COIMBATORE. कोयंबटूर में नंदी हिल्स की तलहटी में मकर संक्रांति के मौके पर 15 जनवरी को आदियोगी शिव की 112 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया गया। आदियोगी की प्रतिमा का निर्माण चिक्कबल्लापुर जिले के नंदी हिल्स स्थित ईशा फाउंडेशन परिसर में किया गया है। आश्रम की स्थापना भारतीय कला, संस्कृति और आध्यात्मिक परंपराओं को बढ़ावा देने के लिए की गई है।
क्यों खास है प्रतिमा?
यह प्रतिमा आदियोगी की दूसरी प्रतिमा है, जो पहली प्रतिमा की तरह ही की 112 फीट ऊंची है। कोयंबटर में भगवान शिव आदियोगी की पहली प्रतिमा गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है। आदियोगी की दूसरी प्रतिमा हूबहू पहली प्रतिमा की तरह ही है, जिसमें भवगान शिव का चेहरा बनाया गया है। दुनिया में ये इतनी ऊंची केवल चेहरे वाली अकेली प्रतिमा है।
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सद्गुरु जग्गी वासुदेव की बेटी ने दी प्रस्तुति
आदियोगी की प्रतिमा के अनावरण से जुड़े कार्यक्रम में ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव की बेटी राधे जग्गी की भरतनाट्यम प्रस्तुति और केरल के अग्नि नृत्य थेयम का प्रदर्शन आकर्षण का केंद्र रहा। इस अवसर पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर और प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बी सी नागेश उपस्थित थे।
ईशा योग केंद्र पर था नियमों और कानूनों का उल्लंघन का आरोप
कर्नाटक हाई कोर्ट ने ईशा योग केंद्र की आदियोगी प्रतिमा का अनावरण करने की अनुमति शुक्रवार को दे दी थी। हालांकि, हाई कोर्ट ने उस स्थल पर निर्माण गतिविधियों को लेकर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। जनहित याचिका में आरोप लगाया गया था कि ईशा योग केंद्र ने वनों और भूमि अधिग्रहण से संबंधित विभिन्न नियमों और कानूनों का उल्लंघन किया है।
केंद्र ने कोर्ट में कहा था आयोजन के लिए कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा
ईशा योग केंद्र के वकील ने मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी. वराले और न्यायमूर्ति अशोक एस. किंगई की खंडपीठ का रुख किया और दलील दी कि अनावरण के संबंध में आमंत्रण न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। कोर्ट को बताया गया कि आयोजन के लिए कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा और निर्माण गतिविधियां नहीं की जाएगी। कोर्ट ने इस दलील पर भी गौर किया और कहा कि कार्यक्रम किया जा सकता है, क्योंकि यह पहले से तय था।