संजय गुप्ता, INDORE. भारत निर्वाचन आयोग चुनाव ( Election Commission of India Election ) शराब, कैश, गिफ्ट आदि वितरण को लेकर लगातार सख्ती कर रहा है। जब्ती के आंकड़ों से यह बात सामने आई है कि इंदौर में हर चुनाव में लगातार कैश, शराब और ज्वेलरी यानी महंगे मैटल्स का चलन तेजी से आगे बढ़ता है। द सूत्र के पास मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक साल 2018 (विधानसभा चुनावी साल) में इनकी कुल कीमत 35 करोड़ रुपए थी, तो वहीं लोकसभा चुनाव 2019 में 18.86 करोड़ और यह 2023 (विधानभा चुनाव साल) में बढ़कर यह 46.35 करोड़ रुपए हो गई यानी ढाई गुना अधिक।
2018 व 2023 विधानसभा चुनाव साल और 2019 लोकसभा चुनावी साल में क्या हुआ?
- 2018 में- पकड़ी गई शराब की कीमत 2.23 करोड़ रुपए थी, महंगे मैटल्स की कीमत 6 करोड़ रुपए थी और जब्त कैश 27 करोड़ था। कुल कीमत 35.23 करोड़ रुपए
- 2019 में- पकड़ी गई शराब की कीमत 1.68 करोड़ रुपए, महंगे मैटल्स की कीमत 3.30 करोड़ रुपए और कैश 13.88 करोड़ रुपए था। कुल कीमत 18.86 करोड़ रुपए
- 2023 में- पकड़ी गई शराब की कीमत 4 करोड़ रुपए, महंगे मैटल्स की कीमत 11 करोड़ रुपए और जब्त कैश 31.35 करोड़ रुपए। कुल कीमत 46.35 करोड़ रुपए
विधानसभा चुनाव 2023 में इस तरह 50 करोड़ की जब्ती
- शराब- विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान आचार संहिता लगने से पहले जनवरी से 10 अक्टूबर के बीच 3.26 करोड़ की शराब जब्त हुई और फिर आचार संहिता के 50 दिन में 84.67 लाख की शराब जब्त हुई। पूरे साल 4.10 करोड़ की।
- ड्रग्स- विधासनभा चुनाव 2023 के दौरान जनवरी से 10 अक्टूबर के दौरान 3.34 करोड़ की ड्रग्स और फिर आचार संहिता के दौरान 65 लाख की कुल 3.99 करोड़ की ड्रग्स पकड़ी गई।
- महंगे मैटल्स- विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान जनवरी से 10 अक्टूबर तक 8.64 करोड़ के और फिर आचार संहिता में 2.42 करोड़ की महंगे मैटल्स जब्त हुए। कुल 11 करोड़ के।
- कैश- विधानसभा चुनाव 2023 में जनवरी से 10 अक्टूबर तक 24.44 करोड़ का कैश जब्त हुआ तो वहीं आचार संहिता के दौरान 6.91 करोड़ का कैश मिला। कुल 31.35 करोड़ का कैश जब्त हुआ।
(इस तरह शराब, ड्रग्स, मैटल्स और कैश की कुल कीमत 50 करोड़ रुपए हुई)
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कैश पर बेवजह लोगों को परेशान नहीं करें– कलेक्टर
कलेक्टर आशीष सिंह ने इस मामले में बुधवार को कलेक्टोरेट में बैठक भी ली। इसमें आम जन की सहूलियत को देखते हुए आशीष ने साफ कर दिया कि कैश लाने-ले जाने को लेकर नियम के बाहर जाकर कोई कार्रवाई नहीं करें। बेवजह किसी तरह की सख्ती करते हुए आमजन को परेशान हीं करें। नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के दौरान जब एफएसटी सक्रिय होगी, तभी इसके बाद विधिवत कार्रवाई करें।