नरेंद्र मोदी रविवार, यानी 9 जून को शाम 7:15 बजे लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण करेंगे। इसी के साथ मोदी पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगे। नेहरू ने लगातार तीन बार बहुमत की सरकार बनाई थी। हालांकि अटल बिहारी वाजपेयी भी लगातार तीन बार प्रधानमंत्री बने थे, लेकिन 16 दिन की पहली सरकार में वे सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाए थे।
अब मोदी करीब 23 साल से बड़े पदों पर काबिज हैं। वर्ष 2001 से 2014 तक वे गुजरात के मुख्यमंत्री रहे। फिर 2014 में प्रधानमंत्री बने थे। अब वे तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। मोदी शाम 7.15 बजे शपथ ग्रहण करेंगे। इस वक्त पुनर्वसु नक्षत्र और वृद्धि योग होगा।
इस खास रिपोर्ट में जानिए मोदी के जीवन से जुड़े तीन खास किस्से...
किस्सा 1: गुजरात दंगों में मिली क्लीन चिट
नरेंद्र मोदी 7 अक्टूबर 2001 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे, तब वे 51 वर्ष के थे। 24 फरवरी 2002 को उन्होंने गुजरात की राजकोट-2 विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और करीब 14 हजार वोट से जीते थे। 27 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में आग लग गई। हादसे में अयोध्या से लौट रहे 59 कारसेवकों ने दम तोड़ दिया था। इस आगजनी के बाद गुजरात में आग लग गई। दंगों की आग में गुजरात जल उठा।
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घटना की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पांच सदस्यों की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई थी, जिसे दंगों से जुड़े 9 मामलों की जांच करनी थी। सुप्रीम कोर्ट ने SIT को गुजरात दंगों में नरेंद्र मोदी की भूमिका की जांच की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी। ये आदेश पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी की शिकायत पर दिया गया था।
एसआईटी ने मोदी को 11 मार्च 2010 को एक नोटिस जारी किया, जिसमें उन्हें आरोपों पर जवाब देने के लिए बुलाया गया। जांच के बाद फरवरी 2011 में एसआईटी ने मोदी को क्लीन चिट दे दी। जकिया जाफरी ने इसे लेकर फिर याचिका लगाई, लेकिन दो साल बाद 27 दिसंबर 2013 को कोर्ट ने जकिया की याचिका खारिज कर दी। इसी के साथ एसआईटी ने मोदी को क्लीन चिट देते हुए अपनी क्लोजर रिपोर्ट लगा दी। मोदी युग | नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
दूसरी तरफ दंगों के बाद दिसंबर 2002 में गुजरात विधानसभा चुनाव हुए और इस बार मोदी राजकोट-2 के बदले मणिनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े। इस बार जीत का अंतर 75 हजार से ज्यादा था। BJP भी प्रचंड बहुमत से जीती। इसके बाद लगातार मोदी मणिनगर सीट से करीब एक लाख वोट से जीतते रहे। pm narendra modi oath
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किस्सा 2: वाजपेयी को बीच में टोक दिया था मोदी ने
गुजरात दंगों के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी गुजरात दौरे पर पहुंचे थे। जब मीडिया ने उनसे मुख्यमंत्री का बदलने का सवाल किया तो वाजपेयी ने कहा, 'मुख्यमंत्री के लिए मेरा एक संदेश है कि वह राजधर्म का पालन करें… राजधर्म… ये शब्द काफी सार्थक है। मैं उसी का पालन कर रहा हूं। पालन करने का प्रयास कर रहा हूं। राजा के लिए, शासक के लिए प्रजा-प्रजा में भेद नहीं हो सकता। न जन्म के आधार पर, न जाति के आधार पर, न संप्रदाय के आधार पर।'
तब प्रेस कॉन्फ्रेंस में वाजपेयी के साथ मोदी भी थे, उन्होंने बीच में ही कहा था कि 'हम भी वही कर रहे हैं साहेब।' इसके बाद वाजपेयी ने आगे, 'मुझे विश्वास है कि नरेंद्र भाई यही कर रहे हैं।'
मोदी का वाजपेयी से जुड़ा एक और किस्सा काफी चर्चित है। माना जाता है कि 12 अप्रैल 2002 को गोवा में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होनी थी। इसे लेकर बाद में लालकृष्ण आडवाणी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि इस बैठक में भाग लेने के लिए वे वाजपेयी के साथ जा रहे थे। उनके साथ तत्कालीन विदेश मंत्री जसवंत सिंह और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अरुण शौरी भी विमान में थे।
गुजरात की चर्चा हुई तो जसवंत सिंह ने वाजपेयी से सवाल किया कि वह क्या चाहते हैं। इस पर वाजपेयी ने कहा कि कम से कम इस्तीफे का ऑफर तो करते। गोवा पहुंचने पर आडवाणी ने मोदी से कहा कि उन्हें इस्तीफे की पेशकश करनी चाहिए। बैठक में मोदी ने गोधरा और बाद के घटनाक्रम के बारे में विस्तार से बताया।
उन्होंने अपने भाषण के आखिर में कहा, 'फिर भी सरकार के मुखिया के बतौर मैं अपने राज्य में जो कुछ हुआ है उसकी जिम्मेदारी लेता हूं। मैं अपना इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं।'
मोदी के इतना कहते ही बैठक में मौजूद नेता कहने लगे कि 'इस्तीफा मत दो।' वाजपेयी ने सब समझा और बोले इस पर बाद में फैसला लेंगे। modi raaj not
किस्सा 3: बीजेपी युग... 21 राज्यों में बीजेपी की सत्ता
वर्ष 2014 में औपचारिक रूप से नरेंद्र मोदी ने कमान संभाली। यहीं से बीजेपी का युग शुरू हुआ। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 282 सीटें जीतकर अकेले के दम पर बहुमत हासिल किया। 2019 के लोकसभा चुनाव में यह आंकड़ा बढ़कर 303 पर पहुंच गई। खास बात यह रही कि 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद देश के विभिन्न राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए। इसमें भी बीजेपी ने रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया। 2018 तक 21 राज्यों में बीजेपी की सरकार थी।
इधर, पार्टी ने संगठन को भी मजबूत किया। वर्ष 2015 में बीजेपी के करीब 11 करोड़ रजिस्टर्ड सदस्य थे। 2019 में जब BJP का सदस्यता अभियान खत्म हुआ तो संख्या बढ़कर 18 करोड़ पर पहुंच गई थी। कार्यकर्ताओं के लिहाज से BJP खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करती है।
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