भारत के प्रधानमंत्री : जानिए कब, कैसे संभाली कुर्सी...

भारत में प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद का नेता और सरकार का मुखिया होता है। प्रधानमंत्री राज्य का वास्तविक मुखिया होता है। संघ सरकार की कार्यकारी शाखा का नेतृत्व प्रधानमंत्री करता है

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Aparajita Priyadarshini
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आज़ादी के 72 सालों में भारत को 19 प्रधानमंत्री मिले हैं। नरेंद्र मोदी भारत के वर्तमान और 14वें प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने 30 मई 2019 को पदभार ग्रहण किया। जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री हैं जबकि इंदिरा गांधी भारत की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री हैं। primeministers of india | indian prime minister list | भारत के सभी प्रधानमंत्रियों की सूची not present in content

आइए जानते हैं भारत के सभी प्रधानमंत्रियों के बारे में

जवाहरलाल नेहरू

पंडित जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। उनका जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। उनके पिता का नाम पंडित मोतीलाल नेहरू और माता का नाम स्वरूप रानी था।

उन्होंने कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने लंदन के इनर टेम्पल में वकालत की। नेहरू को गांधीजी से मिलने का मौका 1916 में मिला, और उन्होंने गांधीजी के विचारों में रुचि देखकर उनके संग जुड़ गए।

गांधीजी के अनुयायी बनने के बाद, नेहरू ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपना संपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने सत्याग्रह और अहिंसा के सिद्धांतों को अपनाया।

उन्होंने 1942 से 1946 तक जेल में रहने के दौरान अपनी आत्मकथा डिस्कवरी ऑफ इंडिया लिखी। स्वतंत्र भारत के प्रधान मंत्री के रूप में उनका उद्घाटन भाषण ट्रिस्ट विद डेस्टिनी भारतीय जनता के बीच अत्यधिक लोकप्रिय है।

1947 में भारत को आजादी मिलने के बाद, नेहरू को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया। उनके प्रधानमंत्री पद कार्यकाल में भारत को एक आधुनिक और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। 

27 मई 1964 को हृदयाघात के कारण उनकी मृत्यु हो गई।

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गुलजारीलाल नन्दा

गुलजारी लाल जी का जन्म पंजाब के सिलायकोट,पंजाब (पकिस्तान) में हुआ था। इनके पिता का नाम बुलाकी राम नन्दा और उनकी माता का नाम ईश्वर देवी नन्दा था।

1921 में इन्होने महात्मा गाँधी जी के नेतृत्व में असहयोग-आन्दोलन में भाग लिया। 1947 में अन्तराष्ट्रीय मजदूर सम्मलेन में भारत के प्रतिनिधित्व के रूप में भाग लिया।

महान स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक और लेखक गुलजारीलाल नंदा अपनी सादगी और विनम्रता के लिए पहचाने जाते थे। 1950  में देश का संविधान लागू  होने के बाद वे योजना आयोग के उपाध्यक्ष बनाये गये।

वह 2 बार देश के अंतरिम प्रधानमंत्री भी रहे। आजादी के बाद पंडित जवाहर लाल नेहरू की अगुवाई में बनी कांग्रेस सरकार में कई अहम मंत्रालयों के मंत्री भी रहे।

नेहरू सरकार में गुलजारीलाल नंदा शीर्ष मंत्रियों में शुमार किए जाते थे। नंदा दोनों बार जब अंतरिम प्रधानमंत्री बने तो उस समय वह देश के गृह मंत्री थे। 

इन दौरान वह 13-13 दिनों के लिए इस पद पर रहे। उन्हें 1997 में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। 

1997 में इन्हें भारत-रत्न और पद्मविभूषण से सुशोभित किया गया । गुलजारी लाल जी का  निधन 15 जनवरी 1998 को दिल्ली में उनके निज निवास में हुआ।

लालबहादुर शास्त्री

लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधान मंत्री थे। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1904 को मुगलसराय में हुआ था। उनके पिता का नाम शारदा प्रसाद श्रीवास्तव और माता का नाम रामदुलारी देवी था। वह एक स्वतंत्रता सेनानी थे और महात्मा गांधी से बहुत प्रभावित थे।

उन्होंने श्वेत क्रांति में सहायता की। श्वेत क्रांति दूध के उत्पादन के साथ-साथ इसकी आपूर्ति को बढ़ाने के लिए समर्पित थी। लाल बहादुर शास्त्री ने 1965 में भारत में हरित क्रांति को भी बढ़ावा दिया। हरित क्रांति (Green Revolution )का उद्देश्य खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि करना था।

1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान उन्होंने सैनिकों और किसानों के महत्व को उजागर करने के लिए जय जवान, जय किसान का नारा दिया।

उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु 11 जनवरी 1966 को उज्बेकिस्तान के ताशकंद में हुई थी। बताया गया कि उनकी मृत्यु का कारण हृदयाघात था, लेकिन इसका कारण अभी भी विवादित है।

इन्दिरा गांधी

इंदिरा गांधी भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनी थी। उनका जन्म 19 नवंबर 1917 को (इलाहाबाद) प्रयागराज शहर में हुआ था।उनके पिता का नाम पंडित जवाहरलाल नेहरू और माता का नाम कमला नेहरू था।

इंदिरा जी ने भारत से गरीबी उन्मूलन करने के लिए  गरीबी हटाओ कार्यक्रम शुरु किया था। उन्होंने बांग्लादेश की स्वतंत्रता में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

उन्होंने देश में कृषि और किसानों के विकास के लिए अनेक प्रकार की योजनाएं बनाई थी। दुर्भाग्यवश 31 अक्टूबर 1984 को नई दिल्ली में उनके अंगरक्षक ने ही उन पर गोलियां चला कर उन की हत्या कर दी।

इंदिरा गांधी का जीवन विश्व में भारतीय महिला को एक सशक्त महिला के रूप में पहचान दिलाता है।

मोरारजी देसाई

मोरारजी देसाई का जन्म गुजरात के बुलसर जिले ( वलसाड ), में हुआ था। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान श्री देसाई तीन बार जेल गये। वह पहले भारतीय प्रधानमंत्री थे जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से संबंधित नहीं थे । 

वे प्रधानमंत्री बनने वाले विश्व के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति (81 वर्ष) भी थे, जो रिकार्ड आज तक उनके पास है। उन्होंने इंदिरा गांधी के शासन की निंदा करते हुए इसे तानाशाही शासन बताया। 

उन्होंने भारत को एक गुटनिरपेक्ष राज्य के रूप में पुनः स्थापित करने का प्रयास किया, और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ संबंधों में सुधार करके, जिसे वे सोवियत संघ के साथ अत्यधिक घनिष्ठ संबंध मानते थे , उसका प्रतिकार किया, तथा 1978 में जिमी कार्टर की मेजबानी की। 

जून 1979 में सोवियत संघ की यात्रा के दौरान उन्होंने अफगानिस्तान पर कब्जे के प्रति भारत का विरोध व्यक्त किया। उन्होंने चीन के साथ संबंधों में सुधार किया, जो 1962 के सीमा विवाद के बाद से बिगड़ गए थे।

चौधरी चरण सिंह

चौधरी चरण सिंह' का जन्म 23 दिसंबर, 1902 को भारत के उत्तर प्रदेश में हापुड़ जिले के नूरपुर गांव में हुआ।चौधरी चरण सिंह भारत के पांचवें प्रधानमंत्री थे। 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक प्रधान मंत्री के रूप में देश की सेवा की।

चौधरी चरण सिंह को 1979 में पेश किए गए एकमात्र बजट के लिए भी याद किया जाता है। उनकी एक अपील ने सभी किसानों को साहूकारों और जमींदारों के खिलाफ एकजुट कर दिया।

भारतीय कृषि क्षेत्र में उनका बहुत बड़ा योगदान था। जिस वजह से किसानों के दिल में चौधरी चरण सिंह के लिए एक विशेष स्थान है।चौधरी चरण सिंह एक महान लेखक भी थे और उन्होंने कृषि और गरीबी से संबंधित कई पुस्तकें और पर्चे लिखे।

29 मई 1987 को नई दिल्ली में 85 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। उनके सम्मान में मेरठ विश्वविद्यालय और यूपी में अमौसी हवाई अड्डे का नाम उनके नाम पर रखा गया।

पूर्व प्रधान मंत्री की स्मृति में, 23 दिसंबर को चौधरी चरण सिंह की जयंती पर भारत में हर साल 'किसान दिवस' (किसान दिवस) मनाया जाता है।

राजीव गांधी

राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को महाराष्ट्र के मुंबई में हुआ था।इनके पिता का नाम फिरोज गांधी व माता का नाम इंदिरा गांधी था। राजीव गांधी के जन्म तिथि, 20 अगस्त को सद्भावना दिवस के रूप में मनाया जाता है। 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या किये जाने के बाद वह भारत के प्रधानमंत्री बने। 

उन्होंने भारत में औद्योगिक की कहानी स्थापित करने के लिए निजी कंपनियों को प्रोत्साहन प्रदान करके देश की अर्थव्यवस्था को उदार बनाने का प्रयास शुरू किया।1986 में उन्होंने भारत के बच्चों को आधुनिक शिक्षा प्रदान करने के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय खोलने की घोषणा की।

उनकी मृत्यु 21 मई 1991 को हो गया। मरणोपरांत वर्ष 1991 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया।

विश्वनाथ प्रताप सिंह

विश्वनाथ प्रताप सिंह का जन्म 25 जून 1931 उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले में एक राजपूत जमीनदार परिवार में हुआ था। वह 1989 में फतेहपुर (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) से लोकसभा के लिए चुने गए और 11 महीने के लिए प्रधानमंत्री बने।

प्रधानमंत्री के रूप में सरकारी नौकरियों और शिक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के लिए बीपी मंडल आयोग की रिपोर्ट को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

दलितों और वंचितों से जुड़े मुद्दों पर वे लगातार सक्रिय रहे। इस दौरान कई देशों की यात्रा करने के अलावा वीपी सिंह सामाजिक न्याय और विभिन्न कलात्मक गतिविधियों से भी जुड़े।

स्मरणीय है कि विश्वनाथ प्रताप सिंह का 27 नवम्बर, 2008 को नई दिल्ली के इन्द्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में 77 वर्ष की आयु में निधन हो गया था।

चन्द्रशेखर

चंद्रशेखर का जन्म 1 जुलाई 1927 को उत्तर प्रदेश के इब्राहिमपट्टी गांव में हुआ था। उनके पिता एक किसान थे। उन्होंने 1951 में सतीश चंद्र पीजी कॉलेज से BA और इलाहाबाद विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में MA  की डिग्री हासिल की। वह 1964 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। 1967 में वह लोकसभा के लिए चुने गए ।

इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल के दौरान , उन्होंने गांधी की आलोचना की (भले ही उस समय वे कांग्रेस पार्टी के साथ थे)। नतीजतन, कांग्रेस पार्टी के शीर्ष निकायों के सदस्य होने के बावजूद उन्हें जेल में डाल दिया गया।

1969 में उन्होंने 'यंग इंडियन' नामक साप्ताहिक पत्रिका शुरू की। 1983 में उन्होंने देशव्यापी पदयात्रा का नेतृत्व किया और उन्हें 'युवा तुर्क' की उपाधि दी गई।

उन्होंने बैंकों के राष्ट्रीयकरण और भारत में राजकुमारों के प्रिवी पर्स को समाप्त करने में भी प्रमुख भूमिका निभाई।

आपातकाल के दौरान वे जयप्रकाश नारायण से बहुत प्रभावित हुए। वे व्यक्ति केंद्रित राजनीति के खिलाफ थे। वे लोकतांत्रिक मूल्यों के कट्टर समर्थक थे और गरीबों और वंचितों के पक्ष में खड़े थे। चंद्रशेखर का निधन 8 जून 2007 को हुआ था।

पी॰ वी॰ नरसिम्हा राव

पी. वी. नरसिम्हा राव का जन्म 28 जून 1921 को ब्रिटिश भारत के तेलंगाना के एक छोटे से गांव में हुआ।  कानून, कला और वाणिज्य में डिग्री के साथ राव की शैक्षणिक पृष्ठभूमि विविध थी।

1991 से 1996 तक प्रधान मंत्री के रूप में, राव ने आर्थिक सुधारों को शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को उदार बनाया, लाइसेंस राज को खत्म किया और वैश्वीकरण को बढ़ावा दिया।

 राव ने आर्थिक उथल-पुथल के समय पदभार संभाला और उनके कार्यकाल में महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव देखे गए जिनका उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करना था।

पी.वी. नरसिम्हा राव को 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। स्थिति से निपटने के सरकार के तरीके की आलोचना के बावजूद, वह संकट से निपटने में कामयाब रहे।

राव की संस्कृति और साहित्य में गहरी रुचि थी। उन्होंने अपनी साहित्यिक क्षमता का प्रदर्शन करते हुए विभिन्न भाषाओं में कई किताबें लिखीं। 23 दिसंबर, 2004 को उनका निधन हो गया।

अटल बिहारी वाजपेयी

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 ई० को भारत के मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था।अटल बिहारी वाजपेयी ने लॉ की पढ़ाई अपने पिता के साथ कानपुर के डीएवी कॉलेज से की थी।

1942 के 'भारत छोड़ो' आन्दोलन में उन्होंने भी भाग लिया था और 24 दिन तक कारावास में रहे थे। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी से की थी। वे 10 बार लोकसभा में और 2 बार राज्यसभा में सांसद रहे। 

वे दो मासिक पत्रिकाओं  राष्ट्रधर्म और पांचजन्य के संपादक रहे। साथ ही दो दैनिक समाचार पत्र स्वदेश और वीर अर्जुन के भी संपादक रहे। उनकी कविताओं की बेहतरीन रचना मेरी इकियावन कविताएं हैं।

पाकिस्तान के साथ मजबूत संबंध बनाने के लिए, उन्होंने 19 फरवरी 1999 को दिल्ली से लाहौर तक सदा-ए-सरहद नाम की एक बस सर्विस शुरू की थी जिसमें उन्होंने भी एक बार यात्रा की थी।

1992 में पद्म विभूषण, 1994 में लोकमान्य तिलक पुरस्कार, श्रेष्ठ सांसद पुरस्कार व गोविंद वल्लभ पंत जैसे पुरस्कारों से नवाजा गया। उनको दिसम्बर, 2014 में देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा गया।

एच॰ डी॰ देवगौड़ा

एच.डी. देवेगौड़ा भारत के 11 वें प्रधान मंत्री और कर्नाटक के 14 वें मुख्यमंत्री थे। उन्होंने छात्र नेता के रूप में स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था। वह तालुक विकास बोर्ड और सहकारी समितियों के सदस्य थे। 

उनकी रूचि कृषि और बागवानी में थी। वह यूनाइटेड फ्रंट की स्टीयरिंग कमेटी के अध्यक्ष थे। एच.डी। देवेगौड़ा एक प्रमुख राजनीतिक व्यक्तित्व थे जिन्होंने समाज के निचले वर्गों, मुख्य रूप से कृषिविदों को अपनाने में एक कुशल भूमिका निभाई थी। 

श्री एच.डी. देवेगौड़ा समाज के हर वर्ग को धैर्यपूर्वक सुनने के लिए जाने जाते हैं और इस प्रकार उन्हें मिट्टी का पुत्र कहा जाता था। अपने कार्य दिवसों के दौरान, वह विधानसभा की पुस्तकालय में किताबें पढ़ने में भी रुचि रखते थे। इसके अलावा, वह संसद की प्रतिष्ठा और गरिमा को बनाए रखने के लिए लोकप्रिय है। 

उन्होंने एक आरक्षण प्रणाली शुरू की जिसने अल्पसंख्यक, पिछड़े वर्ग, अनुसूचित जातियों और जनजातियों और महिलाओं को भी पसंद किया। 

इन्द्र कुमार गुजराल

श्री इंदर कुमार गुजराल 21 अप्रैल, 1997 को भारत के 12 वें प्रधानमंत्री बने। श्री गुजराल स्वर्गीय श्री अवतार नारायण गुजराल एवं स्वर्गीय पुष्पा गुजराल के पुत्र हैं। 

उन्होंने एम.ए, बी.कॉम, पीएच.डी. और डी. लिट। की उपाधि प्राप्त की थी। उनका जन्म 4 दिसम्बर 1919 को झेलम में हुआ। 26 मई 1945 को उन्होंने श्रीमती शीला गुजराल से विवाह किया।

वर्ष 1931 में 11 वर्ष की उम्र में श्री गुजराल ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया जिसमें पुलिस ने उनको झेलम में युवा बच्चों के आन्दोलन का नेतृत्व करने के लिए गिरफ्तार कर लिया और बर्बरता से पीटा। 1942 में भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान उन्हें फिर से गिरफ्तार किया गया।

अपनी खास विदेश नीति की वजह से गुजराल की पहचान रही है। उन्हें विदेश से जुड़े मामलों का विशेषज्ञ माना जाता था। उन्हें उनकी गुजराल डॉक्ट्रिन थ्योरी के लिए भी जाना जाता है।

 इस थ्योरी का मतलब यह है कि पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते बेहतर किए जाएं। बतौर विदेश मंत्री गुजराल ने 1996 में भारत को सीटीबीटी पर करार नहीं करने दिया था।

मनमोहन सिंह

मनमोहन सिंह  देश के 13वें प्रधानमंत्री हैं। 26 सितम्बर 1932 को पाकिस्तान के गाह में जन्मे डा. मनमोहन सिंह को देश में उदारवाद का जनक कहा जाता है। 

उनकी उदारवादी नीतियों ने एक दौर में गर्त में जाती देश की अर्थव्यवस्‍‌था को एक झटके में अपने पैरों पर खड़ा कर दिया था। मनमोहन सिंह देश के इकलौते राजनीतिज्ञ हैं जो राजनीति में आने से पहले तीन तीन बड़े सवैंधानिक पदों पर रहे।

 जवाहर लाल नेहरू के बाद मनमोहन सिंह अकेले प्रधानमंत्री रहे जिन्होंने लगातार दस साल तक देश का नेतृत्व किया।

यूपीए के पहले कार्यकाल में मनमोहन सिंह के खाते में मनरेगा, सूचना का अधिकार कानून जैसी बड़ी उपलब्धियां शामिल रहीं, जिसने आम जनमानस के जीवन में बड़ा बदलाव किया। 

कार्यकाल के अंतिम दिनों में अमेरिका से परमाणु समझौते के दौरान जिस तरह से मनमोहन सिंह ने सरकार को दांव पर लगाकर इस समझौते को अंजाम तक पहुंचाया इसने उन्हें आम जन का चहेता बना दिया।

नरेन्द्र मोदी

नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को हुआ था। नरेंद्र मोदी का जन्मस्थान वडनगर, मेहसाणा जिला, बॉम्बे राज्य (वर्तमान गुजरात) है। उनके पिता का नाम मूलचंद मोदी और उनकी माता का नाम हीराबेन था। 

नरेंद्र मोदी वर्ष 1987 में भाजपा में शामिल हुए।इसी समय से राजनीति जगत में उनका करियर शुरू हुआ। एक साल बाद ही उनकी नियुक्ति गुजरात में महासचिव के पद पर हुई। 

2014 के आम चुनावों में नरेंद्र मोदी ने भारी बहुमत से जीत हासिल की। ​​वे भारत के 15वें प्रधानमंत्री बने। मोदी कई सालों के बाद पूरे बहुमत से जीतने वाले पहले प्रधानमंत्री बने ।

नरेन्द्र मोदी ने न केवल भारत में बल्कि अमेरिका और रूस जैसे देशों में भी लोकप्रियता हासिल की है। जो पूरी दुनिया में सबसे शक्तिशाली और अग्रणी देशों में से एक है।

भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने के लिए उन्होंने पूरे देश में नोटबंदी का आदेश दिया। इसके अलावा, महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी कई अभियान चलाए गए। सड़कों पर छेड़छाड़ करने वालों को पकड़ने के लिए एंटी रोमियो स्क्वॉड जैसे अभियान चलाए गए।

इसके अलावा देश में एक बड़ा संशोधन किया गया, बाल यौन शोषण के दोषियों को फांसी तक की सजा दी गई। ये वो कदम थे जिसने उन्हें एक बेहतरीन प्रधानमंत्री बनाया। जिसकी वजह से 2019 के आम चुनावों में उन्हें फिर से प्रधानमंत्री चुना गया।

भारत सुरक्षित है और उल्लेखनीय प्रयासों के तहत आगे बढ़ रहा है। उनके योगदान और ईमानदारी के लिए उन्हें कई सम्मानों से सम्मानित किया गया है। उन्हें सऊदी अरब, अफगानिस्तान, फिलिस्तीन, संयुक्त अरब अमीरात, रूस, मालदीव, बहरीन, भूटान जैसे देशों में सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा सर्वोच्च डिग्री ऑफ मेरिट से सम्मानित किया गया है।

 

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