भोपाल। मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (MKVVCL) ने अपने ही कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधा बंद कर दी है। जबकि कंपनियां बनने के पहले से विद्युत कैडर के कर्मचारियों को बिजली बिल में 50 फीसदी छूट मिलती आई है। ऊर्जा सुधार बिल-2000 पारित होने के बाद भी ये रिबेट मिल रही थी, जिसे जुलाई 2021 से अचानक बंद कर दिया है। कंपनी का ये फैसला कर्मचारियों और अधिकारियों को नागवार गुजर रहा है। खास बात ये कि प्रदेश की 6 कंपनियों में से केवल MKVVCL ने ही रिबेट पर कैंची चलाई है। जिसके खिलाफ ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से शिकायत भी की गई है।
सोलर प्लांट लगाने की शर्त
कंपनी चाहती है कि कर्मचारी अपने घरों की छत पर रूफ टॉप सोलर प्लांट लगा लें। लेकिन अब तक किसी भी कर्मचारी ने सोलर प्लांट (solar plant) नहीं लगाया है। कर्मचारियों का कहना है कि सोलर प्लांट को लेकर कंपनी का दोहरा रवैया है। एक तरफ कंपनी के कार्पोरेट ऑफिस को छोड़कर किसी भी भवन में सोलर प्लांट नहीं लगाया गया है। दूसरी तरफ कर्मचारियों को बाध्य किया जा रहा है।
कर्मचारियों ने मांगा ऑप्शन
इंडियन नेशनल इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय महामंत्री बीडी गौतम (BD gautam) ने मांग की है कि कर्मचारियों को विकल्प दिया जाना चाहिए। जो कर्मचारी सोलर प्लांट लगवाना चाहे उसे नई योजना (yojana) में शामिल किया जाए। ऑप्शन के तौर पर बिजली बिल में 50 फीसदी की रिबेट जारी रखी जाए। गौतम ने नई योजना लागू होने से पहले ही रिबेट बंद किए जाने पर आपत्ति जताई है।