019- लोकसभा चुनाव
नरेंद्र मोदी खुद को देश का चौकीदार कह कर चुनावी रैलियों को संबोधित कर रहे थे। उनका कहना था कि कांग्रेस ने देश को लूटा है, जबकि वह देश के चौकीदार हैं। वफादार हैं। इसको लेकर कांग्रेस ने सरकारी कंपनियां, एयरपोर्ट, पोर्ट आदि औने-पौने दाम में उद्योगपतियों खासकर अडाणी ग्रुप को देना का आरोप लगाते हुए चौकीदार चोर है, वाला कैंपेन खड़ा किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी को सीधे निशाने पर लिया।
ऐसे किया पलटवार: बीजेपी और नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे को भुनाने के लिए मैं भी चौकीदार, नाम से कैंपेन खड़ा किया। बीजेपी मंत्रियों, नेताओं और आम कार्यकर्ताओं ने अपने सोशल मीडिया अकांउट्स पर मैं भी चौकीदार, कहते हुए अभियान चलाया और कांग्रेस का मु्द्दा एक बार फिर बैक फायर कर गया।
साल 2024- लोकसभा चुनाव
विपक्षी गठबंधन यानी इंडिया अलायंस के एक सदस्य आरजेडी के नेता लालू प्रसाद यादव ने पीएम नरेंद्र मोदी का परिवार न होने को लेकर सवाल खड़े किए।
ऐसे कर रही बीजेपी पलटवार:
आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए बीजेपी ने लालू प्रसाद यादव के इस बयान को भुनाने की तैयारी शुरू कर दी है। प्रारंभिक स्तर पर बीजेपी नेताओं और मंत्रियों तथा प्रदेश इकाइयों ने मैं मोदी का परिवार, कहते हुए एक अभियान शुरू कर दिया है। बीजेपी नेताओं और मंत्रियों तथा संगठन से जुड़े नेताओं ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर, मैं मोदी का परिवार, वाली डीपी लगा ली हैं। जिस प्रकार से बीजेपी ने इस मुद्दे को उठाया है, इससे लगता है कि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी और मोदी इसे बड़ा मुद्दा बना सकते हैं। हालांकि, इसका रजिल्ट क्या होगा, ये तो वक्त ही बताएगा।
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