नवीन मोदी, GUNA. आमतौर पर स्कूली बच्चों को गर्मी के मौसम में लंबी छुट्टी दी जाती है, लेकिन गुना की मक्सूदनगढ़ तहसील के अंतर्गत आने वाले चोपना गांव के बच्चों को बारिश के मौसम में भी तीन से चार महीने तक मजबूरन स्कूल से छुट्टी करनी पड़ती है। इस गांवा में भील आदिवासी समाज के लोग निवास करते हैं। दरअसल ग्राम चोपना में पांचवी तक स्कूल बना हुआ है, वही पांचवी के बाद गांव से चार-पांच किलोमीटर दूर मौजूद मऊ गांव में बने स्कूल में जाना होता है। लेकिन दोनों गांव के बीच में एक विशाल नदी है। जो बारिश के दिनों में उफान पर आ जाती है।
बारिश में बढ़ जाता है नदी का जलस्तर
बरसात के मौसम में इस नदी का जलस्तर काफी ज्यादा बढ़ जाता है। इससे चोपना गांव के बच्चे अपनी पढ़ाई करने के लिए मऊ गांव के स्कूल नहीं पहुंच पाते हैं। इस सम्बंध में ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल के साथ-साथ मऊ गांव में ही शासकीय राशन की दुकान है, नदी पर पुल न होने की वजह से बच्चे भी स्कूल नहीं जा पाते हैं, न ही शासकीय राशन दुकान से राशन आ पाता है।
कई सालों से पुल बनाने की मांग
कई बार गांव के लोगों ने नदी पर पुल बनवाने की मांग की है। लेकिन अभी तक शासन-प्रशासन ने इस ओर कोई खास ध्यान नहीं दिया है। जबकि इस नदी में साल के 12 महीने ही पानी रहता है। गर्मियों के दिनों में भी बच्चे नदी को ट्यूब और छोटी नावों की मदद से पार कर कर स्कूल पहुंचते हैं।