देव श्रीमाली,GWALIOR. पुलिस ने आठ साल पहले दावा किया कि उसने आरोपियों से शराब का जखीरा पकड़ा। इसके बाद आबकारी एक्ट के तहत गिरफ्तार कर कायमी भी की, लेकिन जब केस कोर्ट में ट्रायल पर आया और उसने जब्त किए गए माल मशरूका का विवरण मांगा तो खोजबीन के बाद पता चला कि जब्त की गई मदिरा तो थाने में है ही नहीं। जांच के बाद एसपी ने इस मामले में थाने के एक एएसआई और हेड मुहर्रिर को सस्पेंड कर दिया है।
15 पेटी शराब की थी जब्त
मामला वर्ष 2014 का है। जानकारी के मुताबिक आरोन पुलिस ने देसी शराब की 15 पेटी जब्त की थीं। जब्त शराब न्यायालय में प्रस्तुत करना थी, लेकिन थाने के मालखाने में जब्त शराब की पेटियां नहीं मिलीं, गायब हो गईं। इसके बाद महकमे में हड़कंप मच गया और फटाफट मामले की जांच पड़ताल शुरू हुई।
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एक सब इंस्पेक्टर और हेड मुहर्रिर निलंबित
आरोन थाने से देशी शराब की 15 पेटी गायब होने के मामले में एसएसपी अमित सांघी ने तत्कालीन थाना प्रभारी एसआई विदुर कौरव और प्रधान आरक्षक श्याम सिंह को निलंबित कर दिया है। जांच में दोनों की लापरवाही साबित होने के बाद एसएसपी ने यह कार्रवाई की है।
पुलिस की दिक्कत कोर्ट को क्या बताएं
जांच में थाने के मालखाने में दर्ज केस में जब्त हुआ माल मशरूका मिला नही है अब पुलिस के सामने दुविधा ये है कि वह इस मामले का कोर्ट में क्या जबाव दें क्योंकि या तो वह बताए की शराब की जप्त की गईं 15 पेटियां मालखाने से गायब या चोरी हो गईं और या फिर यह कहे कि केस में फर्जी जब्ती दिखाई गई।
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