भोपाल/इंदौर/जबलपुर/रतलाम. केंद्र सरकार ने 1 जनवरी से GST की दरें 5 से बढ़ाकर 12 फीसदी करने का फैसला लिया है। इसके विरोध में कपड़ा व्यापारियों (cloth traders protest) ने मोर्चा खोल दिया है। राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के 4 बड़े शहर इंदौर, जबलपुर और रतलाम में कपड़ा व्यापारियों ने 30 दिसंबर को विरोध प्रदर्शन किया। व्यापारियों ने कहा कि दरें बढ़ाने से कपड़े का निर्माण और उसे बाजार में बेचना महंगा हो जाएगा।
काली पट्टी बांधकर जबलपुर में विरोध
जबलपुर में भी कपड़ा व्यापारियों (Cloth traders protest in jabalpur) ने केंद्र सरकार के फैसले का जमकर विरोध किया और इसे आम जनता के हितों से खिलवाड़ करार दिया। कपड़ा व्यापारियों का कहना है कि मौजूदा दौर में 7 फीसदी बढ़ाने से कपड़ों की खरीदी करने वाले ग्राहकों की जेब ज्यादा ढीली होगी। इसके खिलाफ जबलपुर के व्यापारियों ने बकायदा GST संघर्ष समिति का भी गठन किया है, जिसके बैनर तले रोजाना गारमेंट व्यवसायी आंदोलन कर रहे हैं। काली पट्टी बांधकर व्यापारियों ने शहर के मुख्य बाजारों में प्रदर्शन किया और व्यापारियों का समर्थन जुटाते हुए केंद्र सरकार से GST की प्रस्तावित दरों को वापस लिए जाने की मांग की।
भोपाल में भी सड़कों पर उतरे व्यापारी
राजधानी (Cloth traders protest in bhopal) में 30 दिसंबर को कपड़ा व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद कर विरोध प्रदर्शन किया। व्यापारियों ने सरकार के इस फैसले को गलत बताते हुए कहा कि इससे गरीब तबके के लोगों को अपने जरूरतों को पूरा करने महंगे दामों पर कपड़ा खरीदना पड़ेगा। GST की दर में वृद्धि का सीधा प्रभाव कपड़े की दरों पर पड़ेगा। इसी कारण व्यापारी एसोसिएशन कई दिनों से लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहा है। आज संत हिरदाराम नगर के कपड़ा व्यापारियों ने अपना कारोबार बंद कर विरोध प्रदर्शन (Protest against gst) किया।
इंदौर में व्यापारियों ने लगाए ठेले
प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर (Indore cloth trader protest) में व्यापारियों ने कपड़े की दुकानों के सामने सब्जी और चाट के ठेले लगाए। क्लॉथ मार्केट, सीतलामाता बाजार, नलियाबाखल, सांठा बाजार आदि जगहों पर स्थित रेडिमेड कपड़ों की दुकानें बंद रहीं। कुछ व्यापारियों ने अपनी कपड़ों की दुकानों के आगे सब्जी और पोहे-भजिए के ठेले लगाकर विरोध किया। विरोध कर रहे व्यापारियों के बीच विधायक संजय शुक्ला पहुंचे। उन्होंने व्यापारियों से पोहे-भजिए खरीदे।
रतलाम में करीब एक हजार दुकानें रही बंद
शहर में करीब एक हजार कपड़ा दुकानें बंद रही। फेडरेशन ऑफ सूरत टेक्सटाइल्स एसोसिएशन के आह्वान पर रतलाम (Ratlam Protest) के व्यापारियों ने पूरे दिन का बंद किया। रतलाम क्लॉथ एसोसिएशन सचिव रवि दख ने बताया कोरोना के दौरान पहले ही कारोबारियों की आर्थिक स्थिति काफी प्रभावित हुई है। लॉकडाउन में पूरा कारोबार ठप रहा। यहां तक की शादियां भी अधिक संख्या में नहीं हुई। ऐसे में कपड़ा बाजार में सबसे अधिक असर हुआ। इसके बाद भी बगैर कोई चर्चा किए GST बढ़ाकर 5 प्रतिशत से 12 प्रतिशत कर दिया गया।
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