पालक, हल्दी, चुकंदर और फूलों से बने हर्बल गुलाल की डिमांड, बिना मशीन के बनता है

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Atul Tiwari
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पालक, हल्दी, चुकंदर और फूलों से बने हर्बल गुलाल की डिमांड, बिना मशीन के बनता है

भोपाल. होली पर रंग-गुलाल की बात होनी लाजमी है। मध्य प्रदेश राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ (भोपाल) की महिलाओं ने पालक, हल्दी, चुकंदर, सिंदूर और फूलों के अर्क यानी रस से हर्बल गुलाल बनाया है। यह गुलाल राजधानी के बरखेड़ा पठानी की विंध्य नर्सरी में 1 मार्च से 10 मार्च यानी 10 दिनों में तैयार किया है। होली पर इस गुलाल की डिमांड भी खूब है। इसका सबसे बड़ा लाभ यही है कि इसके उपयोग से शरीर को कोई नुकसान भी नहीं होगा। 



कोई साइट इफेक्ट नहीं: भोपाल में संजीवनी आयुर्वेद आउटलेट के प्रभारी जीएस तिवारी बताते हैं कि खुशबू युक्त यह गुलाल यदि गलती से आपकी आंखों और मुंह में चला जाता है तो इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। जबकि बाजार में मिलने वाले रंग और गुलाल के इस्तेमाल से स्किन पर बुरा असर पड़ सकता है। इससे सिरदर्द, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी शिकायतें होती हैं। विंध्य हर्बल गुलाल से इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होते है। यही कारण है कि इसकी डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। 



ऐसे तैयार होता है तैयार: विंध्य हर्बल गुलाल चार कलर हरा, पीला, नारंगी और लाल रंग में ही मिल रहा है। गुलाल किसी भी कलर का हो, पर उसमें बेस अरारोट के आटे का होता है। फिर इसमें रंग के हिसाब से सिंदूर, पालक, चुकंदर, हल्दी और फूलों के रसों का उपयोग होता है। अरारोट के आटे को एक बड़े बाउल में डालकर उसमें अन्य सामग्री मिक्स करते हैं और फिर उसे सुखाकर मलते हैं। इस बीच उसमें कुछ दाने रह जाते हैं तो फिर उसे मलकर सूखाते हैं। यह प्रक्रिया लगातार तब तक चलती है, जब तक कि पाउडर पूरी तरह से महीन न हो जाए। इस गुलाल की खास बात यह भी है कि इसे तैयार करने में किसी तरह की कोई मशीनरी का उपयोग नहीं होता। 



कहां और कितने में मिलेगा: विंध्य हर्बल गुलाल की पैकिंग 50 ग्राम में है, जिसकी कीमत 25 रुपए है। यह लाल, नारंगी, पीले और हरे रंग में प्रदेश की सभी संजीवनी आउटलेट पर उपलब्ध है। इसके अलावा यह विंध्य हर्बल की अन्य फ्रेंचाइजी पर भी आपको मिल सकता है। भोपाल में यह आपको सेकंड नंबर स्टॉप के पास स्थित संजीवनी आयुर्वेद आउटलेट पर मिलेगा। 



लगातार बढ़ रही है डिमांड: विंध्य नर्सरी के प्रभारी केबीएस परिहार ने बताया कि 2005 में हर्बल गुलाल बनाने की शुरुआत हुई थी। तब से लगातार इसकी डिमांड बढ़ रही है। इस होली सीजन पर 4 क्विंटल से ज्यादा हर्बल गुलाल तैयार किया गया है। संजीवनी आउटलेट के प्रभारी जीएस तिवारी ने बताया कि आउटलेट पर तीन दिन पहले जो स्टॉक आया था, वह खत्म हो गया। गुलाल का नया स्टॉक भी बुलाया,  जो तेजी से निकल रहा है।


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