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जबलपुर। पर्यावरण की बात हो तो सहसा जहन में एक ही नाम आता है, और वह है कदम संस्था का। दिन, महीने, साल नहीं यह संस्था बीते दशक से लगातार न केवल पौधारोपण कर प्रकृति की रक्षा के संकल्प पर कदम बढ़ा रही है बल्कि उन पौधों को वृक्ष में बदलने तक बच्चों की तरह सहेजती भी है। पर्यावरण दिवस के मौके पर संस्था ने 4 वर्ष में जबलपुर में 1 लाख नीम के पौधे लगाने और उन्हे वृक्षों में बदलने के संकल्प का सोपान पूरा करने की ठान ली है।
कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी ने दी प्रेरणा
कोविडकाल में जब लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही थी तब कदम संस्था ने यह महसूस किया कि जन्मदिन पर जब पौधा रोपण किया जाता है तब एक नई शुरुआत की जाए वह यह कि पूरे शहर को नीम के वृक्षों से ढक दिया जाए।
कदम संस्था के संस्थापक योगेश गनोरे का कहना है कि 4 वर्ष में 1 लाख नीम के पौधे लगाने का लक्ष्य है। इसके लिए विभिन्न स्थलों का चयन कर लिया है। शासकीय मेडिकल कॉलेज में पांच हजार,शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में दस हजार,अधारताल में दस हज़ार इसके अलावा शहर के अन्य स्थानों पर नीम के पौधे लगाए जाएंगे। चार साल बाद हर सुरक्षित नीम के एक लाख वृक्ष की गिनती की जाएगी।
जन्मदिन के मौके पर संस्था के सदस्य करते हैं पौधारोपण
गनोरे ने बताया कि बीते कई सालों से कदम संस्था अपने सदस्यों, उनके परिजनों या किसी भी परिचित व्यक्ति के जन्मदिन के मौके पर पौधारोपण का पुण्यकार्य करती है। यही नहीं संस्था पिछले 18वर्ष से रोज ठीक 10 बजे पौधा रोपण करके लोगों का जन्मदिन मनाती है। जिसके चलते संस्था अब तक जितने पौधे लगाकर उन्हें वृक्ष में बदल पाई है उनकी संख्या बेहद ज्यादा है।
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