अंशुल मित्तल । ग्वालियर. जिला प्रशासन ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) से जिस 30 बेड के अस्पताल का लोकार्पण कराया है। उस अस्पताल के इंजार्च ही बोल रहे हैं कि अभी इसे तैयार होने में एक महीना लग जाएगा। फिर भी जल्दबाजी में बड़ी भव्यता के साथ 4 करोड़ 68 लाख रुपए के बजट (Gwalior Hospital Budget) से बन रहे नए-नवेले अस्पताल को जनता के लिए समर्पित कर दिया। ऐसे में सवाल उठता है कि जिला प्रशासन ने इतनी जल्दबाजी में अस्पताल का शुभारंभ क्यों कराया? साथ ही आधे-अधूरे अस्पताल का फीटा काटने की जानकारी केंद्रीय मंत्री को कैसे नहीं लगी? दरअसल, 26 दिसंबर को सिंधिया ने शहर की 2 लाख की आबादी के बीच दीनदयाल नगर (Deendayal Nagar Hospital) में बनाए गए 30 बेड के कम्युनिटी हेल्थ सेंटर (Gwalior community center inaugurated controversy) का लोकार्पण किया है। इस सरकारी स्वास्थ्य केंद्र को सर्वसुविधा युक्त हॉस्पिटल बताया जा रहा है, लेकिन जब द सूत्र की टीम ने मौके पर पहुंचकर दावों की पड़ताल की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
बगैर स्टॉफ का अस्पताल
जिस अस्पताल को सर्वसुविधा युक्त बताया जा रहा है। उसमें ना तो डॉक्टरों की व्यवस्था है, नाही नर्सिंग स्टॉफ (Nursing staff) की। सबसे हैरान करने वाली बात है कि जिसे ऑपरेशन थियेटर बताया जा रहा है, वहां अभी कबाड़ बिखरा हुआ है। अस्पताल के इंचार्ज डॉ. मनोज राजोरिया (Manoj Rajoriya) ने बताया कि अभी अस्पताल का पूरा मैनेजमेंट हो रहा है। सामान भी शिफ्ट करा रहे हैं, बिजली कनेक्शन भी ले रहे हैं। अस्पताल के लिए अभी सामान आएगा। इसमें एक महीना लग जाएगा। अभी स्टॉफ की भी कमी है। जब तक डॉक्टर नहीं आ जाते हैं, यहां पर इमरजेंसी नहीं सिर्फ ओपीडी चलेगी। हम अस्पताल को लाइन पर लाने की कोशिश कर रहे हैं।
इलाज कराने आए मरीजों को नाउम्मीदी मिली
अस्पताल में मरीजों का आना शुरू हो गया है। अस्पताल में इलाज कराने आए एक पेशेंट ने बताया कि अभी हमने पर्चा बनवाया है। हमें बताया गया है कि डॉक्टर अभी आ रहे हैं। देखते हैं कब तक आते डॉक्टर साहब? हमें लगा कि लोकार्पण के बाद अच्छी व्यवस्था होगी। लेकिन यहां पर डॉक्टर तक मौजूद नहीं है। जिस भव्यता के साथ उद्घाटन किया गया, इसके भरोसे यदि कोई व्यक्ति अपने मरीज को लेकर यहां आता है तो उसे क्या जवाब दिया जाएगा और जवाब देगा कौन? क्योंकि यहां तो जवाब देने वाले जिम्मेदार है ही नहीं....
केंद्रीय मंत्री ने किया बेहतर सुविधाओं का दावा
अस्पताल का शुभारंभ करते हुए सिंधिया ने कहा कि इस अस्पताल के बन जाने से सिर्फ दीनदयाल नगर के ही नहीं, बल्कि आसपास के क्षेत्र के लोगों को भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेगा। यहां के लोगों को अब मुरार जिला अस्पताल या JAH नहीं जाना पड़ेगा। वहीं, अस्पताल में 10 बेड का ICU बनाने की भी कवायद की जा रही है। क्योंकि पहले ICU बनाने से इसलिए इनकार कर दिया गया था कि 30 बेड के अस्पताल (30 Bed Hospital in Gwalior) में ICU की सुविधा नहीं होती है। लेकिन दीनदयाल नगर विकास समिति के पदाधिकारियों ने ICU की मांग करते हुए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तक को पत्र लिखा। इसमें तर्क दिया गया कि जब छिंदवाड़ा के एक अस्पताल में ICU बेड हो सकता है तो यहां क्यों नहीं? इसके बाद 42 लाख 50 हजार रुपए की लागत से इसे बनाने की कवायद की जा रही है।
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